विश्वास की यह पूंजी बची रहे, बनी रहे और बढ़ती रहे…

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विश्वास की यह पूंजी बची रहे, बनी रहे और बढ़ती रहे…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी लोक सेवकों से प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास के लिए प्राण-प्रण से कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के सर्वांगीण विकास और जनता के कल्याण के लिए शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर मिशन मोड में कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की है। लोक सेवकों का यह दायित्व है कि वे अपनी प्रतिभा, लगन, क्षमता और समर्पण के साथ जनता तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाएँ। हम सब देश और समाज के विकास का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें। कलेक्टर्स-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ के बाद अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार सबके साथ, सबके लिए खड़ी है। जनता में यह विश्वास पैदा करना ही सुशासन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। प्रदेश में जनता का विश्वास हमें मिल रहा है। यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें यह जनविश्वास हर हाल में बनाए रखना है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह उम्मीद प्रदेश के उन नौकरशाहों से है जो सबसे ज्यादा अधिकार संपन्न हैं। जिनके कंधों पर समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। शासन व्यवस्था को और अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत बनाने की बात हो या योजनाओं का लाभ और अधिक शीघ्रता से जनता तक पहुंचाने की, जिलों में पदस्थ कलेक्टर यह काम कैसे किया जाए यह भली भांति जानते हैं। कई जिलों में यह देखने को भी मिलता है। पर कई जिलों में स्थितियां बेहद गंभीर भी नजर आती हैं। अकेले शासन व्यवस्था को और अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी बनाने से काम चलने वाला नहीं है। ज्यादा जरूरी यह है कि जिलों में पदस्थ कलेक्टर खुद को अधिक सहज, सरल, बेहतर और पारदर्शी बनाने में सफल हों। और यह बात स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं है कि कई जिलों के कलेक्टर इस मामले में रोल मॉडल हैं। तो यह कहने में भी कोई हिचक नहीं है कि कई जिलों के कलेक्टर खुद को बेहद असहज, कठिन और अपारदर्शी बनाकर खुद में निहित शक्ति का बेजा इस्तेमाल करने से भी नहीं चूक रहे हैं। फिर यहां जिम्मेदारी शासन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ही है कि ऐसे चेहरों की पहचान करें ताकि ऐसे अफसर खुद को वास्तविक सहज, सरल और पारदर्शी बनाने की कोशिश कर सकें। पूरी दक्षता और तथ्यों के साथ अपनी बात रखना इन्हें भली भांति आता है और इसका बेजा इस्तेमाल करना भी वह बखूबी जानते हैं। स्थानीय जनता, मीडिया और जनप्रतिनिधियों से संवादहीनता बनाए रखकर भी यह नवाचार और तथ्यों को रखने में सफल हो जाते हैं और सरकार से वाहवाही भी लूट लेते हैं। ऐसे अफसरों की सूची पारदर्शिता के साथ तैयार कर सरकार को इन्हें जिलों से हटाने पर जोर देने की जरूरत है।

 

हालांकि मुख्यमंत्री की सभी अपेक्षाएं बिल्कुल सही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि परमात्मा ने यदि हमें समाज के लिए काम करने का दायित्व दिया है तो हमें एक विनम्र विद्यार्थी की तरह इस दायित्व का निर्वहन करना ही चाहिए। हर दिन, हर तरीके से नई चीजें सीखें और अपनी दक्षता और अनुभव से उनका बेहतर क्रियान्वयन करें, लक्ष्य यह रखें कि नवाचार का समाज को अधिकतम लाभ मिले। फील्ड में तैनात अधिकारियों की बड़ी जिम्मेदारी है कि जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिले। गुड गवर्नेंस से हम ग्रेट रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं और हम सभी को इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परफॉर्म, रिफार्म एंड ट्रांसफॉर्म के रूप में जन सेवा का मंत्र दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी इस मंत्र को आत्मसात कर “विकसित और आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण के लिए “विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” का निर्माण करें। कलेक्टर्स ऐसे जनहितैषी कार्य करें, जो आने वाले समय में जिले की जनता को याद रहें। अपने कार्यकाल का एक-एक क्षण जन-कल्याण में लगाएं और प्रदेश को नई ऊंचाईयों में ले जाएं। उन्होंने कहा कि नवाचार ऐसे हों, जो दीर्घकालिक हों। जिस विभाग से संबंधित नवाचार हो, उसकी पूरी कार्ययोजना विभाग से अनुमोदित हो, जिससे वह नवाचार स्थाई हो सके। सभी अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही सिंचाई परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर ध्यान देने के साथ सिंचित रकबा बढ़ाने की दिशा में प्रयास और नवाचार करें। शालाओं में नामांकन दर को बढ़ाना भी अति आवश्यक है। जनता को गुड गवर्नेस लाभ दिलाने के लिए व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है, तो वह भी जरूर करें। जिलों में तैनात सभी अधिकारी लगातार दौरे करें, किसी गांव में रात्रि विश्राम भी करें। फील्ड दौरों में छात्रावास, स्कूल, आंगनबाड़ी, राशन दुकान, निर्माण कार्यों, हॉस्पिटल आदि का औचक निरीक्षण भी करें।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि जिले की औद्योगिक और आर्थिक संभावनाओं का गहराई से अध्ययन कर ठोस कार्ययोजना बनायें। ऐसे प्रयास हों कि जिले में उद्योगों के साथ रोजगार के अवसर सृजित हों, जिससे जिले आत्मनिर्भर बन सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल करें और स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहित किया जाए जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा को भी रोजगार से जोड़ने की बात कही जिससे युवाओं के लिए व्यापक अवसर उपलब्ध हों। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारा प्रदेश कृषि उपज पर आधारित है। इसलिए सरकार का मूल लक्ष्य प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा देना और कृषि फसलों की तुलना में उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाना है।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक नई सुविधाए प्रारंभ की गई हैं। कलेक्टर्स स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार सुनिश्चित करें और हॉस्पिटल में सतत् विजिट करें, जिससे हॉस्पिटल की कमियों को दूर किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विजन-2047 में आबादी के हिसाब से नगरों के सुनियोजित विकास पर विशेष ध्यान देने के लिये कहा है। उनकी मंशा के अनुरूप प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों का विकास भी सुनियोजित तरीके से हो सके इसके लिये जिलों में भी वर्ष 2047 को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार कर समन्वय के साथ क्रियान्वयन किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री की सोच अच्छी है और उनका विजन विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में प्रदेश को सबसे तेज गति से दौड़ाने का है। और यह कमिश्नर्स-कलेक्टर्स के सहयोग के संभव नहीं है। उम्मीद यही है कि मुख्यमंत्री की भावनाओं के अनुरूप कलेक्टर्स-कमिश्नर्स और सभी नौकरशाह जनता के विश्वास की पूंजी को बचाएं रखेंगे, बनाए रखेंगे और बढ़ाते रहेंगे…।

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर  चुके हैं।