वेस्ट मैनेजमेंट मशीन की डेढ़ साल से काम नहीं करने पर कचरे का ढेर लगा

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वेस्ट मैनेजमेंट मशीन की डेढ़ साल से काम नहीं करने पर कचरे का ढेर लगा

बड़वानी : बड़वानी शहर में ठोस कचरा प्रबंधन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से लगाई गई लेगेसी वेस्ट प्रोसेसिंग मशीन पिछले एक से डेढ़ साल से बंद पड़ी है। मशीन के बंद होने के कारण डीआरपी लाइन स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का ढेर लगातार बढ़ता जा रहा है। बढ़ते कचरे से उठने वाली दुर्गंध और गंदगी ने आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का जीवन दुश्वार बना दिया है। स्थानीय निवासियों ने तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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नगर पालिका ने वर्ष 2023 में वर्षों से जमा पुराने कचरे के निपटान के लिए यह मशीन स्थापित की थी। हालांकि, लापरवाही और संचालन में खामियों के चलते यह मशीन लंबे समय से निष्क्रिय है।

इसके परिणामस्वरूप कचरा कम होने की बजाय पहाड़ का रूप ले चुका है।
नगर पालिका परिषद में नेता प्रतिपक्ष राकेश सिंह जाधव के अनुसार, शहर का गीला और सूखा कचरा रोजाना इसी स्थान पर डंप किया जाता है। यहां दिनभर आवारा पशुओं की भीड़ लगी रहती है और तेज हवा में प्लास्टिक व अन्य कचरा उड़कर आसपास के घरों तक पहुंच जाता है। गर्मियों में कचरे में आग लगने की घटनाएं आम हैं, जिससे क्षेत्र में धुआं फैल जाता है और लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

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उन्होंने आरोप लगाया है कि कई बार ध्यानाकर्षण कराये जाने के बावजूद डेढ़ साल से ऐसी स्थिति बनी हुई है, और कोई ठोस पहल नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि वेस्ट से निकलने वाले प्लास्टिक से पेवर्स बनाने की मशीन स्थापित की गयी है । लेकिन बहुत कम संख्या में पेवर्स बना रहे हैं, और यह एक घाटे का सौदा है।

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स्थानीय पार्षद ईश्वर यादव ने बताया कि ट्रेंचिंग ग्राउंड से निकलने वाली लगातार दुर्गंध ने आसपास रहना मुश्किल कर दिया है। कई लोग इस स्थान पर मृत पशुओं को भी फेंक देते हैं, जिससे स्थिति और खराब हो जाती है। कंपोस्ट यूनिट सहित अन्य कचरा प्रबंधन संसाधन भी वर्षों से बंद पड़े हैं,, जो व्यवस्था की लगातार बिगड़ती हालत को दर्शाते हैं।

नगर पालिका की सीएमओ सोनाली शर्मा ने बताया कि लेगेसी वेस्ट प्रबंधन से संबंधित यह टेंडर 2023 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत जारी किया गया था। ठेकेदार को पांच महीने में काम पूरा करना था, लेकिन कार्य नहीं हुआ। कई नोटिस देने और परिषद में चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित किया गया और संचालनालय को अनुबंध रद्द करने व ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने के लिए पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि नए टेंडर प्रक्रिया के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है और स्वीकृति मिलते ही कार्य दोबारा शुरू कर दिया जाएगा।