
Court’s judgment : किसान क्रेडिट कार्ड योजना में ऋण देने में भ्रष्टाचारी बैंक मैनेजर, ऋण अधिकारी सहित 33 लोगों में से 16 को कारावास, 17 आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी!
Ratlam : आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई इन्दौर के विशेष प्रकरण क्रमांक 03/2015 में न्यायालय, विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 संजीव कटारे ने बैंक मैनेजर, ऋण अधिकारी को 2-2 वर्ष का कारावास तथा ऋण प्राप्त करने वाले 14 अपात्र कृषकों को 3-3 वर्ष कारावास व 1-1 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। निर्णय में आरोपी मुख्य आरोपी बद्रीलाल पाटीदार, तत्कालीन बैंक प्रबंधक, बैंक ऑफ इण्डिया बजाजखाना शाखा एवं सह-आरोपी दिलीप मेहता, तत्कालीन लोन प्रबंधक, बैंक ऑफ इण्डिया, बजाजखाना शाखा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) में 2-2 वर्ष का कारावास एवं एक-एक हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 420, 120बी भादंवि में 2-2 वर्ष का कारावास एवं 1-1 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया इसके अलावा साक्ष्य के अभाव में 17 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।
सहायक निदेशक अभियोजन श्रीमती आशा शाक्यवार ने बताया कि माह जनवरी 2010 में बैंक ऑफ इण्डिया के तत्कालीन आंचलिक प्रबंधक पीडी उपाध्ये के आदेश पर 19 फरवरी 10 को प्रबंधक मानव संसाधन एवं विजिलेंस लायजन ऑफीसर सुनील गुप्ता ने उनके सहयोगी स्टॉफ अधिकारी रविन्द्र कुमार सिरोडिया के साथ रतलाम पंहुचकर बैंक ऑफ इण्डिया से संबंधित रामलाल पाटीदार निवासी भदवासा की शिकायत की जांच की थी। उन्होंने रामलाल पाटीदार बैंक शाखा रतलाम के कर्मचारियों, थाना माणकचौक के पुलिस अधिकारी जाटव एवं ग्राम भदवासा के किसानों से चर्चा एवं पूछताछ की थी तो यह बात सामने आई थी की उक्त बैंक में दलाल राधेश्याम पाटीदार आदि के माध्यम से बैंक मैनेजर बीएल पाटीदार ने फर्जी केसीसी लोन प्रकरण बनाए हैं। जांच के दौरान ही दिनेश चुंड़ावत और महेश मीणा नामक व्यक्तियों ने सुनील गुप्ता से जांच आगे न बढ़ाने का अनुरोध कर मामला जल्द ही निपटा देने का आश्वासन दिया था और उसी समय 50 हजार रुपए बैंक में जमा करा दिए थे तथा दूसरे दिन 2 लाख रुपए और जमा कराने का आश्वासन देकर 1 लाख 30 हजार रुपए जमा कराए थे।
सुनील गुप्ता को प्राथमिक जांच पर रामलाल पाटीदार की शिकायत सही प्रतीत होने से उन्होंने आंचलिक प्रबंधक पीडी उपाध्ये को 21 फरवरी 2010 को उनकी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की। पीडी उपाध्ये ने सुनील गुप्ता को रतलाम शाखा के केसीसी खातों की जांच करने का लिखित आदेश दिया जिसके पालन में उन्होंने उनके सहयोगी रविन्द्र कुमार सिरोडिया के साथ 15, 16 एवं 23 मार्च 2010 को बैंक आफ इंडिया की रतलाम शाखा ग्राम भदवासा, धामनोद एवं ईसरथुनी में जांच की थी। बैंक शाखा के 110 केसीसी फाईलों का परीक्षण किया गया था और उनमें संलग्न भू-रिकार्ड का राजस्व विभाग के वेबसाइड MP bhuabhilekh.nic.in से मिलान किया गया था।
