Pench Tiger Reserve में जुगनी ने 3 शावकों को दिए जन्म: जंगल में नई हलचल, वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी

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Pench Tiger Reserve में जुगनी ने 3 शावकों को दिए जन्म: जंगल में नई हलचल, वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी

Seoni-Chhindwara: पेंच टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में इन दिनों उत्साह का माहौल है. रिजर्व की प्रसिद्ध बाघिन जुगनी ने तीन स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है. यह घटना रिजर्व के कोर और बफर के बीच स्थित उस क्षेत्र में हुई है, जिसे बाघों के प्राकृतिक व्यवहार के लिहाज से सुरक्षित माना जाता है. जन्म के बाद जुगनी लगातार शावकों को नए सुरक्षित स्थानों पर ले जाते हुए देखी गई है.

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जुगनी पिछले कई दिनों से अपने व्यवहार में बदलाव दिखा रही थी. उसके मूवमेंट में आई इस शांति से वन कर्मियों को अंदाजा हो गया था कि वह प्रसव के करीब है. अब जन्म के बाद जुगनी अक्सर शावकों को हल्की ढलान वाले इलाकों में ले जाती दिख रही है, जहां से वह आसपास के खतरे आसानी से भांप सके.

जुगनी की पहली झलक कल शाम की सफारी के दौरान पर्यटकों को मिली, जब उसने एक शावक को मुंह से पकड़ कर आगे बढ़ते हुए रास्ता पार किया. दो अन्य शावक उसके पीछे-पीछे छोटे कदमों से चलते दिखाई दिए. यह नजारा देखना उन पर्यटकों के लिए किसी जीवनभर याद रहने वाले अनुभव से कम नहीं था. वीडियो रिकॉर्ड करने वालों ने बताया कि जुगनी पूरी मुस्तैदी और सतर्कता के साथ अपने बच्चों को अगली झाड़ियों की ओर ले जा रही थी.

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इस महत्वपूर्ण घटना के बाद वन विभाग ने तुरंत कई एहतियाती कदम उठाए हैं. सबसे पहले नाइट सफारी को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, ताकि जुगनी और शावकों को किसी भी तरह का शोर या प्रकाश परेशान न करे. इसके अलावा, उस क्षेत्र में गश्त करने वाली टीमें बढ़ा दी गई हैं और कर्मचारियों को अनावश्यक नजदीकी से बचने के निर्देश दिए गए हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि जुगनी के यह तीन नए शावक पेंच की बाघ आबादी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे. यदि ये शावक सुरक्षित बड़े होते हैं, तो यह न सिर्फ टाइगर रिजर्व के लिए बल्कि पूरे मध्य भारत के बाघ संरक्षण तंत्र के लिए एक उपलब्धि साबित होगी. पिछले कुछ वर्षों में पेंच में बाघों की संख्या बढ़ी है, और जुगनी के शावक इस प्रगति को और आगे बढ़ा सकते हैं.

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रिजर्व प्रबंधन के मुताबिक, जुगनी को एक शांत और संरक्षित माहौल देना आने वाले छह महीनों तक बेहद जरूरी रहेगा. इस अवधि में शावकों का स्वास्थ्य और उनके प्राकृतिक व्यवहार का विकास पूरी तरह मां पर निर्भर होता है. विभाग ने पर्यटकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के वीडियो या तस्वीरें वायरल करते समय स्थान को गुप्त रखें, ताकि अवैध गतिविधियों का जोखिम न बढ़े.

पेंच के जंगलों में यह नई जिंदगी न सिर्फ पर्यावरणविदों के लिए उम्मीद की किरण है, बल्कि यह यह भी याद दिलाती है कि प्रकृति की हर धड़कन तब ही सुरक्षित है, जब इंसान अपनी जिम्मेदारी निभाए.