
Section 52 at MCBU:महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय
में धारा 52 लागू:कुलपति के सभी अधिकार शासन ने लिए अपने अधीन
छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय (एमसीबीयू) में लगातार सामने आ रही वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों के बाद राज्य शासन ने विश्वविद्यालय पर धारा 52 लागू कर दी है। इसके साथ ही कुलपति शुभा तिवारी के सभी प्रशासनिक अधिकार शासन ने अपने अधीन ले लिए हैं।
जानकारी के अनुसार धारा 52 तब लागू की जाती है, जब विश्वविद्यालय की स्थिति असामान्य हो जाती है और शासन को प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता महसूस होती है। राज्यपाल की अनुशंसा पर यह कार्रवाई की जाती है। धारा 52 लागू होने का अर्थ है कि वर्तमान कुलपति अब अपने पद से जुड़े अधिकारों का उपयोग नहीं कर सकेंगी और विश्वविद्यालय का संचालन राज्य शासन द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।

विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के अनुसार धारा 13 व 14 के प्रावधानों के तहत नई कुलपति की नियुक्ति तक शासन या राज्यपाल एक उच्च स्तरीय समिति गठित करेगा। वहीं वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए धारा 47 के अंतर्गत वित्तीय वार्षिक रिपोर्ट तथा धारा 48 के अंतर्गत विश्वविद्यालय की लेखा परीक्षण प्रक्रिया की जाएगी। धारा 52 के प्रभाव में विश्वविद्यालय की विद्या परिषद और कार्यपरिषद भंग कर नई समितियों का गठन राज्यपाल द्वारा किया जाएगा। साथ ही धारा 26-27 के तहत विभिन्न संकायों की बोर्ड ऑफ स्टडीज तथा धारा 20 के अनुसार विश्वविद्यालय कोर्ट का गठन भी पुन: किया जाएगा। धारा 54 के तहत विद्यार्थी परामर्शी समिति भी नई सिरे से गठित होगी।
गौरतलब है कि कुलपति शुभा तिवारी व कुलसचिव यशवंत पटेल की नियुक्ति के बाद से ही छात्रों और विधायकों द्वारा शासन एवं राजभवन को लगातार वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी शिकायतें भेजी जाती रही हैं। इन शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए शासन ने अंतत: धारा 52 लागू करने का निर्णय लिया है





