
किसान की बेटी बनेगी CM हाउस की बहू: सामूहिक सम्मेलन बनेगा CM Dr. Mohan Yadav के बेटे का विवाह साक्षी
▪️राजेश जयंत▪️
BHOPAL: मध्यप्रदेश के Chief Minister Dr. Mohan Yadav अपने जीवन की सादगी और सामाजिक सरोकारों को एक नई पहचान देने जा रहे हैं। उन्होंने अपने पुत्र Dr. Abhimanyu Yadav का विवाह 30 नवम्बर को उज्जैन में आयोजित होने वाले ‘सामूहिक विवाह सम्मेलन’ में करने का निर्णय लिया है। यह आयोजन केवल एक पारिवारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज के लिए एक सशक्त संदेश बनकर सामने आ रहा है कि विवाह दिखावे का नहीं, बल्कि संस्कार और सामाजिक एकता का पर्व होना चाहिए।
▪️सादगी और संस्कार का संगम बनेगा विवाह समारोह
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने सादगीपूर्ण स्वभाव और ज़मीन से जुड़े नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। अब उन्होंने यह सादगी अपने बेटे के विवाह में भी दिखाई है। उज्जैन में होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन में सभी समाजों के लगभग 20 जोड़े विवाह बंधन में बंधेंगे। मुख्यमंत्री न केवल अपने पुत्र और बहू के विवाह में शामिल होंगे, बल्कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद और उपहार भी प्रदान करेंगे। इस आयोजन से यह संदेश जा रहा है कि जब एक मुख्यमंत्री अपने बेटे का विवाह भी जनता के बीच, सामाजिक सम्मेलन में कर सकता है, तो हर वर्ग को भी विवाह में सादगी और समानता का मार्ग अपनाना चाहिए।

▪️किसान परिवार की डॉक्टर बेटी बनेगी CM परिवार की बहू
अभिमन्यु यादव की होने वाली जीवनसंगिनी डॉ. इशिता यादव खरगोन जिले के किसान दिनेश यादव की पुत्री हैं। डॉक्टर इशिता न केवल शिक्षित और संस्कारी हैं, बल्कि ग्रामीण परिवेश से आई उस नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं जो मेहनत, संवेदना और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। अभिमन्यु यादव ने भोपाल में एमबीबीएस की पढ़ाई हॉस्टल में रहकर पूरी की, जबकि वे सीएम हाउस मैं रहकर भी यह कर सकते थे। यह भी उनके पारिवारिक संस्कारों की झलक है कि उन्होंने कभी पद और प्रतिष्ठा का दिखावा नहीं किया। दोनों की सगाई लगभग पांच महीने पहले भोपाल में सादगीपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई थी।

▪️राजनीति में सादगी की नई नजीर
जब अधिकांश राजनेता अपने पारिवारिक आयोजनों में भव्यता और प्रचार पर जोर देते हैं, ऐसे समय में मुख्यमंत्री मोहन यादव का यह कदम राजनीति में सादगी की नयी नजीर बन गया है। यह विवाह समारोह केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का उत्सव बनकर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह दिखा दिया है कि सत्ता का मतलब वैभव नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और संस्कार है। उनका यह निर्णय राजनीति में उन लोगों के लिए भी संदेश है, जो सादगी को कमजोरी समझते हैं कि असली ताकत सरलता और संवेदना में होती है।

▪️सोशल मीडिया पर जानकारी साझा
मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती सीमा यादव ने इस विशेष निर्णय की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि “यह विवाह केवल दो परिवारों का नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की एकता और सादगी का प्रतीक बनेगा।” पोस्ट के बाद यह खबर तेजी से वायरल हो गई और आम जनता से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का विषय बन गई। हजारों लोगों ने कमेंट कर मुख्यमंत्री परिवार को शुभकामनाएं दीं और इस सादगीपूर्ण पहल की सराहना की।

▪️जनता में सराहना और प्रेरणा का माहौल
मुख्यमंत्री के इस निर्णय ने प्रदेश में एक सकारात्मक चर्चा को जन्म दिया है। सोशल मीडिया पर लोग इसे “राजनीति में सादगी का जिंदा उदाहरण” बता रहे हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे उस सोच का हिस्सा बताया जो विवाह को आर्थिक बोझ नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी मानती है। उज्जैन और आसपास के जिलों में लोग इस सामूहिक विवाह सम्मेलन को देखने के लिए उत्सुक हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आयोजन मुख्यमंत्री मोहन यादव की जन-छवि को और मजबूत करेगा और समाज के हर वर्ग में सादगी को अपनाने की प्रेरणा देगा।
▪️पद की ऊंचाई- संस्कारों की गहराई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह निर्णय केवल एक पारिवारिक खुशी नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है। उन्होंने यह साबित किया है कि पद की ऊंचाई के साथ संस्कारों की गहराई और सादगी की भावना भी बरकरार रखी जा सकती है। यह आयोजन आने वाले वर्षों तक उस उदाहरण के रूप में याद किया जाएगा, जहां एक मुख्यमंत्री ने अपने बेटे का विवाह जनता के बीच, सामूहिक सम्मेलन के मंच पर किया और सादगी को समाज का उत्सव बना दिया।





