Former Commissioner Anil Kumar Pawar: वसई विरार महानगर पालिका के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार की गिरफ्तारी अवैध करार, रिहाई का निर्देश

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वसई विरार महानगर पालिका के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार की गिरफ्तारी अवैध करार, रिहाई का निर्देश

नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट ने निलंबित वसई विरार नगर आयुक्त अनिल कुमार पवार (आईएएस: 2014: महाराष्ट्र) की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया। अदालत ने कहा कि एजेंसी के पास 13 अगस्त को पवार की गिरफ्तारी को उचित ठहराने के लिए “पर्याप्त ठोस सामग्री” का अभाव है, और कहा कि उनकी ईडी हिरासत और उसके बाद की न्यायिक हिरासत, दोनों ही गैरकानूनी थीं।
गिरफ्तारी को “अनुचित” ठहराते हुए, पीठ ने पवार की कानूनी टीम, वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव शकधर, करण खेतानी और उज्ज्वल कुमार चव्हाण को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करते हुए वचनबद्धता प्रस्तुत करें कि पवार रिहा होने से पहले सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।
ईडी पहले ही धन शोधन की जाँच के सिलसिले में पवार और कई अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर कर चुका है।

। पीठ ने विशेष अदालत के आदेश को रद्द करते हुए पवार की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया। सुनवाई के दौरान पीठ ने एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह को यह स्पष्ट करने को कहा कि गिरफ्तार करने वाले अधिकारी ने किन सबूतों का सहारा लिया था? क्या यह मामला केवल धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज गवाहों के बयानों पर आधारित है? इसके जवाब में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पवार और नगर नियोजन के उप निदेशक तथा मामले में सह-आरोपी वाई.एस.रेड्डी के बीच कथित रूप से हुई व्हाट्सएप चैट का हवाला दिया।

चैट में आर्किटेक्ट और बिल्डरों के बयानों में पैसे के लेनदेन की बात की गई। इस पर पीठ ने कहा कि क्या आप पीएमएलए की धारा 50 के तहत दिए गए बयानों और व्हाट्सएप चैट पर भरोसा कर रहे हैं। याचिकाकर्ता के घर पर छापेमारी के दौरान कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली। पीठ ने पवार को शर्तों के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया। पवार रिहा होने के बाद सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। ईडी ने 300 करोड़ रुपए के अधिक के धन शोधन मामले में पवार और कई अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें से लगभग 169 करोड़ रुपए पवार से जुड़े हैं।