
Big Change in Employees Working: सरकारी कर्मचारी-अफसरों के लिए फिर 6 डे वर्किंग वीक लागू करने की तैयारी
भोपाल : प्रदेश में सरकारी अफसरों और कर्मचारियों की वर्किंग प्रणाली में बड़ा बदलाव प्रस्तावित है। शासन स्तर पर सप्ताह में छह दिन का कार्य सप्ताह लागू करने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। वहीं वर्ष भर में दी जाए जाने वाले शासकीय अवकाशों को कम करने के लिए दस से अधिक राज्यों के शासकीय अवकाशों का अध्ययन किया जा चुका है। इस संबंध में अब जल्द ही एक बड़ी बैठक होने जा रही है। बैठक में सहमति बनने के बाद प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा। इसके बाद इस पर आगे निर्णय होने की संभावना हैं। यदि प्रस्ताव को स्वीकृति मिलती है तो सरकारी दफ्तर अब केवल दूसरे और तीसरे शनिवार को बंद रहेंगे, जबकि बाकी सभी शनिवार को सामान्य कार्य दिवस रहेंगे। वहीं शासकीय अवकाशों में भी कटौती संभव है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने शासकीय कार्यालय और संस्थाओं मेें सार्वजनिक, सामान्य एवं ऐच्छिक अवकाशों के निर्धारण के संबंध में समीक्षा और आगामी वर्ष के लिए छुट्टियों का प्रस्ताव बनाने एवं प्रस्तुत करने के लिए 22 सितंबर को एक समिति बनाई थी। समिति में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को समन्वयक बनाया गया था, जबकि एसीएस होम, वित्त और राजस्व विभाग को समिति का सदस्य बनाया गया था। इस समिति ने दस से अधिक राज्यों के शासकीय कार्यालयों एवं संस्थाओं में दिए जाने वाले अवकाशों का अध्ययन कर लिया है। अब समिति की जल्द ही महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया जाएगा।
वर्किंग डे के लिए दो प्रस्तावों पर होगा विचार
शासन स्तर पर दो अलग-अलग मॉडल पर चर्चा हो रही है। जिसमें पहला प्रस्ताव पारंपरिक 6 दिन के कार्य सप्ताह का है, जिसमें केवल दूसरे और तीसरे शनिवार की छुट्टी रहेगी। जबकि दूसरा प्रस्ताव भारत सरकार की तर्ज पर तैयार किया गया है, जिसके तहत सप्ताह में पांच दिन दफ्तर खुलेंगे, लेकिन कार्य का समय बढ़ाकर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक कर दिया जाएगा। दोनों प्रस्तावों का उद्देश्य शासन की कार्यकुशलता और प्रशासनिक कार्य में तेजी लाने को लेकर है।
कोविड काल में लागू हुई थी फाइव डे वर्किंग वीक
प्रदेश में वर्तमान में पांच दिन का कार्य सप्ताह कोविड-19 महामारी के दौरान लागू किया गया था। संक्रमण के खतरे और भीड़ नियंत्रण को देखते हुए तत्कालीन निर्णय के तहत यह व्यवस्था अस्थायी रूप से लागू की गई थी। लेकिन महामारी खत्म होने के बाद भी यह व्यवस्था जारी रही और अब स्थायी रूप से लागू है। अब शासन स्तर पर समीक्षा में पाया गया है कि सीमित कार्य दिवसों के कारण कुछ विभागों में कार्य गति प्रभावित हुई है, जिससे फाइलों के निराकरण और निर्णय प्रक्रिया में विलंब भी हो रहा है।
निर्णय मुख्यमंत्री के स्तर पर
इन सभी प्रस्तावों को अंतिम रूप देकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद ही यह तय होगा कि प्रदेश में किन-किन अवसरों पर अवकाश दिए जाने हैं। साथ ही वीक में वर्किंग डेज को लेकर भी निर्णय किया जाएगा। संभावना है कि इन प्रस्तावों पर चर्चा करने के बाद नई व्यवस्था जनवरी 2026 से लागू की जा सकती है।





