Lokayukta Trap: सिंगरौली में नायब तहसीलदार महेंद्र कोल 4 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

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Lokayukta Trap: सिंगरौली में नायब तहसीलदार महेंद्र कोल 4 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

Singrauli: चितरंगी क्षेत्र में जमीन बेदखली आदेश के पालन को लेकर चल रही लंबी प्रशासनिक लापरवाही मंगलवार को उस समय सुर्खियों में आ गई जब लोकायुक्त रीवा की टीम ने नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार कोल को उनके बैरीटोला खुर्द स्थित शासकीय आवास पर चार हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया। मामले में राजस्व निरीक्षक हरी प्रसाद वैश्य की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जिन पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

घटना उस शिकायत से उपजी जो सीधी जिले के सिहावल तहसील के करौली निवासी प्रवीण चतुर्वेदी ने लोकायुक्त कार्यालय रीवा में दर्ज कराई थी। प्रवीण चतुर्वेदी ने 2016 में 0.800 हेक्टेयर कृषि भूमि खरीदी थी, लेकिन विक्रेता के बेटों ने उस पर अवैध कब्जा कर लिया। उन्होंने 2017 में नायब तहसीलदार न्यायालय में बेदखली आवेदन लगाया और 8 सितंबर 2021 को बेदखली आदेश भी प्राप्त कर लिया, किंतु आदेश के चार साल बाद भी कब्जा नहीं हटाया गया।

इसी निरंतर टालमटोल और विभागीय निष्क्रियता के बीच जब फरियादी नायब तहसीलदार महेंद्र कोल और आरआई हरी प्रसाद वैश्य के पास आदेश का पालन कराने पहुंचा, तो दोनों अधिकारियों ने जमीन खाली कराने की एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग ली। लोकायुक्त टीम ने शिकायत की गोपनीय जांच की, जिसमें नायब तहसीलदार द्वारा 4 हजार और राजस्व निरीक्षक द्वारा 8 हजार रुपए मांगने की पुष्टि हो गई।

जांच सत्यापन के बाद लोकायुक्त टीम ने ट्रैप की रणनीति बनाई। तय योजना के तहत फरियादी को रिश्वत की रकम लेकर नायब तहसीलदार के सरकारी आवास भेजा गया और जैसे ही महेंद्र कोल ने 4 हजार रुपए स्वीकार किए, टीम ने उन्हें मौके पर ही घेरकर गिरफ्तार कर लिया। टीम ने तुरंत ही राजस्व निरीक्षक हरी प्रसाद वैश्य के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी।

लोकायुक्त की इस कार्रवाई से पूरे राजस्व विभाग में हड़कंप की स्थिति है। नायब तहसीलदार और आरआई दोनों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और उनकी संपत्ति व आर्थिक लेनदेन की विस्तृत पड़ताल अब शुरू की जा रही है।