23-मार्च-2010 को वह तहसीलदार रतलाम राजकुमार हलधर से मिले थे और संदिग्ध लोन प्रकरणों से संबंधित किसानों की कृषि भूमि के सत्यापन हेतु सूची, ऋण पुस्तिका और खसरा बी-1 की छायाप्रतियों उन्हें दी गई थी। तहसीलदार से जांच रिपोर्ट प्राप्त करके उन्होंने उनकी जांच रिपोर्ट 24-अप्रेल-10 को उपाधये को सौंपी थी। जांच में पाए गए तथ्यों के अनुसार शांतिलाल पिता बगदीराम धाकड निवासी ईसरथुनी अनोखेलाल पिता चंपालाल पाटीदार निवासी धामनोद, दशरथ पिता लक्ष्मीनारायण पाटीदार, मुकेश पिता चतुर्भुज पाटीदार निवासी कुआझागर, कचरुलाल पिता ईश्वरलाल धाकड़ निवासी ईसरथुनी, रामलाल पिता भैरुलाल पाटीदार निवासी भदवासा, किशन पिता गिरधारी राजपूत झर, डूंगरसिंह, लालसिंह निवासी रत्तागढ़खेडा, मोहनलाल पिता नरसिंह निवासी लपटिया, ओंकारलाल पिता भैरुलाल कुम्हार निवासी खोखारा, मनोज पिता रामनारायण सोलंकी निवासी पलसोडा, हरीश पिता मुकेश पाटीदार निवासी कुआझागर, मदनलाल पिता भरतलाल पाटीदार निवासी धामनोद, महेशचन्द्र पिता बापूलाल पाटीदार निवासी धामनोद, मदनलाल पिता भरतलाल पाटीदार निवासी धामनोद, बापू सिंह पिता उमराव सिंह एवं प्रेमाबाई निवासी घटवास, इंदरसिंह पिता चेन सिंह निवासी धराड, ममता कुंवर पति निर्मल सिंह एवं गहना कुंवर पति जुवान सिंह निवासी नायन, भंवरलाल पिता रघुनाथ जाट निवासी सुराना, तोलाराम पिता मांगू भील, रमेश पिता मांगू भील एवं जमना बाई पति मांगू भील निवासी पलसोडा, गणपत पिता पूना कुमार एवं दशरथ लाल गणपत कुमार निवासी खोखरा, बापूलाल पिता चंपालाल जाट निवासी सेंदला, उदयसिंह पिता जयसिंह राजपूत एवं चोकसिंह पिता उदय सिंह राजपूत निवासी उदयपुरा, बन्नालाल पिता मोतीलाल जाट निवासी लपटिया, कलाबाई पति मनोहरलाल एवं विरेन्द्र पिता मनोहरलाल ब्राम्हण निवासी सीखेड़ी, हमीर सिंह पिता नरेन्द्र सिंह राजपूत निवासी नामली, राजाराम पिता पूंजा भील निवासी सरवड, श्रीमती धापूबाई पति हीरालाल राठौर निवासी पलसोडा सभी ऋणी के भूमि संबंधी दस्तावेजों की जांच तथा ऋण स्वीकृति पूर्व का निरीक्षण किए बिना तत्कालीन बैक मैनेजर बद्रीलाल पाटीदार ने ऋण स्वीकृत किए, यह कार्य उन्होंने एजेंट राधेश्याम पाटीदार निवासी प्रीतमनगर के प्रभाव में आकर बैंक के नियमों के विपरीत किया हैं, राधेश्याम पाटीदार के सहयोगी रामा भील निवासी कुंडला, विनोद पाठक स्वराज ट्रेक्टर एजेन्सी रतलाम, रमेश पंडित आदि हैं। बैंक के अधिकृत पैनल वकील नरेन्द्र सिंह राठौर एवं नरेन्द्र सिंह चोखड़ा द्वारा जो सर्च रिपोर्ट प्रस्तुत की गई हैं। वह भी सही नहीं हैं, एडवोकेट एवं नोटरी सरवर अली जैदी और कैलाश शर्मा द्वारा नियमानुसार सही तथ्यों पर आधारित शपथ-पत्र नही बनाए गए हैं कुछ शपथ-पत्रों पर ऋणियों और पहचानकर्ताओं के हस्ताक्षर नहीं करवाएं गए हैं। कुछ लोन प्रकरणों में बैंक शाखा रतलाम में पदस्थ तत्कालीन शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार मेहता ने भी बैंक के नियम कायदों को ताक में रखकर अनदेखी करते हुए आंख मुंदकर अनुशंसा की हैं।
