जल संरक्षण में देश का नंबर-1 बना खंडवा: कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने रचा राष्ट्रीय कीर्तिमान

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जल संरक्षण में देश का नंबर-1 बना खंडवा: कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने रचा राष्ट्रीय कीर्तिमान

Khandwa: देशभर में चल रहे जल संरक्षण अभियानों के बीच खंडवा जिले ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 में “जल संचय, जनभागीदारी” श्रेणी में खंडवा को भारत में प्रथम स्थान मिला है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति ने खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नागार्जुन बी गौड़ा को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया। यह पुरस्कार खंडवा की उस जल-क्रांति का प्रमाण है जिसे जिले की जनता और प्रशासन ने मिलकर एक जनआंदोलन का रूप दिया।

 

▪️जल संचय का राष्ट्रीय मॉडल बना खंडवा

▫️खंडवा की इस जीत का सबसे बड़ा आधार वह व्यापक जल संरचना और पुनर्भरण मॉडल है जिसने जिले को देश के शीर्ष पर पहुंचाया है। जिले में किया गया काम किसी एक योजना या एक वर्ष के परिश्रम का परिणाम नहीं, बल्कि निरंतरता, वैज्ञानिक रणनीति और सामुदायिक भागीदारी से खड़ी की गई मजबूत जल प्रणाली का उदाहरण है।

▫️कलेक्टर गुप्ता के नेतृत्व में जिले में 1 लाख 29 हजार से अधिक जल संरचनाएं विकसित और पंजीकृत की गईं। वर्षा जल को संरक्षित करने, भूजल को पुनर्भरित करने और जल स्रोतों को दीर्घकालीन रूप से टिकाऊ बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की संरचनाएं बनाई गईं, जैसे

▫️कूप रिचार्ज पिट

▫️रिचार्ज शाफ्ट

▫️डगवेल

▫️बोल्डर चेक डैम

▫️बोल्डर वॉल

▫️बोरीबंधान

▫️फील्ड बंड

▫️लूज बोल्डर और गेबियन गली प्लग

▫️नाला ट्रेंच

▫️हैंडपंप और बोरवेल रिचार्ज सिस्टम

इन हजारों संरचनाओं ने पूरे जिले में जल पुनर्भरण का ऐसा जाल बिछाया जिसने खंडवा को सूखा-संवेदनशील क्षेत्र से जल-समृद्ध जिले की दिशा में ले जाने की मजबूत नींव रखी।

 

▪️कलेक्टर की रणनीति: तकनीक, निगरानी और पारदर्शिता

▫️पुरस्कार समिति ने विशेष रूप से खंडवा मॉडल की तीन खूबियों को सराहा-

1. तकनीक आधारित मॉनिटरिंग

2. पारदर्शी डेटा व्यवस्था

3. अभियान का ग्राम स्तरीय विस्तार

▫️जल संरचनाओं के निर्माण और उनकी स्थिति की नियमित निगरानी के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, फोटो-लिंक्ड रिपोर्टिंग और फील्ड सत्यापन जैसे उपायों को अपनाया गया। इससे न केवल कार्यों की गति और गुणवत्ता बढ़ी, बल्कि जनविश्वास भी मजबूत हुआ।

 

▪️कावेश्वर ग्राम पंचायत ने भी बढ़ाया जिले का मान

▫️इसी कार्यक्रम में खंडवा की कावेश्वर ग्राम पंचायत ने “सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत” श्रेणी में देशभर में दूसरा स्थान पाकर जिले की उपलब्धि में और चमक जोड़ दी। कावेश्वर द्वारा किए गए कार्य गांव स्तर पर यह साबित करते हैं कि यदि पंचायतें वैज्ञानिक तरीकों से काम करें तो वे किसी भी जिले के विकास मॉडल की रीढ़ बन सकती हैं।

 

