राकेश सिंह भी चलें नितिन गडकरी की राह…हर मौसम में हर सड़क रहे सेहतमंद…

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राकेश सिंह भी चलें नितिन गडकरी की राह…हर मौसम में हर सड़क रहे सेहतमंद…

कौशल किशोर चतुर्वेदी
बारिश हो या सर्दी-गर्मी, हर मौसम में सड़कों की सेहत स्वस्थ रहनी चाहिए। मध्यप्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह का वह बयान बहुत चर्चा में रहा था जिसमें उन्होंने कहा था कि बारिश में सड़कों पर गड्ढे नहीं होंगे तो कब होंगे? इससे जिम्मेदारों को बड़ी राहत मिल गई थी और बारिश में सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे दिखना भी आम बात थी और अब भी कई सड़कें गड्ढों संग निर्वाह कर रही होंगी। वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कहा कि जब लोग टोल टैक्स दे रहे हैं, तो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सड़कें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मौसम या खराब डामर बहाना नहीं हो सकता। अगर सड़क आरामदायक नहीं है, तो उसे तुरंत दुरुस्त करें। खर्च बढ़ जाए, लेकिन आराम से समझौता नहीं होगा।’ हमारा मानना है कि सड़क चाहे टोल से बने या सरकार के पैसे से, नियम दोनों जगह एक ही होने चाहिए। सभी सड़कें, सभी समय, सभी मौसम में सेहतमंद ही रहनी चाहिए। इसके लिए मध्य प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर राकेश सिंह को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की राह पर कदम आगे बढ़ाना चाहिए।
सड़कें खराब हों तो जनता अक्सर सरकार को दोष देती है, इसलिए अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने तय किया है कि गलती जहां होगी, जिम्मेदारी वहीं तय होगी। इसी सोच के तहत उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और सड़क निर्माण कंपनियों को आदेश दिया है कि वे अपने यूट्यूब चैनल बनाकर हर प्रोजेक्ट की वीडियो रिपोर्ट जनता के साथ साझा करें। गडकरी ने घोषणा की है कि अब हर राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्यूआर कोड वाले बोर्ड लगाए जाएंगे। कोई भी व्यक्ति उस कोड को स्कैन कर यह देख सकेगा कि उस सड़क को किस ठेकेदार ने बनाया, किस कंसल्टेंट ने डिजाइन किया, और कौन सरकारी अधिकारी उस सड़क की देखरेख कर रहा है? गडकरी ने कहा, ‘अगर सड़क खराब है और लोग सोशल मीडिया पर शिकायत कर रहे हैं, तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि जिम्मेदारी किसकी है? गडकरी ने अपने जाने-माने लहजे में कहा कि मैं क्यों गाली खाऊं? क्यूआर कोड में सबकी जानकारी होगी ताकि जनता सीधे सही जगह सवाल पूछ सके।’
गडकरी ने कहा कि अब सड़क प्रोजेक्ट्स में जवाबदेही और पारदर्शिता अनिवार्य होगी। इसके लिए उन्होंने परफॉर्मेंस ऑडिट शुरू करने की बात कही, ताकि यह जांच हो सके कि डिजाइन या रखरखाव में कहां कमी है और अच्छा काम करने वालों को सम्मान मिले‌। उन्होंने कहा, ‘जब ऑडिट नियमित होंगे, तो पारदर्शिता बढ़ेगी और बहाने खत्म होंगे‌।’ इसके लिए एनएचएआई वीडियो अपलोडिंग को अब कॉन्ट्रैक्ट डॉक्यूमेंट का हिस्सा बना रही है। एनएचएआई अब हाईवे निर्माण में प्रीकास्ट तकनीक को अनिवार्य कर रही है, ताकि गुणवत्ता बढ़े और काम तेजी से पूरा हो।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरह मध्य प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर राकेश सिंह की मंशा भी गुणवत्ता पूर्ण सड़क निर्माण और पारदर्शिता लाने की है। ऐसे में पारदर्शिता के साथ जिम्मेदारी तय किए बिना बेहतर परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती। आम जनता में सड़क निर्माण को लेकर यही धारणा है कि कमीशन के खेल में अधिकारी और नेता सभी शामिल है। ऐसे में छवि को बदलने के लिए और जिम्मेदारों को जनता के प्रति सीधा उत्तरदायी बनाने के लिए ‘पारदर्शिता का गडकरी क्यूआर मॉडल’ मध्य प्रदेश में भी अपनाया जाना चाहिए। जिससे हर सड़क खुद गवाही दे कि उसकी खराब सेहत का जिम्मेदार अफसर और ठेकेदार कौन है? और सड़क की सेहत सुधारने की जिम्मेदारी से भी वह बच न सकें। हालांकि पारदर्शिता के बहुत सारे उपाय का दावा किया जाता है लेकिन ‘गडकरी का क्यूआर कोड फार्मूला’ शायद सबसे प्रभावी साबित हो सकता है। आखिरकार टोल से वसूली हो या सरकार खर्च करें, पर अंततः पैसा तो जनता का ही है। तो उम्मीद यही है कि राकेश सिंह भी नितिन गडकरी की राह चलेंगे…और राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह ही राज्य की शहरी और ग्रामीण सड़कें हर मौसम में सेहतमंद रह सकेंगी…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।