जांच के दौरान आंचलिक कार्यालय उज्जैन के पत्र कृमांक 228, 244, 15- सितंबर- 10 एवं 519, 5- फरवरी- 2011 द्वारा भेजे गए समस्त दस्तावेजों के आधार पर एवं साक्षीगण सुनील कुमार गुप्ता पिता हरीप्रसाद गुप्ता निवासी बी-246, विवेकानंद कॉलोनी उज्जैन, रमेशचन्द्र पिता रणछोड़ गेहलोत निवासी रत्नेश्वर रोड शिवधाम कॉलोनी, कैलाश पिता नंदराम गेहलोत निवासी बी- 201 जवाहर नगर, मदनलाल पिता अम्बालाल कटारिया निवासी 64 खातीपुरा, कन्नु खां पिता नसीर मोहम्मद खां निवासी ए-12, गफूर उस्ताद गोयल अपार्टमेंट, सूर्यप्रकाश पिता ईश्वरलाल दवे निवासी -29 पैलेस रोड, इफ्तेखार पिता उजेर अहमद निवासी-23 राजेन्द्र नगर गौशाला रोड, अरुण पिता लक्ष्मीनारायण माहेश्वरी निवासी 553 काटजू नगर सैलाना रोड और श्रीमती शैलजा पति विनायके रत्नपारखी निवासी- 165, इन्द्रलोक नगर के कथनो में आए साक्ष्य के आधार पर उक्त सभी ऋणी, कृषकगण, तत्कालीन बैंक मैनेजर बीएल पाटीदार, शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार मेहता, एडवोकेट नरेन्द्र सिंह राठौड एवं नरेन्द्र सिंह चोखडा एवं नोटरी सरवर अली जैदी एवं कैलाश शर्मा, एजेंट राधेश्याम पाटीदार एवं उसके सहयोगी रामा भील, विनोद पाठक, रमेश पंडित आदि पर बैंक ऑफ इण्डिया शाखा से फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी कर केसीसी ऋण स्वीकृत करने और पद का दुरुपयोग करके शासन को हानि तथा स्वयं व अन्य आरोपियों को अवैध लाभ पहुंचाने के आरोप में धारा 420, 467, 468, 471, 34, 120बी भादंवि एवं 13(1)डी, 13(2) भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था।
*इन पर था आरोप!*
मुख्य आरोपी बद्रीलाल पाटीदार, तत्कालीन बैंक प्रबंधक, बैंक ऑफ इण्डिया, बजाजखाना शाखा, सह-आरोपी दिलीप मेहता, तत्कालीन लोन प्रबंधक, बैंक ऑफ इण्डिया, बजाजखाना शाखा, एडवोकेट नरेन्द्र सिंह राठौर, बैंक ऑफ इण्डिया के अधिकृत अधिवक्ता, एडवोकेट नरेन्द्र सिंह चोखडा, बैंक ऑफ इण्डिया के अधिकृत अधिवक्ता, एडवोकेट कैलाश शर्मा, नोटरी, एडवोकेट सरवर अली जैदी, नोटरी, कृषक दशरथ पिता गणपत लाल कुम्हार निवासी ग्राम खोखरा, मदनलाल पिता भरतलाल पाटीदार, निवासी ग्राम धामनोद, महेश पिता बापू पाटीदार निवासी ग्राम धामनोद, दशरथ पिता लक्ष्मीनारायण निवासी ग्राम धामनोद, मुकेश पिता चर्तुभुज निवासी कुआझागर, हरिश पिता मुकेश पाटीदार निवासी ग्राम कुआझागर, विरेन्द्र पिता मनोहरलाल ग्राम सिखेडी, हमीर सिंह पिता नरेन्द्र सिंह राजपुत निवासी ग्राम नामली, शांतिलाल पिता बगदीराम धाकड निवासी ग्राम इसरथुनी, चौकसिंह पिता उदयसिंह निवासी ग्राम नयापुरा, किशनलाल पिता गिरधारी निवासी ग्राम झर, प्रेमबाई पति उमराव सिंह निवासी घटवास, ममताकुंवर पति निर्मल