
कही-सुनी: सीएम को उलझाने वाली Land Pooling Scheme वापस लेना पड़ी प्रशासन को
कीर्ति राणा
🔹सीएम को उलझाने वाली लैंड पुलिंग स्कीम वापस लेना पड़ी प्रशासन को
आखिरकार महाकाल ने सरकार को सदबुद्धि दे ही दी कि उनकी बनाई लैंडपुलिंग स्कीम भले ही कितनी अच्छी हो लेकिन भारतीय किसान संघ के विरोध का मतलब है सीएम के खिलाफ किसानों को नाराज करना। इसी कॉलम में पहले लिखा भी था कि अधिकारियों के कारण सरकार के गले की फांस बनी लैड पुलिंग स्कीम को वापस लेना ही पड़ेगा। जैसा लिखा था, वैसा ही हुआ यह योजना वापस ले ली गई है, किसानों की जमीन पर सिंहस्थ संबंधी स्थायी निर्माण कार्य नहीं होंगे।उज्जैन में जितने भी सिंहस्थ हुए मेला क्षेत्र के किसान खुशी-खुशी जमीन देते थे, सरकार मुआवजा देने के साथ ही मेला समाप्ति के बाद किसानों को जमीन सौंप देती थी।

इस बार मुख्यमंत्री की नजर में नंबर बढ़ाने के लिए भोपाल और उज्जैन के अधिकारियों ने मेला क्षेत्र के किसानों की जमीन पर स्थायी निर्माण कार्य के लिए लैंड पुलिंग में जमीन लेने की योजना बना डाली, सोचा था कि सीएम शाबासी देंगे लेकिन भूल गए थे कि भारतीय किसान संघ पर उसी आरएसएस का हाथ है जिसकी सलाह पर सीएम सफलता की सीढ़ियां चढ़ना सीख रहे हैं। पहले लैंडपुलिंग में जमीन लेने के लिए अड़े प्रशासन को पीछे हटना पड़ा है, अब कलेक्टर रोशन कुमार सिंह भी कह रहे हैं अगर किसी जमीन की जरूरत सड़क, सार्वजनिक सुविधा या निर्माण कार्य के लिए पड़ेगी, तो वह जमीन कानूनी प्रक्रिया के तहत और उचित मुआवजा देकर ही ली जाएगी। लैंड पुलिंग स्कीम वापस लेने से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बहुत खुश होंगे।
*🔹राजधानी में पहली हाइड्रोलिक पार्किंग*
राजधानी भोपाल के व्यस्ततम क्षेत्र बिट्टन मार्केट के सब्जी हाट क्षेत्र में हाइड्रोलिक पार्किंग विकसित की जाएगी। 15 हजार वर्ग मीटर में बनने वाली शहर की पहली हाइड्रोलिक पार्किंग नगर निगम पीपीपी मॉडल पर बनाएगा, अनुमानित प्रोजेक्ट मूल्य 15-20 करोड़ तक होगा।इसके बनने के बाद रोज पहुंचने वाले 1.5 लाख ग्राहकों को परेशानियों से मुक्त करने का काम करेगी।
*🔹जबलपुर को मिलेगी नर्मदा तट पर बन रहे विश्वस्तरीय ग्लास ब्रिज की सौगात*
जबलपुर में नर्मदा के विहंगम दृश्यों को और करीब से देखने और उसकी सुंदरवादियों को निहारने के लिए जल्द ही पर्यटकों को नई सौगात मिलने वाली है। न्यू भेड़ाघाट में बहुप्रतिक्षित केंटीलीवर ग्लास ब्रिज नए साल में बनकर तैयार होने की उम्मीद है। एमपीटी द्वारा बनवाए जा रहे इस ग्लास ब्रिज के ऊपर से सैलानी नर्मदा के सौंदर्य को और करीब से निहार सकेंगे। यह ग्लास ब्रिज 4.76 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। इसकी लंबाई 18 मी. (59 फीट), चौड़ाई 2.10 मी. (6 फीट 10 इंच) होगी। ब्रिज स्टील फ्रेम का बनाया जा रहा है, जिसमें ग्लास फ्लोर लगाया जाएगा
*🔹सीएम को गोपी नेमा ने मुद्दे समझा दिए !*

भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में गौरव रणदिवे को महामंत्री बना कर प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने इंदौर के बाहुबली नेताओं को चौंकाया कहीं सीएम भी निगम मंडलों की नियुक्ति में भी ऐसा ही कुछ ना कर दे।इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष पद के लिये हरिनारायण यादव, जीतू जिराती का नाम खूब चल रहा है लेकिन दोनों पर विजयवर्गीय खेमे का ठप्पा भी है। अब पूर्व विधायक गोपी नेमा का नाम भी चल पड़ा है। बीते सप्ताह जब मुख्यमंत्री के आगमन पर उनसे नेमा ने शहर हित के मुद्दों पर चर्चा की और सीएम ने उनकी बातों को तवज्जो दी है, तब से माना जा रहा है कि गोपी नेमा को भी सीएम खेमा किसी सम्मानजनक पद के लायक समझने लगा है। ऐसा होता है तो फिर एक झटका लगेगा कई स्थानीय नेताओं को।
*🔹धमक-चमक वाली समझदारी*
नगर भाजपा कार्यकारिणी की घोषणा के बाद विरोध का विस्फोट करने वाले नेताओं ने माफी जरूर मांग ली है लेकिन पार्टी में यह तो मैसेज चला ही गया है कि इंदौर में ऐसा विरोध नगर अध्यक्ष के लिये चुनौती तो हो ही गया है।किसी भी नाराज नेता पर कार्रवाई नहीं करने की घोषणा कर के नगर अध्यक्ष ने गंभीरता का परिचय जरूर दिया है लेकिन विरोधी इसे भी अपनी धमक-चमक बता रहे हैं।
*🔹बीआरटीएस नहीं भूलेगा कोडवानी को*

अंतत: बीआरटीएस उखड़ना शुरु हो गया, तत्कालीन कलेक्टर विवेक अग्रवाल ने जब तीन सौ करोड़ की लागत से 11 किमी वाली बीआरटीएस योजना को अंजाम दिया था तब आज के जनप्रतिनिधियों में से अधिकांश ने भी आरती के थाल सजाये थे। उस वक्त नक्कारखाने में तूती के समान विरोध की एकमात्र आवाज थी सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी की। उनके विरोध के कारण ही यह मामला 12 वर्षों से कोर्ट में चल रहा था। तब कोर्ट में इसका समर्थन करने वालों में सरकारी वकील भी थे। अब जब बीआरटीएस हटाया जा रहा है तब इसका श्रेय लेने की होड़ भी मची हुई है तो ऐसे में टूटता बीआरटीएस और शहर के लोग किशोर कोडवानी को भूल जाएं यह संभव नहीं।
*🔹नादां की दोस्ती जी का जंजाल !*
खाती समाज की अनदेखी के नाम पर भाजपा कार्यालय में हुए हंगामे, नगर अध्यक्ष के पोस्टर पर कालिख पोतने वाले कार्यकर्ताओं से पूर्व विधायक जीतू जिराती को यह सबक तो मिल ही गया कि नादां की दोस्ती जी का जंजाल। राऊ क्षेत्र से खुद की अपेक्षा मधु वर्मा के नाम पर सहमति व्यक्त करने वाले जिराती उन बड़े पदों का दायित्व निभा चुके हैं जहां सुमित मिश्रा को पहुंचना है ऐसे में कोई बड़ा नेता समझ ही नहीं पा रहा है कि जिराती ने किसी कार्यकर्ता को छू किया होगा। खुद जिराती भी भोपाल-दिल्ली तक स्पष्ट कर चुके हैं कि मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
*🔹एमपी की थर्ड पोजिशन !*
सरकार के लिये यह चिंतन का विषय हो सकता है कि प्रदेश के 463 सरकारी स्कूलों में किसी बच्चे का एडमिशन ही नहीं हुआ है। मप्र ऐसा तीसरा राज्य है, पहला राज्य पश्चिम बंगाल और दूसरा राज्य तेलंगाना है। सरकारी रिपोर्ट की बात करें तो प्राथमिक स्तर पर दो साल पहले शून्य प्रवेश वाले 470 स्कूल थे जिनकी संख्या घट कर पिछले साल 370 हो गई थी।
*🔹चप्पल की माला वाली पार्षद*

