
CM Helpline में बेहतर प्रदर्शन पर कलेक्टर्स को मिलेंगे अतिरिक्त अंक: Commissioner Dr. Khade
Indore: संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े की अध्यक्षता में गुरुवार को पहली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस संभागायुक्त कार्यालय इंदौर में आयोजित की गई। बैठक में राज्य और केंद्र शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं, अभियानों तथा प्रमुख कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। जिलों के कलेक्टर्स द्वारा प्रस्तुत पीपीटी के माध्यम से प्रगति की जानकारी दी गई। संभागायुक्त डॉ. खाड़े ने बैठक में कहा कि सीएम हेल्पलाइन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलेक्टर्स को अतिरिक्त अंक देकर प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए जिलों को हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों को जीरो (0) प्रकरण तक लाना होगा। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन जनता से सीधा संवाद का माध्यम है, अतः इसमें बेहतर प्रदर्शन को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
कॉन्फ्रेंस की शुरुआत राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा से हुई। नामांतरण के मामलों में झाबुआ जिले ने सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 88 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण किया है। इंदौर संभाग में चालू माह में नामांतरण के 11 हजार 713, सीमांकन के 24 हजार 291 तथा बंटवारे के 11 हजार 736 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। फार्मर रजिस्ट्री में 10 लाख से अधिक किसानों का पंजीयन सुनिश्चित किया गया है। भू-अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन से संबंधित कुल 446 प्रकरणों में से 246 प्रकरणों में अवार्ड पारित कर 25 करोड़ 94 लाख रुपये का मुआवजा वितरित किया जा चुका है।
संभागायुक्त ने नर्मदा विकास प्राधिकरण अंतर्गत सरदार सरोवर बांध से प्रभावितों के पुनर्वास कार्यों की भी समीक्षा की। बताया गया कि इंदौर संभाग के 83 पुनर्वास स्थलों में पूर्व में प्रदत्त पट्टों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। इस कार्य के लिए एसडीएम को अधिकारिक रूप से नियुक्त किया जाएगा तथा नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारी को भी जोड़ा जाएगा। प्राधिकरण की अपर संचालक सपना अनुराग जैन ने बताया कि बड़वानी, धार, आलीराजपुर और खरगोन जिलों में पट्टों की रजिस्ट्री के लिए आवेदन और घोषणा पत्रों के साथ प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया पारदर्शी, समयबद्ध और सुव्यवस्थित ढंग से की जाए तथा कलेक्टर्स स्थानीय स्तर पर शिविर आयोजित कर निराकरण सुनिश्चित करें।

बैठक के दौरान संभागायुक्त डॉ. खाड़े ने अधिकारियों को राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में विशेष कार्ययोजना तैयार की जाए और तहसीलदार-नायब तहसीलदार सप्ताह में दो दिन फील्ड में जाकर कार्य करें। इन्हें पृथक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। साथ ही उन्होंने जिला पंचायत सीईओ को ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित भ्रमण करने के निर्देश दिए। सभी कलेक्टर्स को वन स्टॉप सेंटरों का मासिक निरीक्षण, एम्बुलेंस की समय पर उपलब्धता, नशामुक्ति अभियान में जनजागरूकता, और सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने हेतु तेज गति वाले वाहनों पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश भी दिए गए।
कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में फार्मर रजिस्ट्री, सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा, स्वामित्व योजना, राजस्व संग्रहण, भू-अर्जन, लोक सेवा गारंटी, महिला सुरक्षा, राहत राशि वितरण, बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधार, सीएम हेल्पलाइन, जल जीवन मिशन, ई-ऑफिस संचालन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, भावांतर योजना, प्राकृतिक खेती, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना तथा सिंहस्थ-2028 निर्माण कार्यों की प्रगति पर विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में इंदौर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स, जिला पंचायत सीईओ, संयुक्त आयुक्त विकास डी.एस. रणदा, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की अपर संचालक सपना अनुराग जैन, उपायुक्त राजस्व सपना लोवंशी, महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक डॉ. संध्या व्यास, जनजातीय कार्य विभाग के संभागीय उपायुक्त बृजेशचंद्र पांडे सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।