सिंह निवासी ग्राम नायन, कचरूलाल पिता हिरालाल धाकड, निवासी ग्राम इसरथुनी, इन्दरसिंह पिता चेनसिंह निवासी ग्राम धराड, मनोज पिता रामनारायण सोलंकी निवासी ग्राम पलसोडा, राजाराम पिता पूंजा भील निवासी ग्राम सरवड़, ओंकारलाल पिता भेरूलाल कुम्हार, निवासी ग्राम खोखरा, मोहनलाल पिता नरसिंह निवासी ग्राम लकटिया, रमेश पिता मांगु निवासी ग्राम पलसोडी, बापूलाल पिता चम्पालाल निवासी ग्राम झर, भंवरलाल पिता रूघनाथ निवासी ग्राम सुराना, धन्नालाल पिता मोतीलाल जाट निवासी ग्राम लकतिया, जमनाबाई पति मांगु निवासी ग्राम पलसोडी, तोलाराम पिता मांगु निवासी ग्राम पलसोडी, अनोखीलाल पिता चम्पालाल पाटीदार निवासी ग्राम धामनोद, गहनाकुंवर पति जुवान सिंह निवासी ग्राम नायन सभी जिला रतलाम!
विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपियों के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई इन्दौर द्वारा अभियोग-पत्र में सभी आरोपियों बद्रीलाल पाटीदार, दिलीप कुमार मेहता, नरेन्द्र चोखडा, नरेन्द्र सिंह, मुकेश, कचरूलाल, किशनलाल, शांतिलाल, डुंगरसिंह, रामलाल, राधेश्याम, ओंकारलाल, मनोज, अनोखीलाल, दशरथ, महेश, मदनलाल, बापूसिंह, प्रेमबाई, इंदरसिंह, ममताकुंवर, गहनाकुंवर, भवंरलाल, तोलाराम, रमेश, जमनाबाई, गणपतलाल, दशरथ लाल, बापूलाल, उदय सिंह, चौकसिंह, धन्नालाल, कलावती बाई, विरेन्द्र, हमीरसिंह, राजाराम और धापूबाई, सरवर अली जैदी एवं कैलाश शर्मा के विरूद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा मुख्य आरोपी बद्रीलाल पाटीदार, तत्कालीन बैंक प्रबंधक, बैंक ऑफ इण्डिया, बजाजखाना शाखा रतलाम एवं सह-आरोपी दिलीप मेहता, तत्कालीन लोन प्रबंधक, बैंक ऑफ इण्डिया, बजाजखाना शाखा, रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) में 2-2 वर्ष का कारावास एवं 1-1 हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 420, 120बी भादंवि में में 2-2 वर्ष का कारावास एवं एक-एक हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया।
किसानों के नाम!
प्रकरण में केसीसी लोन प्राप्त करने वाले 14 अपात्र कृषकों मनोज पिता रामनारायण, हरिश पिता मुकेश, अनोखीलाल पिता चंपालाल, दशरथ पिता लक्ष्मीनारायण, प्रेमबाई पति उमराव सिंह, कचरुलाल पिता हीरालाल, किशनलाल पिता गिरधारीलाल, मोहनलाल पिता नरसिंह, विरेन्द्र पिता मनोहरलाल, शांतिलाल पिता बगदीराम, उंकारलाल पिता भेरुलाल, महेश पिता बाबुलाल, मदनलाल पिता भरतलाल तथा, दशरथ पिता गणपतलाल को धारा 420 भादंवि में में 2-2 वर्ष का कारावास एवं एक-एक हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया व धारा 467, 468, 471 भादंवि में 3-3 वर्ष का कारावास एवं 1-1 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया एवं शेष आरोपीगण को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया। पैरवी कृष्णकांत चौहान, विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा की गई!





