धारदार हथियार से हमला करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास 1 आरोपी बरी!

25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया!

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धारदार हथियार से हमला करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास 1 आरोपी बरी!

Ratlam : न्यायालय जंगबहादुर सिंह राजपूत, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, जावरा जिला रतलाम ने आरोपी मुद्स्सीर को धारा 341 के अंतर्गत 1 वर्ष का साधारण कारावास एवं 500 रूपए का अर्थदंड तथा भादसं की धारा 307 के अंतर्गत दंडनीय अपराध के आरोप में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 25 हजार रूपए का अर्थदंड की सजा सुनाई।

 

अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी विजय पारस ने बताया कि 15 मार्च 2024 को फरियादी शेरअली पिता इकबाल हुसैन ने थाना जावरा शहर में शिकायत दर्ज कराई थी कि मैं आखरीपुरा रहता हुं और पानी का टेंकर चलाने का काम करता हुं। 15 मार्च 2024 को दिन में, मैं तथा मेरे बडे पापा मोहम्मद हुसैन पिता जमालउद्दीन निवासी हुसैन टेकरी दोनों कब्रिस्तान की मस्जिद पर नमाज पडने गए हुए थे। नमाज खत्म होने के बाद करीबन 1.30 बजे मेरे बडे पापा मोहम्मद हुसैन मुझसे थोडे समय पहले आगे मस्जिद से निकलकर स्कूटी से हुसैन टेकरी की तरफ जा रहें थे। मै भी उनके पीछे-पीछे हुसैन टेकरी पानी का टेंकर लेने जा रहा था। मेरे बडे पापा मोहम्मद हुसैन स्कुटी से जैसे ही बोहरा पेट्रोल पंप से थोडा आगे तिराहा पर पहुंचे थे तभी वहां पर पिछे से मुदस्सीर पिता गनी हम्माल निवासी हुसैन टेकरी अपनी स्कुटी से आया और पुरानी रंजीश को लेकर मेरे बडे पापा को रोका तथा मुदस्सीर ने अपनी स्कूटी से लोहे के धारदार बडा हसिया (दाव) निकालकर मेरे बडे पापा मोहम्मद हुसैन को जान से मारने की नियत से 3-4 वार किए थे जिससे मेरे बडे पापा की गर्दन व हाथ पर गंभीर चोट लगकर खुन निकल आया था वह पिछे की तरफ जान बचाने के लिए भागे थे और थोडी दूर आगे जाकर नीचे गिर गए थे इतने में मुदस्सीर का भाई मुजफ्फर भी पिछे से आ गया था जिसने भी मेरे बडे पापा के साथ लात-घुसों से मारपीट की थी। मुदस्सीर ने दोबारा मेरे बडे पापा के उपर बैठकर हसिये से मारा था तो मेरे बडे पापा ने हसिये को अपने हाथो से पकड लिया था तभी मैंने जाकर मुदस्सीर व मुजफ्फर को धक्का देकर अलग कर मेरे बडे पापा को छुडाया था।

 

जानकारी लगने पर मेरे बडे पापा का लडका आवेश भी कुछ समय में मोके पर आ गया था जिसने मुदस्सीर को पकडने की कोशिश की थी तो मुदस्सीर ने हसिये से आवेश को भी मारा जिससे उसके भी बांए हाथ में चोट लगकर खुन निकलने लगा था और आवेश को निचे गिरा दिया था। जिससे उसके बांए पैर पर भी चोट लगी थी उन दोनों ने मेरे साथ भी लात-घुसों से मारपीट की थी मौके पर अजीज पिता बाबु खां निवासी बर्फ खाना व असलम पिता सलीम निवासी हुसैन टेकरी भी थे जिन्होंने भी घटना देखी व बीच-बचाव कराया था बाद में दोनों भाई मुदस्सीर व मुजफ्फर वहां से भाग गए थे। अजीज भाई मेरे बडे पापा व आवेश को सरकारी अस्पताल जावरा लेकर आए थे। जहां पर मेरे बडे पापा तथा भाई आवेश को इलाज हेतु जावरा अस्पताल में भर्ती किया गया था। घटना की रिपोर्ट थाना जावरा शहर पर धारा 307, 341, 323, 325, 34 भादंवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

 

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लिए गए। घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा आरोपीगण के विरुद्ध धारा 307, 341, 323, 326, 34 भादंवि के तहत आरोप विरचित किए गए। प्रकरण में अभियोजन की और से न्यायालय के समक्ष साक्षीगण की साक्ष्य अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी जावरा विजय पारस एवं अपर लोक अभियोजक गगन श्रीमाल द्वारा लेखबद्ध कराई गई। न्यायालय के समक्ष आई साक्ष्य के आधार पर आरोपी मुद्स्सीर को दोषी पाते हुए, दोषसिद्ध किया गया तथा न्यायालय द्वारा आरोपी मुजफ्फर के विरूद्ध अपराध प्रमाणित ना पाते हुए मुजफ्फर को दोषमुक्त किया गया। सत्र न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत अभियोजन साक्ष्य को प्रमाणित पाते हुए आरोपी को सजा सुनाई!