Ujjain Sarpanch Car Accident: 20 फीट गहरे तालाब में समाई सरपंच की कार, 5 घंटे चले रेस्क्यू के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका .

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Ujjain Sarpanch Car Accident: 20 फीट गहरे तालाब में समाई सरपंच की कार, 5 घंटे चले रेस्क्यू के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका .

उज्जैन जिले के गांव कचनारिया के सरपंच ऋतुराज सिंह झाला अपनी स्कॉर्पियो में घर से निकले ही थे कि वाहन अनियंत्रित होकर नजदीकी तालाब में जा गिरा। गाड़ी लगभग 20 फीट गहराई में डूब गई और शाम से देर रात तक चले रेस्क्यू में भी उनकी जान नहीं बच सकी।

उज्जैन जिले के नरवर क्षेत्र में सोमवार (24 नवंबर) शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया। गांव कचनारिया के सरपंच ऋतुराज सिंह झाला अपनी स्कॉर्पियो में घर से निकले ही थे कि वाहन अनियंत्रित होकर नजदीकी तालाब में जा गिरा। कुछ ही पलों में स्कॉर्पियो पूरी तरह तालाब में समा गई। घटनाक्रम सामने आते ही परिवार और ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए। नरवर पुलिस के साथ एसडीआरएफ टीम सरपंच और कार को बाहर निकालने के अभियान में जुट गई। देर रात कड़ी मशक्कत के बाद स्कॉर्पियो को बाहर निकाला जा सका, जिसमें सरपंच मौजूद थे लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी।

Ujjain Sarpanch Car Accident: उज्जैन में 20 फीट गहरे तालाब में...

नरवर थाना प्रभारी बल्लू मंडलोई ने बताया कि शाम करीब साढ़े चार बजे ग्राम कचनारिया के सरपंच ऋतुराज सिंह पिता धीरज सिंह झाला (56 वर्ष) की स्कॉर्पियो घर के पास तालाब में गिरने की खबर मिली थी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो पता चला कि स्कॉर्पियो में सरपंच भी सवार थे। उन्हें निकालने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास शुरू किए गए और एसडीआरएफ टीम को सूचना दी गई। कुछ ही देर में एसडीआरएफ टीम भी मौके पर पहुंच गई।

स्कार्पियो को निकालने के लिए क्रेन मंगाई गई किन अंधेरा गहराने के कारण रेस्क्यू अभियान में दिक्कतें आने लगीं। लाइट की व्यवस्था कर तलाशी अभियान आगे बढ़ाया गया। इस दौरान पता चला कि स्कॉर्पियो गहराई में जाकर कीचड़ भरे गड्ढे में फंस गई है। उसे निकालने के लिए बंधा पट्टा भी बार-बार टूट रहा था। सरपंच ऋतुराज सिंह गाड़ी में फंसे हुए थे। इसके बाद गोताखोरों को बुलाया गया, लेकिन अंधेरा और गहराई के कारण परेशानी बढ़ती जा रही थी। इसके बावजूद लगातार प्रयास जारी रहे और करीब सात घंटे बाद रात 11 बजे स्कॉर्पियो को बाहर निकाला जा सका लेकिन तब तक सरपंच की मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि यह तालाब लगभग 20 से 30 फीट गहरा है और उसमें कीचड़ भरा हुआ है। अधिक कीचड़ होने के कारण ही रेस्क्यू अभियान चलाने में टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

सरपंच के छोटे भाई रघुराज सिंह झाला ने बताया कि तीनों भाइयों में ऋतुराज सबसे बड़े थे और परिवार की लगभग 175 बीघा जमीन में से 55 बीघा उनके हिस्से में है। भाई के अनुसार वे शाम को खेत जाने के लिए घर से निकले थे। उन्होंने बताया कि ऋतुराज सिंह ने गांव के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे। निजी जमीन पर शोक सभा के लिए टिन शेड बनाया, ग्रामीणों को श्मशान की जगह दी, स्कूल तक जाने के लिए रास्ता दिया और आंगनबाड़ी व स्कूल के लिए भी जमीन उपलब्ध कराई।