New Delhi : रूस और यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार विशेष ऑपरेशन चलाएगी। लेकिन, भारतीय विमान यूक्रेन की जमीन पर नहीं उतरेंगे (Indian aircraft will not land on Ukrainian land) चार पड़ोसी देशों में जमीन के रास्ते भारतीय नागरिकों के पहुंचने के बाद विशेष उड़ानें चलाई जाएंगी, जो भारतीयों को स्वदेश लाएंगी। ये सारा खर्च केंद्र सरकार ही उठाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई CCS बैठक में यह फैसला किया।
यूक्रेन में करीब 20 हजार छात्र अलग अलग शहरों में फंसे हुए हैं। सभी के परिजनों को अपने बच्चों की सलामती की चिंता सता रही है। वहां पर फंसे बच्चे भी वापस आने की आस में सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इससे पहले बताया था कि सरकार के पास यूक्रेन से छात्रों की वापसी का प्लान तैयार (Plan ready for the return of students from Ukraine) है। अगर यूक्रेन से पोलैंड सड़क मार्ग से जाना हो, तो 9 घंटे का रास्ता है और विएना के लिए 12 घंटे का रास्ता। वो रास्ता भी मैप आउट हो गया है। रास्ते में जो पॉइंट्स मैंने बताए जैसे ल्विव, चेर्नित्सि, वहां भी हमने अपनी टीम भेजी है, ताकि वहां से जो सहायता हम अपने नागरिकों को दे सकते हैं, वो देंगे।
भारतीय छात्रों को यूक्रेन से सटे 4 देशों से बाहर निकाला जाएगा। ये देश हैं हंगरी, रोमानिया, स्लोवाक रिपब्लिक और पोलैंड। भारतीय दूतावास ने इन देशों की सीमा पर कैंप लगा दिए हैं। इन कैंपों में जिन अधिकारियों से भारतीय छात्रों को संपर्क करना है, उनके नाम और नंबर भी जारी कर दिए गए। जब सड़क के रास्ते भारतीय छात्र इन देशों में पहुंच जाएंगे, तब उन्हें कतर के रास्ते भारत लाया जाएगा। इसके लिए दोहा में मौजूद भारतीय दूतावास ने सारी तैयारियां कर ली हैं।
रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला तो भारत से मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारतीय छात्रों की जिंदगी खतरे में पड़ गई। हालात बिगड़ने लगे तो परिजनों का हाल बेहाल हो गया और वहां पर फंसे भारतीय छात्र भी अपना हौसला खोने लगे। सभी परिजनों की सिर्फ एक ही गुहार है कि हमारे लाल वापस लाओ भारत सरकार।