CM के कार्यक्रम के बीच कट्ठीवाड़ा छात्रावास में कक्षा 2 की छात्रा की संदिग्ध मौत

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CM के कार्यक्रम के बीच कट्ठीवाड़ा छात्रावास में कक्षा 2 की छात्रा की संदिग्ध मौत

– कट्ठीवाड़ा से प्रेम गुप्ता की रिपोर्ट

▫️जिला मुख्यालय अलीराजपुर में जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कार्यक्रम चल रहा था, ठीक उसी समय कट्ठीवाड़ा के कन्या आश्रम काबरीसेल छात्रावास से कक्षा 2 की छात्रा की संदिग्ध मौत की खबर आई। घटना ने जिले में बालिका छात्रावासों की सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर नए सिरे से गंभीर सवाल खड़े कर दिए है।
Kattiwada-alirajpur: आज अलीराजपुर जिला मुख्यालय सहित पूरे प्रदेश और देश में जहां जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है, मुख्यमंत्री खुद अलीराजपुर जिले में मौजूद है, इस दौरान जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र स्थित काबरीसेल कन्या आश्रम छात्रावास में शुक्रवार दोपहर कक्षा 2 की छात्रा कृतिका बघेल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक बालिका चचरिया लक्ष्मणी की निवासी बताई जा रही है।

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▫️जानकारी मिलते ही कट्ठीवाड़ा पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रावास परिसर का निरीक्षण कर प्राथमिक जांच शुरू की। ▫️घटना के समय अलीराजपुर जिला मुख्यालय पर मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारी चल रही थी, जिसके कारण जिले के अधिकांश अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे। दूसरी तरफ आंचलिक क्षेत्र में अव्यवस्था पसरी थी। नतीजतन नन्ही बालिका को अपनी जान गंवाना पड़ी
▫️बताया जा रहा है कि बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ी और कुछ ही देर में उसकी स्थिति गंभीर हो गई। छात्रावास प्रबंधन प्राथमिक उपचार और तत्काल चिकित्सा उपलब्धता को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा है। बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

▫️स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले के छात्रावासों में बच्चों की तबीयत बिगड़ने और अचानक मौत की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। कई बार जांच समितियां बनाईं गईं, लेकिन आज तक किसी भी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। इससे विभाग की जवाबदेही और पारदर्शिता पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।

▫️पुलिस छात्रावास स्टाफ, वार्डन और आश्रम प्रबंधन से पूछताछ कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण सामने आ सकेंगे। प्रशासन ने कहा है कि पूरे मामले की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की जाएगी।

▫️घटना के बाद अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों में आक्रोश है। उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा पर बार-बार लापरवाही देखी जा रही है और विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा। एक और मासूम की जान जाने के बाद अब जिम्मेदारी तय होना जरूरी है।