INDORE में BRTS तोड़ने की शुरुआत: शहर में बदलेगा ट्रैफिक ढांचा, निगम ने शुरू की कार्रवाई

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INDORE में BRTS तोड़ने की शुरुआत: शहर में बदलेगा ट्रैफिक ढांचा, निगम ने शुरू की कार्रवाई

INDORE : शहर की यातायात व्यवस्था को नए सिरे से विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए इंदौर नगर निगम ने बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) कॉरिडोर को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुक्रवार से इस काम की शुरुआत शहर के विभिन्न हिस्सों में की गई। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, चरणबद्ध तरीके से पूरे कॉरिडोर को हटाया जाएगा ताकि ट्रैफिक का दबाव घटे और सड़कों का अधिकतम उपयोग हो सके।

निगम ने दी कार्रवाई को मंजूरी

सूत्रों के अनुसार, बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का निर्णय नगर निगम की विशेष बैठक में लिया गया था। लंबे समय से नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की ओर से यह मांग उठ रही थी कि बीआरटीएस ट्रैक ने सड़कों की चौड़ाई सीमित कर दी है, जिससे जाम की स्थिति बनती है। निगम आयुक्त और ट्रैफिक पुलिस के बीच हुई समन्वय बैठक के बाद आज से कार्य आरंभ किया गया।

चरणबद्ध तरीके से हटेगा ढांचा

पहले चरण में पलासिया से लिग चौराहा, फिर एलआईजी से नवलखा मार्ग पर लगे रेलिंग, प्लेटफॉर्म और सेंट्रल डिवाइडर को हटाया जा रहा है। निगम अधिकारियों का कहना है कि कार्य सावधानीपूर्वक किया जा रहा है ताकि आवागमन बाधित न हो। जल्द ही पूरी बीआरटीएस लाइन को हटाकर चौड़ी सड़कें विकसित की जाएंगी।

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नई यातायात योजना पर काम शुरू

निगम और स्मार्ट सिटी प्रशासन अब इस क्षेत्र के लिए नई ट्रैफिक योजना पर काम कर रहे हैं। इसके अंतर्गत सड़कों का पुनर्विकास, सिग्नल सिस्टम का पुनर्गठन और पार्किंग व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जाएगा। नगर निगम का कहना है कि लक्ष्य है- “इंदौर को अधिक सुगम, सुरक्षित और गतिशील ट्रैफिक नेटवर्क प्रदान करना।”

पृष्ठभूमि: कभी मॉडल प्रोजेक्ट, अब पुनर्गठन की जरूरत

इंदौर बीआरटीएस को वर्ष 2013 में स्मार्ट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन समय के साथ इसका उपयोग घटता गया और कई स्थानों पर यह ट्रैफिक अवरोध का कारण बन गया। अब प्रशासन इसे आधुनिक परिवहन दृष्टिकोण के अनुरूप पुनर्गठित कर रहा है।

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नागरिकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया

जहां कई नागरिक इस फैसले को शहर के विकास और सहज यातायात की दिशा में सकारात्मक कदम बता रहे हैं, वहीं कुछ का कहना है कि यह ढांचा करोड़ों की लागत से बना था, इसलिए इसे तोड़ने से पहले वैकल्पिक उपयोग की योजना बनानी चाहिए थी।

इंदौर नगर निगम का यह कदम शहर के यातायात ढांचे में बड़ा परिवर्तन लाएगा- उम्मीद है कि इससे मुख्य मार्गों पर जाम की समस्या घटेगी और नागरिकों को बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी।