MP Politics: प्रशासन और समाज के बदलते रंग – कीर्ति राणा की कही-सुनी का नया परिप्रेक्ष्य

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MP Politics: प्रशासन और समाज के बदलते रंग – कीर्ति राणा की कही-सुनी का नया परिप्रेक्ष्य

INDORE: मध्य प्रदेश की राजनीति, प्रशासनिक निर्णयों, सामाजिक बदलावों और आम नागरिकों की अनकही प्रेरक कहानियों के बीच बहुत कुछ ऐसा घट रहा है, जो न केवल राज्य की दिशा तय करता है बल्कि उसके भविष्य की नींव को भी मजबूत करता है। वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा अपने विशिष्ट अंदाज में उन्हीं घटनाओं, फैसलों और व्यक्तित्वों को सामने रखते हैं जो प्रदेश के माहौल को प्रभावित करते हैं। चाहे मुख्यमंत्री की सादगीपूर्ण पहल हो, भाजपा में संगठनात्मक तालमेल की मिसाल हो, एनएचएआई की तकनीकी नवाचार वाली सड़क हो या फिर किसी साधारण दंपति का असाधारण सफर, हर प्रसंग अपने भीतर एक बड़ा संदेश छिपाए हुए है।इसी तलाश और तह तक जाने की कोशिश में प्रस्तुत है-

🌀कीर्ति राणा की कही-सुनी🌀

🔹मुख्यमंत्री ने पहले वालों से बढ़त तो ले ही ली

▫️उज्जैन में हुए 21 जोड़ों के सामूहिक विवाह में बाकी बीस जोड़ों की एक तरह से किस्मत ही खुल गई। सीएम डॉ मोहन यादव के पुत्र-बहू को आशीर्वाद देने आए एकाधिक मुख्यमंत्रियों, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्रियों, मंत्रियों आदि ने इन सब को भी शुभकामनाएं मिल गईं। सैकड़ों वीआयपी के आगमन वाले इस सामूहिक विवाह की ऐसी स्मृतियां और गिफ्ट इन जोड़ों को भी सदैव याद रहना ही है। सादगी के मामले में मुख्यमंत्री यादव ने सामूहिक विवाह के इस निर्णय से पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों के साथ ही कई दावेदारों से भी बढ़त तो ले ही ली है।

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🔹ठाकरेजी की आत्मा को खंडेलवाल ने खुश कर दिया

▫️भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने वह कर दिखाया जो बाकी नेता नहीं कर पाए। सागर में भूपेंद्र सिंह और गोविंद राजपूत में छत्तीस के आंकड़े की जानकारी तो शिवराज सिंह से लेकर वीडी शर्मा को भी थी लेकिन इन नेताओं ने दोनों में सुलह की पहल ही नहीं की। सागर पहुंचे खंडेलवाल ने दोनों को अपने अगल-बगल बैठाया, साथ में भोजन किया। दशकों से कुशाभाऊ ठाकरे की भाजपा कहने वाले नेताओं को खंडेलवाल ने बता दिया कि ठाकरेजी का नाम जपने से बेहतर है उनकी भावना मुताबिक काम कर के दिखाया जाए।

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🔹एनएचएआई के इस पुल की सराहना करना ही पड़ेगी

▫️एनएचएआई ने भोपाल से जबलपुर तक जिस नई तकनीक से नेशनल हाईवे 45 निर्मित किया है, उसकी सराहना करनी चाहिए। यह नई तकनीक अकाल मौत रोकने के साथ ही वन्य जीवों की प्राण रक्षा में भी सहयोगी रहेगी। नौरादेही अभ्यारण्य से होकर गुजरने वाला करीब 12 किलोमीटर का हिस्सा डेंजर जोन माना जाता है। नौरादेही सेंचुरी के डेंजर जोन को कुल मिलाकर 122 करोड़ रुपये खर्च कर विकसित किया है।

इसे फोरलेन में तब्दील करने के साथ ही हिरन से सिंदूर घाट तक के हिस्से में रेड कलर मार्किंग की गई है। ये रेड कलर मार्किंग सिर्फ रंग नहीं है, बल्कि उसे 5 मिमी की मोटाई (थिकनेस) दी गई है। इससे वाहन की रफ्तार तेज होने पर गद्दीदार चौकोर हिस्से हल्के झटके के साथ वाहन चालकों को अलर्ट करेंगे।

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खासकर सड़क के बीचों बीच कलर मार्किंग के साथ रोड के साइड में वाइट कलर की पैवर शोल्डर लाइन भी 5 एमएम की थिकनेस (मोटाई) वाली है। जिससे नींद का झोंका आने से वाहन सड़क के बाहर जाने पर हल्के झटके के साथ अलर्ट देगा और झटके लगने से ड्राइवर की नींद खुल जाएगी। एनएचआई के मुताबिक इन नए संकेतों और चिन्हों से चालकों की सतर्कता बढ़ेगी, गति सीमा का पालन सुनिश्चित होगा और घातक मोड़ तथा कठिन भू-भाग में वाहन चलाना और भी सुरक्षित होगा साथ ही अभयारण्य में वन्यजीवों की आवाजाही भी सुरक्षित होगी

🔹बाइक से देश के सफर पर सोनी दंपति

▫️छिंदवाड़ा के रानू मुकेश सोनी दंपति ने अपने पर्यटन के शौक को पूरा करने के लिए बाइक से ही पूरे देश का सफर करने की ठानी है। पत्नी साल भर पॉकेटमनी से पैसे बचाती हैं और फिर पति पत्नी दोनों बाइक से निकल पड़ते हैं देश-दुनिया की सैर पर। सबसे खास बात ये है कि इस यात्रा में जितनी बाइक पति चलाते हैं उतनी ही पत्नी भी साथ देते हुए बाइक चलाती हैं. इस दौरान उनकी जरुरत की हर चीज बाइक पर होती है. 100 सीसी की बाइक में टेंट, खाना बनाने का सामान लेकर घूमने निकलते हैं। अब तक दोनों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश की यात्रा में करीब 40 हजार किमी का सफर से तय कर चुके हैं।

अमरनाथ जैसी कठिन यात्रा भी उन्होंने बाइक से पूरी की है। उत्तराखंड के केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री और तुंगनाथ तक लगातार दो बार यात्रा की । इसके बाद उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर, ओंकारेश्वर, अयोध्या, इलाहाबाद तक चार बार जा चुके हैं। नेपाल में काठमांडू पशुपतिनाथ, महाराष्ट्र के भीमाशंकर त्रंबकेश्वर और घृष्णेश्वर तक यात्रा की।

🔹सो मत जाना पीथमपुर वालो, मेट्रो सर्वे होगा

▫️इंदौर से उज्जैन के बाद अब इंदौर से पीथमपुर के बीच मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए सर्वे चल रहा है। इंदौर के जनप्रतिनिधि तो समय रहते जागे नहीं इसलिये मेट्रो के रुट-स्टेशन को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। पीथमपुर के नागरिक अभी से नहीं जागे तो वहां भी ऐसे हालात बन सकते हैं। पहले चर्चा थी कि एबी रोड से पीथमपुर की ओर मेट्रो का संचालन होगा, अब अफसरों ने अंडरग्राउंड रूट ज्यादा रखने का सुझाव दिया है। इसके तहत लव-कुश चौराहा से मरीमाता चौराहा होकर बड़ा गणपति और वहां से राजेंद्रनगर तक मेट्रो अंडरग्राउंड चलाने और राजेंद्रनगर से पीथमपुर तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का सुझाव दिया है। शासन ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को सर्वे व डीपीआर बनाने का काम सौंपा है। इस काम के एवज में करीब 3 करोड़ रुपए खर्च किए जाना हैं।

🔹दुबई से चली ‘आंसुओं की आग’ उज्जैन पहुंची

▫️उज्जैन संभाग के प्रथम और इकलौते अन्तरराष्ट्रीय शायर अहमद रईस निज़ामी की शायरी की किताब ‘आंसुओं की आग’ का पहले दुबई में तो विमोचन पहले ही हो गया था। अब संभागायुक्त आशीष सिंह और कलेक्टर रोशन कुमार ने उज्जैन में भी विमोचन किया है। दोनों अधिकारियों ने निज़ामी को उज्जैन संभाग का गौरव बताया है जिन्होंने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उज्जैन संभाग का नाम रोशन किया है। नगर निगम पीआरओ रहे निज़ामी 35 अन्तरराष्ट्रीय मुशायरों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

🔹साइकिल वाले कलेक्टर ने पीछे छोड़ा 54 जिलों को

▫️मध्य प्रदेश के 55 जिलों में अशोकनगर ऐसा पहला जिला हो गया है जहां कलेक्टर आदित्य सिंह ने एसआईआर सर्वे में सबसे पहले 100 प्रतिशत डिजिटिलाइजेशन का काम पूरा कर दिखाया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा 2014 बैच के अधिकारी आदित्य जिले में वे ‘साइकिल वाले कलेक्टर’ के रूप में पहचाने जाते हैं।

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एसआईआर सर्वे के दौरान प्रदेश में कई कर्मचारियों की मौत हो गई और कई जगह से काम करने में काफी परेशानी की बातें सामने आई, लेकिन अशोकनगर प्रदेश में सबसे पहले 100 प्रतिशत डिजिटिलाइजेशन का काम पूरा करने वाला जिला बना। उन्होंने हर दिन वीसी के माध्यम से हर मतदान केंद्र की समीक्षा की, मैदानी अमले की मेहनत और सतत निगरानी से जिले को नंबर वन बनाया।

🔹उलझ गए सीधी कलेक्टर

▫️हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने पूर्व आदेश के बावजूद जवाब पेश न करने के सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है। दरअसल, सीधी निवासी सीता सिंह की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि भूमि अधिग्रहण करते हुए पहले एक करोड 10 लाख 52 हजार रुपये का मुआवजा निर्धारित किया गया था। बाद में दूसरा आदेश जारी कर अवार्ड की राशि घटाकर पांच लाख 40 हजार रुपये कर दी गई।

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हाई कोर्ट ने सीधी कलेक्टर से इस संबंध में शपथ पत्र पर जवाब मांगा था, पेश किए गए जवाब में दूसरे आदेश संबंधी तथ्य नहीं थे। हाईकोर्ट ने माफीनामा स्वीकार करते हुए उन पर दस हजार रुपये का व्यक्तिगत जुर्माना लगाते हुए अवार्ड के संबंध में दूसरा आदेश पेश करने के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

🔹भाजपा-संघ कार्यकर्ता को एसआईआर काम

▫️दतिया ज़िले में तब बवाल मच गया जब कथित तौर पर भाजपा और आरएसएस से जुड़े कई लोगों को मतदाता सूची के चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के लिए बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के असिस्टेंट के तौर पर नियुक्त किया गया।

BJP and RSS

कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने एसडीएम स्तर पर ‘अनजाने में हुई गलती’ बताया और नाम हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर आधिकारिक लिस्ट की एक कॉपी शेयर करते हुए दावा किया कि नियुक्त किए लोगों में कम से कम चार भाजपा के सदस्य या पदाधिकारी हैं।

 

🔹कलेक्टर ने सौ करोड़ का जुर्माना लगाया, स्टे जारी करने वाले डिस्ट्रिक जज सस्पेंड

▫️पन्ना के कांग्रेस नेता श्रीकांत दीक्षित के खिलाफ अवैध खनन मामले में कलेक्टर सुरेश कुमार ने दीक्षित पर करीब 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए कार्रवाई की थी। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजाराम भारतीय ने इस कार्रवाई पर स्टे आर्डर जारी कर दिया। कलेक्टर सुरेश कुमार के आदेश को स्थगित करने वाले पन्ना जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजाराम भारतीय को मप्र हाईकोर्ट ने निलंबित कर दिया है।

Shrikant

एक शिकायत में जिला जज राजाराम भारतीय पर गंभीर आरोप लगाए गए एवं हाईकोर्ट ने पाया कि निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें पद से हटाया जाना जरूरी है।हाईकोर्ट की रजिस्ट्रार ने निलंबन आदेश जारी कर उन्हें सभी न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों से स्थगित कर दिया है एवं उनके स्थान पर पन्ना के एडीशनल डिस्ट्रिक्ट जज प्रदीप कुशवाह को आगामी आदेश तक प्रधान जिला न्यायाधीश का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।

🔹एमसीयू के छात्र अब सीख रहे हैं पानी में तैरना!

▫️भोपाल के एमसीयू में पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले छात्र कुछ समय पहले तक क्लॉस रुम में ही खबर बनाना सीखते थे, यानी सख्त जमीन पर हाथ-पैर मार कर तैरना सीखते रहते थे। जब वे अखबारों में इंटर्नशिप के लिये जाते थे तो जमीनी स्तर पर काम करने में पसीने छूट जाते थे। कुलगुरु डॉ विजय मनोहर तिवारी उन्हें फील्ड में काम करना सिखा रहे हैं।

Vijay Manohar Tiwari

पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी के मार्गदर्शन में इन छात्रों ने भोपाल के लोक परिवहन की जमीनी हकीकत ‘विकल्प’ अखबार में लिखी है।

विभिन्न अखबारों को भेजी गई विकल्प की प्रति को देख कर कहने में संकोच नहीं कि सरकार और प्रशासन को आईना दिखाने का काम इससे पहले किसी कुलगुरु ने नहीं किया तो इसलिये कि वर्तमान कुलगुरु खुद लिखने-पढ़ने वाले और फील्ड रिपोर्टिंग के माहिर हैं। ‘विकल्प’ का यह विशेषांक पूरी तरह शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की हकीकत पर आधारित है, जिसने सत्ता गलियारों तक हलचल मचा दी है।

🔅अपनी बात🔅

कीर्ति राणा की कही-सुनी सिर्फ घटनाओं का उल्लेख नहीं, बल्कि उन प्रवृत्तियों का आईना है जो मध्य प्रदेश को एक जीवंत, सतर्क और निरंतर बदलता प्रदेश बनाती हैं। मुख्यमंत्री की सरलता से लेकर संगठनात्मक समन्वय के नए उदाहरण और प्रशासनिक दायित्व निभाने वाले युवा कलेक्टरों की कहानियां आदि सब मिलकर यह दर्शाती हैं कि व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव संभव हैं और हो भी रहे हैं। वहीं आम जनता की प्रेरक यात्राएं, साहित्य की खुशबू और छात्रों की नई सीख यह बताती है कि समाज की धड़कनें सिर्फ सत्ता गलियारों से नहीं, बल्कि आम लोगों की आकांक्षाओं से भी चलती हैं।

यह पूरी “कही-सुनी” ध्यानाकर्षण करती है कि मध्य प्रदेश सिर्फ राजनीतिक घटनाक्रमों का प्रदेश नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं, प्रशासनिक प्रयोगों और सामाजिक जीवंतता का संगम है।

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