देवास नगर निगम वार्ड क्रमांक 24 की भाजपा पार्षद रितु सावनेर परिषद की बैठक में चप्पलों की माला पहनकर शामिल हुईं। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों से सवाल-जवाब किए, उन्हें संतोष जनक जवाब नहीं मिले। उनका आरोप था कि काफी समय से मेरे वार्ड में नाली पानी की समस्याएं व्याप्त हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से इस बारे में कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि अपने वार्ड की समस्याओं को लेकर कई बार निगम अधिकारियों को अवगत करा चुकी हूं लेकिन उनकी शिकायतों का कोई समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने अधिकारियों पर भ्रष्ट और कामचोर होने का आरोप भी लगाया।
*🔹सिंधिया ने समझाइश दी महाआर्यमन को*
क्रिकेट की राजनीति में पिता ज्योतिरादित्य की अंगुली पकड़ कर सीढ़ी चढ़ते-चढ़ते महाआर्यमन
को यह भ्रम हो गया था कि मप्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बनते ही वो चाहे जो निर्णय ले सकते हैं। एसोसिएशन की प्रशासकीय समिति में अपनी पसंद के रिपुदमन सिंह तोमर (ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह के बेटे) और धीरज पाराशर,(पुरुषोत्तम पाराशर) के बेटे को नियुक्त करने का मनमाना फैसला ले लिया था। बेटे के इस निर्णय को शह देने की अपेक्षा उन्होंने इस फैसले को चार दिन बाद ही खारिज कर दिया, अब ये दोनों प्रशासकीय समिति सदस्य नहीं हैं। महाआर्यमन को भी सीख मिल गई है कि जब तक पिता हैं तब तक कोई भी निर्णय लेने के लिये वे स्वतंत्र नहीं हैं।
*🔹ऐसा क्यों कर डाला ?*
राजस्थान कुमावत क्षत्रिय समाज का दीपावली मिलन और अन्नकूट महोत्सव तो सम्पन्न हो गया है लेकिन कई लोग एक दूसरे से पूछ तो रहे ही हैं कि नानूराम ने ऐसा किया ही क्यों? सात समंदर पार मैं तेरे पीछे-पीछे आ गई…’ और ‘यम्मा-यम्मा…’ जैसे फिल्मी गानों की तेज धुन पर मंच पर थिरकते बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष नानूराम कुमावत के विरुद्ध राष्ट्रीय कुमावत महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज कुमावत ने मोर्चा खोल दिया है। वॉयरल हुए वीडियो से समाज में मची खलबली के बीच नीरज ने समाज के मंच पर ‘फूहड़ता’ और ‘अश्लीलता’ परोसने का गंभीर आरोप लगा दिया है।हालांकि नानूराम का कहना है बेवजह के आरोप लगाए जा रहे हैं फूहड़ता जैसी कोई बात नहीं थी।
*🔹मेट्रो की चिंता पार्किंग की नहीं*
इंदौर में मेट्रो के सरकार के संकल्प को पूरा करने वाले मुंबई की लाइफ लाइन लोकल ट्रेन में सफर कर लिए होते तो ऐसी भूल नहीं करते। जिस दिन मेट्रो का उद्घाटन हुआ तब से अब तक 17 किमी मेट्रो क्षेत्र में 17 स्टेशन और बाकी कार्यों की प्रगति देखने हर सप्ताह आने वाले एमडी एस कृष्ण चैतन्य को यह खयाल ही नहीं आया कि मेट्रो स्टेशनों के साथ वाहन पार्किंग भी होना चाहिए। मुंबई-दिल्ली में मेट्रो स्टेशन के साथ दो पहिया, चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिये भरपूर जगह रहती है, यहां तो हाल यह है कि पार्किंग स्पेस तय ही नहीं है अब प्राधिकरण से ग्रीन बेल्ट की जमीन स्टेशन पार्किंग के लिये मांगी जा रही है।

*🔹बड़वानी में ग्रीन कमांडो मिशन*
संभागायुक्त रहे दीपक सिंह ने संभाग के जिलों में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर शुरु किए थे। बड़वानी कलेक्टर जयति सिंह ने भी ग्रीन कमांडो मिशन की शुरुआत की है।

मप्र में अपने तरह के इस पहले मिशन में कलेक्टर खुद स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य अमले के साथ गांवों में जा रही हैं। ग्रामीण महिलाओं-बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण होता है, उपचार किया जाता है। ग्रीन कमांडो मिशन का पहला शिविर सितंबर के दूसरे सप्ताह में लगा था, इसके सुखद परिणाम से जिला प्रशासन उत्साहित है।
यह भी पढ़ें -मध्यप्रदेश की सियासत, समाज और संवेदनाओं के बीच – कीर्ति राणा की कही-सुनी में छिपे सच





