MP में सीमावर्ती जिलों से 918 गौवंश मुक्त, 193 आरोपी गिरफ्तार, DGP के निर्देश पर कार्रवाई

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MP में सीमावर्ती जिलों से 918 गौवंश मुक्त, 193 आरोपी गिरफ्तार, DGP के निर्देश पर कार्रवाई

 

भोपाल: दूसरे राज्यों से सटे मध्य प्रदेश के जिलों में गौवंश की तस्करी ज्यादा हो रही है। इसमें महाराष्ट्र से सटे बैतूल, सिवनी, बालाघाट, बुरहानपुर, बड़वानी जिलों में तस्करी की ज्यादा वारदातें सामने आई हैं।

डीजीपी कैलाश मकवाना के निर्देश पर प्रदेश पुलिस ने पिछले दो माह में राज्यभर में गौवंश तस्करी के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की है।

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस अवधि में कुल 102 प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें 918 गौवंश को मुक्त कराया गया और 193 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। तस्करी में उपयोग किए गए सैकड़ों वाहनों को भी जब्त किया गया है। राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस दलों द्वारा लगातार अभियान चलाया गया। सिवनी जिले में 13 कार्रवाइयों में 170 गौवंश मुक्त कराए गए और 25 आरोपियों को पकड़ा गया। बड़वानी जिले में 11 कार्रवाइयों में 162 गौवंश बचाए गए, जबकि बैतूल में 13 और बालाघाट में 11 प्रकरणों में 93-93 गौवंश को मुक्त कराया गया तथा 24-24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

खरगोन जिले में 17 मामलों में 73 गौवंश मुक्त कराए गए। वहीं रतलाम, बुरहानपुर, रायसेन, मंदसौर, रीवा, उमरिया, पन्ना, अनुपपुर, विदिशा, धार, राजगढ़, गुना, इंदौर और भोपाल ग्रामीण जिलों में भी पुलिस ने सक्रिय अभियान चलाया। भोपाल ग्रामीण जिले में अवैध गोमांस परिवहन के दो मामलों में सात आरोपियों को पकड़ा गया, जिनमें से तीन के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है।

डीजीपी कैलाश मकवाना ने सभी जिलों में गौवंश तस्करी से जुड़ी सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान थाना प्रभारियों से लेकर पुलिस अधीक्षकों तक को निगरानी बढ़ाने और विशेष गश्त के निर्देश जारी किए गए हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध तस्करी पर पूर्ण रूप से रोक लगाना और राज्य में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखना है। प्रदेश में ऐसे सभी नेटवर्क पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी जो गौवंश तस्करी में लिप्त पाए जाते हैं।