धार से वरिष्ठ पत्रकार छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया। लेकिन, इसके साथ ही उन परिवारों की चिंता भी बढ़ गई, जिनके बच्चे डॉक्टर बनने यूक्रेन गए थे। देश और प्रदेश के कई बच्चों के साथ धार के भी चार बच्चे इस युद्धग्रस्त देश में फंसे है। ये चारों यूकेन की टेरनोपिल नेशनल यूनिवर्सिटी (Ternopil National University) में MBBS की पढाई करने गए थे। ये वहां एमबीबीएस के थर्ड और फोर्थ ईयर के स्टूडेंट है।
देशभर के सैकड़ों छात्र यहां फंसे हुए हैं। धार शहर के 4 छात्रों के परिजनों ने मीडिया से मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगाई (Appealed to PM Narendra Modi and CM Shivraj Singh Chouhan) है कि उनके बच्चे कीव में फंसे हैं, उन्हें जल्द से जल्द भारत लाने के इंतजाम किए जाएं। इन बच्चों ने अपने परिजनों से मोबाइल पर हुई चर्चा में बताया कि वह सुरक्षित हैं। उन्होंने भारतीय दूतावास में शरण ले रखी है उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई वही 24 घंटे तक वहां पर रह सकते हैं।
उन्होंने ये भी बताया कि परिस्थितियों को देखते हुए वापसी का निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, छात्र अपने परिजनों को सांत्वना दे रहे (Students console their families) हैं। लेकिन, परिजन बेहद चिंतित हैं। परिजनों ने 16 फरवरी को टेलीविजन पर युद्ध के हालात बनते देखकर अपने बच्चों से वापस आने को कहा था। किंतु, यूनिवर्सिटी द्वारा ऑफलाइन क्लास ली जा रही थी, इस कारण यह स्टूडेंट वापस घर वापसी नहीं कर सके।
धार के छात्र रजत हिलाल पिता नवीन हिलाल, यश वर्मा पिता नंदकिशोर वर्मा दोनों भारतीय दूतावास में शरण लिए हुए हैं। वही, अमन यादव पिता प्रकाश यादव और रितिका पिता मिथलेश निगम अभी भी टरनोंपिल में अपने कमरे पर ही रुके हैं। इन सभी छात्रों ने अपने परिजनों को बताया है कि वे सुरक्षित है और लगातार व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के जरिए टेलिफोनिक चर्चा के जरिए अपने परिजनों को अपने हालचाल बता रहे हैं।
Ternopil National University ने छात्रों को 21 फरवरी को अपने देश जाने के लिए कहा गया था। छात्रों ने टिकट भी करवाए। धार के दो छात्र ट्रेन से कीव के लिए रवाना भी हुए, किंतु हमला होने की वजह से ये छात्र ट्रेन से उतरकर करीब 7 किलोमीटर पैदल चलकर भारतीय दूतावास कीव पहुंचे (Indian Embassy reached Kiev by walking 7 km) यहां एक स्कूल भवन में इन छात्र-छात्राओं के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है।
छात्रों के अनुसार करीब 300 छात्र यूक्रेन में फंसे हैं, जो कि अपने घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं। छात्र अपने परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं कि वे ठीक है। लेकिन, परिजन डरे हुए और परेशान हैं। बच्चों ने अपने माता-पिता को बताया कि संभवत वायु सेना की मदद से मदद से छात्रों को भारत लाया जा सकता है। लेकिन, परिजन जब तक अपने बच्चों को अपने पास सुरक्षित नहीं देख लेते हैं तब तक उनकी चिंता खत्म नहीं होगी। परिजन आंखों में आंसू लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बार-बार गुहार लगा रहे हैं कि उनके बच्चे यूक्रेन से सुरक्षित घर वापसी करें।