
सबक सिखाएंगे बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदाताओं की जागरूकता और मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी ने यह बताने की कोशिश की है कि मतदाता की सोच स्पष्ट और सुलझी हुई है। मतदाता को समझ में आ रहा है कि बिहार का भविष्य किसके नेतृत्व में सुरक्षित है। महिलाओं के मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी से साबित हो रहा है कि नीतीश सरकार की महिलाओं को दी जाने वाली राशि को लेकर उनकी सोच क्या है? क्या ऐसी योजना में वह सरकार से हटकर विपक्ष की सोच को बेहतर मान रहीं हैं या नहीं? रोजगार, अपराध, भ्रष्टाचार और नीतीश सरकार की विफलताओं को लेकर मतदाताओं की सच क्या रही है, इसकी गवाही भी 14 नवंबर को आने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम सामने रखने से नहीं चूकेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर 2025 को सुबह 7 बजे से शुरू हुई थी। 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान हुआ। शाम 5 बजे तक कुल 60.13% मतदान दर्ज हुआ, जो 2020 के 57.05% से बेहतर था। वहीं शाम छह बजे तक 121 सीटों पर 64.46 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई। इस आंकड़े ने पिछले 25 वर्ष के मतदान प्रतिशत को बहुत पीछे छोड़ दिया है। 25 वर्षों में पहली बार मतदान का आंकड़ा 60 प्रतिशत के पार गया है। इससे पहले 1990, 1995 और 2000 के चुनाव में 60 प्रतिशत से ऊपर मतदान हुआ था। 2020 के विधानसभा चुनाव में 57.29% मतदान हुआ था। इस बार शाम 6 बजे तक ही आंकड़ा 2020 की तुलना में 7 फीसदी से ज्यादा ऊपर चला गया है। मतदान में बढ़ोतरी के यह आंकड़े मन को लुभा रहे हैं। मतदाताओं की बेहतर सोच को सामने ला रहे हैं। साल 2025 में नये 10.72 लाख युवा मतदाताओं ने अपना उत्साह दिखाया।
साल 2020 में महागठबंधन ने पहले फेज में बाजी मारी थी। इस बार क्या होता है, आठवें दिन पता चल जाएगा। 2020 के पहले चरण में महागठबंधन ने 61 सीटें जीतीं थीं, जबकि एनडीए को 59 सीटें मिली थीं। आरजेडी 42 सीटों के साथ शीर्ष पर रही थी। भाजपा ने 50 में से 32 (64%) सीटें हासिल कीं थीं। जेडी(यू) को 23 सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस को 8 सीट मिली थीं।
पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान के साथ ही कई सियासी दिग्गजों तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अनंत सिंह, मैथिली ठाकुर और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा सहित नीतीश सरकार के 16 मंत्रियों की किस्मत का फैसला पहले चरण में मतदाताओं ने कर दिया है।
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद गुंज्याल ने कहा कि, “बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। महिला मतदाताओं की भागीदारी बहुत अच्छी रही… पहले चरण में कुल 45,341 मतदान केंद्र बनाए गए, जिनमें 8,608 शहरी क्षेत्र और 36,733 ग्रामीण क्षेत्र में स्थित थे। सभी केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग किया गया। मतदान के दौरान 385 बैलेट यूनिट, 421 कंट्रोल यूनिट और 847 वीवीपैट्स बदले गए, जबकि मॉक पोल के दौरान 165 बैलेट यूनिट, 159 कंट्रोल यूनिट और 480 वीवीपैट्स बदले गए। इस बार पहले चरण में केवल 1.21 प्रतिशत बैलेट यूनिट बदलने पड़े, जबकि 2020 के विधानसभा चुनावों में केवल 1.87 प्रतिशत ईवीएम बदले गए थे… इसका मतलब है कि हमें इस बार कम ईवीएम बदलने की जरूरत पड़ी।”
केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने दावा किया है कि इस बार बिहार में एनडीए एक ऐतिहासिक जीत दर्ज करने जा रहा है। जिस तरह से पहले चरण में वोट पड़े हैं, उससे हमारा विश्वास और भी मजबूत हुआ है। जनता ने महागठबंधन की झूठी बातों और अव्यावहारिक वादों को नकार दिया है।प्रथम चरण के मतदान के बाद जदयू ने यह दावा किया कि एनडीए जीत की राह पर अग्रसर है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार के जागरूक मतदाताओं ने विकास, सुशासन, सशक्तिकरण, रोजगार एवं सामाजिक सद्भावना के क्षेत्र में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार की उपलब्धियों पर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे और एनडीए की सरकार बनेगी। बिहार के डिप्टी सीएम और तारापुर से भाजपा प्रत्याशी सम्राट चौधरी ने दावा करते हुए कहा कि पहले चरण में 100 सीट जीत रहे हैं। ज्यादा वोटिंग का फायदा एनडीए को मिलेगा। मनोज तिवारी ने कहा कि एनडीए कम से कम 75% सीटों पर आगे है।”
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, ‘पिछले 30 सालों में सबसे ज़्यादा मतदान होना इस बात का संकेत है कि बिहार में बदलाव आ रहा है। 14 नवंबर को एक नई व्यवस्था स्थापित होने जा रही है…।”विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) प्रमुख पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में बदलाव तय है। बिहार में बदलाव की बयार बह रही है। बिहार के विकास के लिए सत्ता परिवर्तन होना जरूरी है। अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए माई-बहिन मान योजना के तहत प्रति माह 2500 रुपये दिये जायेंगे।
सबकी अपनी-अपनी उम्मीदें हैं लेकिन मतदाताओं की उम्मीद यही है कि बिहार विकास का पर्याय बने बिहार रोजगार का पर्याय बने बिहार भ्रष्टाचार मुक्त राज्य का पर्याय बने और बिहार सुशासन का पर्याय बने। लोकतंत्र की असल परीक्षा इसी में है। बदलाव आए या फिर वर्तमान सरकार फिर से राज करे, पर एक बात तय है कि यह चुनाव परिणाम सबक सिखाए बिना नहीं रहेंगे…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





