Khandwa Fake note scandal: मदरसे में छापा, मौलाना से पूछताछ तेज, SIT ने संभाली जांच

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Khandwa Fake note scandal: मदरसे में छापा, मौलाना से पूछताछ तेज, SIT ने संभाली जांच

Khandwa: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में नकली नोटों का एक सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। जिले के जावर थाना क्षेत्र के ग्राम तलवाड़ा बुजुर्ग स्थित एक मदरसे में पुलिस ने छापा मारकर मौलाना के कमरे से लाखों रुपये के नकली नोट बरामद किए। इस घटना के बाद पुलिस ने पूरे नेटवर्क की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित कर दिया है और सुरक्षा एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया गया है।

छापा और बरामदगी

रविवार शाम ग्रामीणों ने मदरसे में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दी थी। सूचना पर पहुंची टीम ने तलाशी ली तो मौलाना के कमरे से बैगों में रखे नोटों के बंडल, अधछपी नोटों की शीट और नोट काटने का कटर मिला। जांच में सामने आया कि कमरे में ₹500 और ₹2000 के नकली नोटों का बड़ा जखीरा मौजूद था। प्रारंभिक गिनती में बरामद नकली नोटों की कुल राशि ₹19 लाख 78 हजार आंकी गई है।

मुख्य आरोपी मौलाना जुबेर अंसारी गिरफ्तार

पुलिस ने मदरसे में पढ़ाने वाले मौलाना जुबेर अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मूल रूप से बुरहानपुर जिले के हरिपुरा का रहने वाला है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जुबेर अंसारी पहले से लूट और चोरी जैसे मामलों में हिस्ट्रीशीटर रहा है। बुरहानपुर में बदनाम होने के बाद उसने खंडवा के ग्रामीण क्षेत्र में खुद को धार्मिक व्यक्ति बताकर इमामत और बच्चों को पढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया था।

SIT ने संभाली जांच, महाराष्ट्र से भी जुड़ाव की संभावना

पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की है, जिसमें एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, दो थाना प्रभारियों और साइबर सेल के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। यह टीम यह पता लगाने में जुटी है कि नकली नोट कहां छापे जा रहे थे, किस नेटवर्क के ज़रिए फैलाए जा रहे थे, और किन इलाकों तक इनकी आपूर्ति हुई। प्रारंभिक जांच में महाराष्ट्र से कनेक्शन के संकेत मिले हैं।

आरोपी को पूछताछ के लिए महाराष्ट्र पुलिस की रिमांड पर भेजा गया है, जहां से खंडवा पुलिस की टीम भी रवाना की गई है। रिमांड समाप्त होने पर आरोपी को पुनः खंडवा लाया जाएगा और नेटवर्क की तह तक जाने के लिए आगे की पूछताछ की जाएगी।

तकनीकी जांच और फॉरेंसिक सत्यापन जारी

बरामद नकली नोटों को बैंकिंग और फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि नोट किस प्रिंटर या मशीन से छापे गए और उनमें किस तरह की स्याही और सुरक्षा चिन्हों की नकल की गई है। फॉरेंसिक रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह तय होगा कि यह प्रिंटिंग स्थानीय स्तर पर की गई थी या किसी बाहरी नेटवर्क के माध्यम से संचालित थी।

स्थानीय प्रशासन की सख्ती और सतर्कता

घटना के बाद प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है। मदरसे से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है, वहीं आसपास के प्रिंटिंग प्रेस, साइबर कैफे और पेपर सप्लायर की भी जांच की जा रही है। जिला प्रशासन ने कहा है कि इस मामले में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

जांच की दिशा

पुलिस के अनुसार अब तक के साक्ष्य बताते हैं कि आरोपी लंबे समय से नकली करेंसी तैयार कर उसे धीरे-धीरे बाजार में खपा रहा था। मोबाइल डेटा, कॉल रिकॉर्ड और डिजिटल उपकरणों से नेटवर्क की गहराई में जांच जारी है। सूत्रों का मानना है कि यह गिरोह अंतर-राज्यीय स्तर पर सक्रिय हो सकता है।