Earthquake:पाकिस्तान में सुबह-सुबह भूकंप से कांपी धरती, 5.2 रही तीव्रता, अफगानिस्तान में भी झटके,बांग्लादेश में भूकंप से 3 की मौत!

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Earthquake;पाकिस्तान में सुबह-सुबह भूकंप से कांपी धरती, 5.2 रही तीव्रता, अफगानिस्तान में भी झटके,बांग्लादेश में भूकंप से 3 की मौत!

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में शुक्रवार सुबह तड़के भूकंप से धरती कांप उठी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.2 मैग्नीट्यूड रही। भूकंप का केंद्र 135 किमी की गहराई पर मापा गया। अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं है। अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, पहला झटका 1.59 बजे सुबह रिकॉर्ड किया गया, जिसका केंद्र अफगानिस्तान में 190 किमी की गहराई पर था। दूसरा झटका पाकिस्तान में सुबर 3.09 बजे आया, जो ज्यादा तेज था। इसकी तीव्रता 5.2 मापी गई।

बांग्लादेश में शुक्रवार की सुबह भूकंप आया, जिसके झटके कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य इलाकों मेें भी महसूस किए गए. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई है .पड़ोसी देश बांग्लादेश में शुक्रवार की सुबह आए भूकंप से तीन लोंगों की मौत हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूकंप से बांग्लादेश में करीब 50 लोग  घायल भी हुए हैं. बांग्लादेश में आए भूकंप के झटके पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता तक महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई है.जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र बांग्लादेश के टुंगी से 25 किलोमीटर दूर पूर्व में था. भूकंप के झटकों से दहशत में आए लोग कोलकाता में अपने घरों से से बाहर निकल आए. झटके 10 बजकर 10 मिनट पर महसूस किए गए. यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र बांग्लादेश के टुंगी से 27 किलोमीटर पूर्व में था. इसकी गहराई 10 किलोमीटर बताई जा रही है.

भूकंप वैज्ञानिकों का कहना है कि गहरे भूकंपों के मुकाबले कम गहराई पर आने वाले भूकंप ज्यादा खतरनाक होते हैं, क्योंकि इससे भूकंपीय तरंगे सतह पर तेजी से पहुंचती हैं। इसके चलते जमीन ज्यादा हिलती है, जिससे इमारतों को ज्यादा नुकसान हो सकता है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तरी भारत का इलाका भूकंप के लिए धरती पर सबसे ज्यादा एक्टिव जोन में है। यह भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट एक दूसरे से टकराती हैं, जिससे यहां हल्के और तेज भूकंप आने का खतरा रहता है।
पाकिस्तान कई बड़ी फॉल्ट्स लाइन पर है और जो इसे भूकंप के लिए एक्टिव क्षेत्र बनाता है जिसका असर सीमा पार तक होता है। बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगिट-बाल्टिस्टान यूरेशियन प्लेट के दक्षिणी किनारे पर हैं, जबकि पंजाब और सिंध भारतीय प्लेट के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर हैं। इससे बार-बार भूकंपीय घटनाओं का खतरा ज्यादा रहता है।बलूचिस्तान भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है क्योंकि यह अरेबियन और यूरेशियन प्लेट्स के बीच एक्टिव सीमा के पास है। पंजाब में अपनी टेक्टोनिक स्थिति की वजह से पंजाब में समय-समय पर झटके आते रहते हैं। सिंध में खतरा थोड़ा कम है लेकिन प्लेट के किनारे होने की वजह से यह भूकंप की गतिविधियों के लिए संवेदनशील है।