Ambedkar remark controversy: Gwalior में सुरक्षा अलर्ट, 4 हजार जवान तैनात, दोनों पक्षों ने प्रदर्शन टाला

521

Ambedkar remark controversy: Gwalior में सुरक्षा अलर्ट, 4 हजार जवान तैनात, दोनों पक्षों ने प्रदर्शन टाला

 

Gwalior: डॉ. भीमराव अंबेडकर पर अधिवक्ता अनिल मिश्रा की विवादित टिप्पणी के बाद ग्वालियर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। अनुसूचित जाति संगठनों और सवर्ण समाज की ओर से 15 अक्टूबर को आंदोलन के ऐलान के बाद प्रशासन ने शहर को सुरक्षा घेरे में ले लिया है। हालांकि प्रशासन की पहल पर दोनों पक्षों ने प्रदर्शन न करने पर सहमति जताई, फिर भी संभावित अप्रिय स्थिति को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं।

IMG 20251015 WA0037

*शहर में सख्त सुरक्षा व्यवस्था*

ग्वालियर शहर को आज सुबह से ही पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। करीब 4,000 पुलिसकर्मी, दंगा नियंत्रण बल और रिजर्व फोर्स की तैनाती की गई है।

शहर के मुख्य मार्गों, बाजारों और संवेदनशील इलाकों में 70 चेकिंग पाइंट बनाए गए हैं। आईजी अरविंद सक्सेना, डीआईजी और एसएसपी राजेश सिंह चंदेल खुद स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

छह जिलों की सीमाएं- ग्वालियर, मुरैना, भिंड, अशोकनगर, शिवपुरी और गुना पर नाकाबंदी कर दी गई है। बाहर से आने वाले वाहनों और संदिग्ध व्यक्तियों की सघन जांच चल रही है।

रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर पुलिस चौकसी बढ़ाई गई है। बाहरी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों और सवारी वाहनों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई असामाजिक तत्व शहर में प्रवेश न कर सके।

*सोशल मीडिया पर भी पैनी निगरानी*

प्रशासन ने बताया कि कई फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर भड़काऊ पोस्ट डालने वाले कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है। अब तक 260 से अधिक पोस्ट हटाई गईं और 50 व्यक्तियों को नोटिस जारी किया गया है।

साइबर सेल को लगातार मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया गया है ताकि किसी भी तरह का फेक मैसेज या अफवाह फैलने से पहले ही उसे रोका जा सके।

IMG 20251015 WA0035

*विवाद की जड़ और घटनाक्रम*

यह विवाद तब शुरू हुआ जब अधिवक्ता अनिल मिश्रा ने डॉ. अंबेडकर को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई तो एससी-एसटी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया। जवाब में सवर्ण समाज और अधिवक्ता संगठन मिश्रा के समर्थन में उतर आए और अफसरों के पुतले जलाए।

स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने दोनों पक्षों से बातचीत की, जिसके बाद 15 अक्टूबर को कोई प्रदर्शन न करने पर सहमति बनी।

*राजनीतिक रंग लेता मामला*

इस पूरे विवाद ने अब राजनीतिक स्वरूप भी ले लिया है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इस प्रकरण को “सामाजिक न्याय बनाम वैचारिक असहिष्णुता” के मुद्दे के रूप में देख रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में हुई बैठक में कांग्रेस ने तय किया है कि वह इस मुद्दे को विधानसभा चुनाव से पहले राज्यव्यापी अभियान के रूप में उठाएगी।

*स्थिति नियंत्रण में, पर सतर्कता जारी*

ग्वालियर पुलिस ने बताया कि फिलहाल शहर में शांति बनी हुई है, लेकिन संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने साफ कहा है कि अगर किसी ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

“दोनों पक्षों से बातचीत के बाद फिलहाल माहौल शांत है। लेकिन किसी भी तरह की अफवाह या उकसावे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी टीम हर जगह तैनात है।”

IMG 20251015 WA0036

अरविंद सक्सेना

आईजी ग्वालियर रेंज