
Dispute in CM’s Programme: CM के ब्यावरा कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष को रोकने से विवाद: पूर्व विधायक भी रोके गए, धक्का-मुक्की और इस्तीफे की पेशकश
ब्यावरा: मुख्यमंत्री के ब्यावरा में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष चंदरसिंह को, जिनका नाम आयोजक-कार्ड में विशेष अतिथि के रूप में दर्ज था, कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस कार्रवाई के बाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं और प्रशासन के बीच आपसी भिड़न्त और तनाव की स्थिति पैदा हो गई। कार्यक्रम स्थल के बाहर पूर्व विधायक रामचंद्र दांगी और पुरुषोत्तम दांगी को भी घेरा गया और उनके समर्थकों व सुरक्षा बलों के बीच धक्का-मुक्की की घटनाएं सामने आईं।
घटना का क्रम
सूचना के अनुसार, जिला प्रशासन की ओर से जारी अतिथियों की सूची में चंदरसिंह का नाम था और वे मुख्यमंत्री से मिलने एवं मंचीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उपस्थित हुए। हालांकि सुरक्षा व व्यवस्था को लेकर तैनात अधिकारियों ने उन्हें कार्यक्रम स्थल तक जाने से रोक दिया।
चंदरसिंह ने कई बार अपने आमंत्रण-पत्र व पहचान पत्र दिखाकर अंदर जाने का औचित्य बताया, पर प्रशासन ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। हालात तब बिगड़े जब पूर्व विधायक रामचंद्र और पुरुषोत्तम दांगी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे; समर्थकों और पुलिस के बीच नोक-झोंक और धक्का-मुक्की की स्थिति बनी।
नेताओं का रुख और दावा
कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने प्रशासन की कार्रवाई को “तानाशाही” बताते हुए कड़ी आलोचना की। चंदरसिंह ने कहा कि उन्हें नियमित रूप से आमंत्रित किया गया था और बावजूद इसके कार्यक्रम में जाने से रोका जाना लोकतांत्रिक परंपरा व जनप्रतिनिधि की गरिमा के विरुद्ध है। उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि यदि ऐसे अन्याय के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वे इस्तीफा देने तक की पेशकश करने को तैयार हैं। स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक भी इस व्यवहार पर गुस्से में दिखे और उन्होंने तत्कालीन रोक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए।
प्रशासन का पक्ष
स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने कहा कि यह कदम कार्यक्रम की गरिमा और सुरक्षा बनाए रखने के मद्देनजर उठाया गया। अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोगों के आचरण से कार्यक्रम और मंचीय शिष्टता पर असर पड़ सकता था, इसलिए समझाइश और आवश्यक रोक-टोक की गई। अधिकारियों ने यह भी कहा कि स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए बाद में परस्थितियों के अनुसार आवश्यक उपाय किए गए और मामला शांत कर दिया गया।
स्थानीय माहौल और राजनीति
घटना के बाद ब्यावरा में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। दोनों पक्षों के समर्थक इलाके में मौजूद रहे और प्रशासन ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त चौकसी रखी। स्थानीय राजनीतिक पृष्ठभूमि में यह घटना उस संवेदनशीलता को दर्शाती है जहां सार्वजनिक आयोजनों में जुनूनी प्रतिद्वंद्विता तथा प्रत्यक्ष नेतृत्व की उपस्थिति राजनीतिक तनाव पैदा कर सकती है।
इस प्रकार की घटनाएं स्थानीय लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रशासन के बीच चल रही दरारों पर सवाल उठाती हैं। जनप्रतिनिधियों के कार्यक्रमों में शामिल होने के अधिकार, आयोजकों की जिम्मेदारी और सुरक्षा-प्रोटोकॉल के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। इस घटना ने वही सवाल फिर उभारे हैं कि सार्वजनिक आयोजनों में किस तरह उपस्थिति और सुरक्षा के बीच तालमेल बैठाया जाए ताकि किसी भी पक्ष की संवैधानिक गरिमा प्रभावित न हो।




