
सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों का टेंडर रद्द किया, अधिकारियों और सप्लायरों को झटका
विनोद काशिव की रिपोर्ट
नई दिल्ली/रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के समग्र शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए करोड़ों रुपए के खेल सामग्री टेंडर को रद्द कर दिया है। न्यायालय ने पाया कि टेंडर की शर्तें इस तरह बनाई गई थीं कि केवल चुनिंदा स्थानीय फर्मों को लाभ मिले और प्रतिस्पर्धा सीमित हो जाए।
मामले में यह भी स्पष्ट हुआ कि विभाग ने ₹6 करोड़ से अधिक के स्थानीय अनुभव की अनिवार्यता जैसी शर्तें जोड़ी थीं, जिससे अन्य राज्यों की नामी कंपनियाँ स्वतः ही अयोग्य हो गईं। अदालत ने इसे “निष्पक्ष प्रतियोगिता की भावना के विपरीत” बताते हुए पूरा टेंडर निरस्त कर दिया।
इस फैसले से विभागीय अधिकारियों और सप्लायर कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। अब पूरे टेंडर की प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी होगी।
कानूनी जानकारों का कहना है कि यह आदेश सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पूरी प्रक्रिया संदेह के घेरे में आने के बाद कोर्ट के आदेश के बाद कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई संभव है ।





