
Tribal area में निःशुल्क Breast cancer screening camp का समापन: लक्ष्य से बढ़कर परिणाम _स्वास्थ्य-जागरूकता का नया अध्याय_

ALIRAJPUR: महिलाओं में तेजी से बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को देखते हुए जनजातीय बहुल अलीराजपुर जिले के उदयगढ़ में आयोजित चार दिवसीय निःशुल्क ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग शिविर ने Tribal area में
नई मिसाल कायम की। Rupantar Nature and Health Organisation इंदौर की पहल पर और Aurobindo Hospital, Indore के सहयोग से संपन्न इस शिविर में 323 महिलाओं की जांच और परामर्श किया गया, जो स्क्रीनिंग मशीन की मानक क्षमता से दोगुना रहा।
यह आयोजन केवल एक चिकित्सा शिविर नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में महिला स्वास्थ्य-जागरूकता का सामाजिक आंदोलन बन गया।

“डॉ. दिव्या गुप्ता की प्रेरक मौजूदगी”
शनिवार को दिल्ली से विशेष रूप से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या गुप्ता उदयगढ़ पहुंचीं।
उन्हीं के मार्गदर्शन में वर्ष 2024 में इस मुहिम की शुरुआत हुई थी।
डॉ. गुप्ता ने शिविर स्थल पर महिलाओं से संवाद किया और कहा कि “महिला परिवार की रीड होती है, उसका स्वस्थ रहना पूरे परिवार की खुशहाली की गारंटी है।”
उन्होंने ग्रामीण अंचलों में महिलाओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण को अत्यावश्यक बताते हुए कहा कि “स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ही सबसे बड़ा उपचार है।”

“जांच का आंकड़ा उम्मीद से दोगुना”
Block Medical Officer डॉ. अमित दलाल के अनुसार, पहले दिन 65 महिलाओं की जांच हुई थी, जिसके बाद दूसरे दिन 103, तीसरे दिन 81 और अंतिम दिन 75 महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई।
कुल मिलाकर चार दिनों में 323 महिलाओं की जांच और परामर्श किया गया, जो मशीन की क्षमता (प्रति दिन 40–50 जांचें) से लगभग दोगुना है।
टीम ने महिलाओं के उत्साह को देखते हुए सुबह से देर शाम तक लगातार जांचें जारी रखीं, ताकि कोई भी महिला वापस न लौटे।

“विशेषज्ञों और टीम का समर्पण”
शिविर में डॉ. मिली सोनवे और डॉ. शैलजा पाठक (स्त्री रोग विशेषज्ञ), परामर्श टीम में डॉ. मेहराज और डॉ. शालिनी, जबकि प्रशासनिक जिम्मेदारी कृष्णकांत यादव, जीतेश्वरी गौतम ने संभाली। काउंसलिंग
डॉक्टर मेहराज व डॉ शालिनी ने की।
मेमो टेक्नीशियन स्नेहा, नर्सिंग स्टाफ
वंदना, सोहानी, पैथोलॉजी में
राजेश, सचिन तथा
ऑपरेटर रोहित, जय ने तन्मयता के साथ जिम्मेदारी निभाई। इन सभी ने ग्रामीण महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सेवा भाव और तकनीकी कुशलता से कार्य किया।

“प्रशासन की सक्रिय भूमिका”
कलेक्टर नीतू माथुर ने शिविर की पूर्व योजना से लेकर जिम्मेदारी तक स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए।
जनपद सीईओ को नोडल अधिकारी बनाया गया, जबकि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने पूरे संचालन की जिम्मेदारी संभाली।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से CHO, NM, ANM, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और Aasha व सहयोगियों ने स्क्रीनिंग करवाई और अन्य महिलाओं को प्रेरित किया।

“मीडियावाला की खबर से बढ़ी जागरूकता”
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि mediawala में प्रकाशित रिपोर्ट “स्तन कैंसर: हर सातवीं महिला खतरे में” का प्रभाव शिविर में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
अनेक महिलाएं समाचार पढ़कर खुद स्क्रीनिंग के लिए आईं। बोरी, जोबट और चंद्रशेखर आजाद नगर जैसे दूरस्थ इलाकों से भी महिलाएं यहां जांच के लिए पहुंचीं।
इससे साबित हुआ कि मीडिया की सकारात्मक भूमिका जन-जागरूकता के लिए कितनी प्रभावशाली हो सकती है।
“स्वास्थ्य विभाग का संदेश”
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि “हर सातवीं महिला को जीवन में किसी न किसी स्तर पर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में इस तरह के शिविर अत्यंत आवश्यक हैं।”
“समापन और भविष्य की घोषणा”
शिविर के समापन अवसर पर टीम और सहयोगी संस्थाओं का सम्मान किया गया।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. अमित दलाल ने डॉ. दिव्या गुप्ता से आग्रह किया कि दीपावली के बाद एक और चार दिवसीय स्क्रीनिंग शिविर आयोजित किया जाए।
डॉ. गुप्ता ने इस आग्रह को सकारात्मक रूप से स्वीकार करते हुए कहा कि “उदयगढ़ की यह पहल अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगी।”
चार दिवसीय इस शिविर ने 323 ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के साथ ही कैंसर-जागरूकता का मजबूत संदेश भी दिया।
सीमित संसाधनों के बावजूद समर्पण और सेवा भावना से कार्य करने वाली चिकित्सा एवं प्रशासनिक टीम ने दिखा दिया कि यदि इच्छा शक्ति मजबूत हो, तो स्वास्थ्य सेवाएं हर गांव तक पहुंचाई जा सकती हैं।
उदयगढ़ का यह आयोजन अब ग्रामीण स्वास्थ्य अभियानों का मानक उदाहरण बनकर उभरा है।





