IAS संतोष वर्मा की असभ्य टिप्पणी को लेकर विधानसभा सत्र शुरू होते ही हंगामे के आसार,हो सकती है बड़ी कार्रवाई

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IAS संतोष वर्मा की असभ्य टिप्पणी को लेकर विधानसभा सत्र शुरू होते ही हंगामे के आसार,हो सकती है बड़ी कार्रवाई

BHOPAL : मध्य प्रदेश में IAS संतोष वर्मा की कथित विवादित और असभ्य टिप्पणी ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। ब्राह्मण बेटियों को लेकर कही गई अनुचित बात के बाद राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इसे सामाजिक अस्मिता और प्रशासनिक मर्यादा पर हमला बता रहे हैं।

आज एक दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को सबसे प्रमुख रूप में उठाए जाने की तैयारी है।

 

*▪️विवादित बयान ने बढ़ाया तनाव*

▫️सूत्रों के मुताबिक संतोष वर्मा का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया जिसके वायरल होते ही नाराजगी की लहर उठ गई। वीडियो में वर्मा पर ब्राह्मण समुदाय की बेटियों को लेकर गलत टिप्पणी करने का आरोप है। प्रदेश भर के ब्राह्मण संगठनों और सामाजिक प्रतिनिधियों ने इसे समुदाय के सम्मान पर आक्रमण बताते हुए सरकार से तत्काल और कठोर कार्रवाई की मांग की है।

 

*▪️राजनीतिक दल आमने सामने*

▫️उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल सहित भाजपा के कई नेता और विधायक इसे आचरण संहिता का घोर उल्लंघन बताते हुए शीतकालीन सत्र में वर्मा के निलंबन और विभागीय जांच की मांग पर जोर देने वाले हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे अधिकारी को ऐसी टिप्पणी की अनुमति नहीं दी जा सकती।

दूसरी ओर कांग्रेस भी समान रूप से कड़ी प्रतिक्रिया दे रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मामला केवल समुदाय तक सीमित नहीं है बल्कि प्रशासनिक नैतिकता और महिला सम्मान से जुड़ा हुआ है। कांग्रेस चाहती है कि विधानसभा में सर्वसम्मति से वर्मा के खिलाफ कठोर प्रस्ताव पारित किया जाए।

 

*▪️सरकार पर बढ़ा दबाव*

▫️सरकारी स्तर पर भी मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। संतोष वर्मा से सामान्य प्रशासन विभाग में स्पष्टीकरण मांगा है। बताया जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने वीडियो और शिकायतों की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। यदि वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि होती है तो वर्मा के खिलाफ तत्काल कार्यवाही भी संभव है। मुख्यमंत्री कार्यालय को भी कई प्रतिनिधिमंडलों ने ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।

 

*▪️विधानसभा सत्र में संभावित हंगामा*

▫️एक दिसंबर से शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र पहले ही कई मुद्दों को लेकर संवेदनशील माना जा रहा था, लेकिन वर्मा का यह विवाद एक नए राजनीतिक टकराव का केंद्र बन गया है। सदन में जैसे ही प्रश्नकाल या शून्यकाल शुरू होगा, विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों द्वारा इस विषय पर भारी शोरशराबे और चर्चा के आसार हैं। कई विधायकों का कहना है कि जब तक सरकार कार्रवाई नहीं करती, वे सदन को चलने नहीं देंगे।

 

*▪️प्रशासनिक जगत में भी चिंता*

▫️IAS अधिकारियों के बीच भी यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। कुछ वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि ऐसे बयानों से पूरी सेवा की छवि धूमिल होती है और राज्य की सिविल सेवा पर लोगों का भरोसा प्रभावित होता है। कई सेवानिवृत्त अधिकारी भी कह चुके हैं कि सरकार को इस मामले में शून्य सहनशीलता की नीति अपनानी चाहिए।

 

*▪️सामाजिक संगठनों की में भयंकर नाराजगी*

▫️ब्राह्मण समाज की विभिन्न संस्थाओं ने प्रदेश भर में ज्ञापन, धरना और विरोध कार्यक्रमों की तैयारी शुरू कर दी है। संगठनों का कहना है कि वे विधानसभा की कार्रवाई के साथ अपनी रणनीति तय करेंगे और यदि सरकार ढिलाई दिखाती है तो प्रदेशव्यापी आंदोलन भी संभव है।

 

*▪️आगे क्या*

▫️विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ इस विवाद का तापमान और बढ़ेगा। प्रशासनिक कार्रवाई, राजनीतिक दबाव और सामाजिक आक्रोश – तीनों मोर्चों के बीच सरकार को संतुलन साधना होगा। फिलहाल सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि शीतकालीन सत्र में IAS संतोष वर्मा के खिलाफ किस स्तर की कार्रवाई होती है।