
‘उमा’ की ‘शक्ति पूजा’…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
‘उमा’ खुद ही ‘शक्ति’ हैं। उमा नाम के कई अर्थ हैं, जिनमें हिंदू देवी पार्वती, शांति, वैभव, प्रसिद्धि और कांति (शोभा) शामिल हैं। यह एक संस्कृत मूल का नाम है। पौराणिक कथाओं में, यह नाम देवी पार्वती को संबोधित करने के लिए आया था, जब उनकी माँ ने तपस्या करने से रोकने के लिए उनसे कहा था, “उ (हे), मा (मत करो)”। तब देवी पार्वती तपस्या करने से तो नहीं रुकी लेकिन उनका उमा नाम प्रसिद्ध हो गया। नाम के अर्थ के मुताबिक उमा जब तक शांत हैं तब तक शांति है और उमा जब कुछ करने का ठान लें तब फिर अशांति है, कोलाहल है और वैभव प्रसिद्धि और कांति सब कुछ है। साध्वी उमा भारती के जीवन और तेवरों ने यह सब साबित भी किया है। वह शक्ति जो फिर रोके नहीं रुकती, या तो सृजन करती है या फिर विध्वंस और विसर्जन के दृश्यों की साक्षी बनती है। और उमा यानी शक्ति को बहुत समय तक अशक्त रूप में नहीं रखा जा सकता। 29 अक्टूबर 2025 को शांति के टापू मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के ‘अयोध्या’ नगर के ‘दशहरा’ मैदान में ‘उमा’ का ‘शक्ति प्रदर्शन’ यही सब बयां कर रहा है। यहां ‘गौ संवर्धन’ और ‘गंगा की निर्मलता’ की नाव पर सवार होकर लोधी समाज की सर्वमान्य नेतृत्व के रूप में साध्वी उमा भारती ने 2029 का लोकसभा चुनाव झांसी लोकसभा सीट से लड़ने की इच्छा जता दी। हालांकि भाजपा के अनुशासन की मर्यादा का सम्मान रखते हुए उन्होंने अपने आत्मसम्मान की बात सबके सामने रख दी है। अब बाकी 2029 अभी दूर है। तब तक जो होगा, वह सबके सामने आना ही है।
तो उमा भारती ने ‘गौ संवर्धन संकल्प सभा’ के मंच से गौ संरक्षण अभियान के तहत एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया है। उमा भारती ने कहा कि जब तक देश में गौ संवर्धन नहीं होगा और गंगा निर्मल नहीं होगी, तब तक राम का काम अधूरा है। उन्होंने घोषणा की कि 4 नवंबर से प्रयागराज में गंगा का अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गौ-गंगा संवर्धन का काम अपने हाथों से पूरा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अब राम का काम गौ संवर्धन अभियान पर केंद्रित है। उन्होंने यह भी कहा कि गाय धर्मनिरपेक्षता के चक्कर में नहीं बच पा रही है, क्योंकि गाय की बात रखने पर मुसलमानों के नाराज होने का डर रहता है। रैली में उमा भारती ने गंगा और गौ संवर्धन के लिए आम जनता के योगदान की बात करते हुए कई अहम सुझाव दिए।उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य की ‘लाड़ली बहनों’ को एक-एक गाय दी जाए। उन्होंने शहरों में कुत्ता-बिल्ली रखने की इजाजत होने, लेकिन गाय रखने की इजाजत नहीं होने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हाईवे रोड पर फेंसिंग होनी चाहिए और पीछे चारागाह बनाए जाने चाहिए ताकि गायें सड़क पर न आएं। साथ ही बंजर जमीन पर नए गोचर यानि चारागाह बनाने की मांग की। उमा भारती ने प्रदेश में शराबबंदी की लड़ाई का जिक्र किया, जिसके बाद नई शराब नीति बनी, प्रदेश से अहाते खत्म हुए और नई दुकानें नहीं खुलीं। उन्होंने अब प्रदेश से शराब की दुकानें पूरी तरह खत्म करने की मांग की और महिलाओं से ‘काली’ बनकर इन दुकानों को खत्म करने का आह्वान किया।
उमा भारती ने कहा कि सरकार में रहकर काम करना अधिक प्रभावी होता है। उन्होंने कहा कि वह सांसद होने का अनादर नहीं करतीं और भाजपा में शामिल होते ही गंगा के काम में लग गई थीं। उन्होंने भाजपा के कुछ छोटे नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि आजकल ‘सेल्फी वाली राजनीति’ का दौर है।
तो फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती यह सब बातें समय-समय पर करती रही हैं। इस बार यदि कुछ खास था तो लोधी नेताओं से सजा मंच था और हजारों की संख्या में जुटा लोधी समुदाय था। गंगा-गाय के साथ उमा भारती की हुंकार थी जिसमें उन्होंने साफ कर दिया कि लोकसभा चुनाव लड़कर सत्ता शक्ति के साथ गंगा और गाय की भक्ति करने की उनकी इच्छा है और सब अनुकूल रहा तो 2029 में वह वीरांगना की नगरी झांसी से मैदान में नजर आएंगी। और भाजपा-कांग्रेस सहित पूरी राजनीति और पूरे भारत को यह मालूम है कि ‘उमा’ खुद ‘शक्ति’ हैं। और ‘उमा’ की ‘शक्ति पूजा’ को चुनौती देना आसान तो कतई नहीं है… मन शांत है तो उमा हिमालय में रहकर भक्ति में रम सकती हैं और उमा के मन में शक्ति का भाव है तो पूरे समय मैदान में डटकर सामाजिक क्रांति की हुंकार भर सकती हैं…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