▪️यहां किए गए उल्लेखनीय कार्यों में-

▫️कावेरी नदी के उद्गम कुंड का जीर्णोद्धार

▫️रिज टू वैली सिद्धांत पर आधारित विकास कार्य

▫️कंटूर, गली प्लग और पोखर निर्माण

▫️वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

▫️बोरवेल और हैंडपंप रिचार्ज शामिल हैं।

गांव को राष्ट्रीय स्तर पर मिली यह पहचान मध्यप्रदेश के लिए भी गर्व का विषय है।

 

▪️जनभागीदारी: अभियान नहीं, आंदोलन

▫️खंडवा की सफलता का सबसे बड़ा कारण जनता की सहभागिता है। गांव-गांव, वार्ड-वार्ड में जागरूकता कार्यक्रम, जल चौपाल, परामर्श बैठकें, युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण, तथा सामुदायिक श्रमदान ने इस अभियान को एक आयोजन नहीं बल्कि आंदोलन का रूप दिया।

▫️कलेक्टर गुप्ता ने बार-बार कहा है कि जल संरक्षण सरकार या प्रशासन का कार्यक्रम नहीं होता, यह समाज का दायित्व है। खंडवा ने इसे जीकर दिखाया है।

 

▪️भूजल स्तर में बड़ा सुधार, जल स्रोतों की उम्र बढ़ी

▫️जिले में निर्मित पुनर्भरण संरचनाओं का प्रभाव सीधे तौर पर भूजल स्तर में दर्ज किया गया है। पहले जिन क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में जलस्रोत सूख जाते थे, वहीं अब कई स्रोत पूरे साल जल बनाए रखते हैं। अनेक गांवों में जल दबाव सुधरा, हैंडपंपों की विफलता दर घटी और खेतों के लिए सिंचाई उपलब्धता भी बढ़ी।

 

▪️राष्ट्रीय मान्यता: 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार और नई दिशा

▫️राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ खंडवा को 2 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार मिला है। यह राशि जिले में जल संरचनाओं के आगामी चरणों, रखरखाव और नई परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी।

वहीं कावेश्वर ग्राम पंचायत को 1.50 लाख रुपये और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया है।

▫️यह राशि सीधे-सीधे भविष्य के जल सुरक्षा रोडमैप को और मजबूत बनाएगी।

 

▪️देश के लिए आदर्श मॉडल, भविष्य की नई जिम्मेदारियां

▫️खंडवा की यह प्रतिष्ठित उपलब्धि भारत के अन्य जिलों को भी प्रेरित करेगी। अब खंडवा केवल मध्यप्रदेश का सफल मॉडल नहीं रहा, बल्कि यह भारत का अग्रणी जल संरक्षण मॉडल बन चुका है- एक ऐसा मॉडल जिसे भविष्य में केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों के लिए अध्ययन और प्रशिक्षण हेतु अपनाने जा रही है।

 

▪️कलेक्टर गुप्ता की टीम अब अगले चरण में

▫️और अधिक रिचार्ज संरचनाएं

▫️जल स्रोतों का दीर्घकालीन रखरखाव

▫️कृषि आधारित जल प्रबंधन

▫️शहरी व ग्रामीण जल निकायों के संरक्षण को प्राथमिकता देने जा रही है।

▪️निष्कर्ष: खंडवा की जीत – जल सुरक्षा की दिशा में राष्ट्र की उम्मीद

▫️राष्ट्रीय जल पुरस्कार में खंडवा का प्रथम स्थान केवल एक सम्मान नहीं है, यह जल संकट से जूझते भारत के लिए उम्मीद की किरण है। यह साबित करता है कि संकल्प, वैज्ञानिक दृष्टि, जनभागीदारी और एक सक्षम नेतृत्व मिलकर किसी भी क्षेत्र की जल तस्वीर बदल सकते हैं।

▫️खंडवा की यह उपलब्धि प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और हर नागरिक की मेहनत का परिणाम है। यह सिर्फ आज का सम्मान नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के जल भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प है।