
Film Review: लव आजकल (1). लफंदर लव!
प्रकाश हिंदुस्तानी
फिल्म ‘तेरे इश्क में’ का एक डायलॉग है -“प्यार करने वालों की यह आखिरी पीढ़ी है.”
सचमुच! ऐसा ही तो है!
इस फिल्म में भी हीरोइन प्यार कहां करती है? वह ब्रेडक्रंबिंग (Breadcrumbing) करती है. आजकल प्यार के बहाने ब्रेडक्रंबिंग ही तो होती है.
ये ब्रेडक्रंबिंग क्या होती है? इसका मतलब है ‘ब्रेडक्रंब’ (रोटी के टुकड़े) की तरह थोड़ा-थोड़ा ध्यान या उम्मीद देना, लेकिन कभी भी वास्तविक प्रतिबद्धता या गंभीर रिश्ता शुरू न करना. एक व्यक्ति दूसरे को सिर्फ़ इतना ही ध्यान देता है कि वह जुड़ा रहे, लेकिन रिश्ता कभी आगे नहीं बढ़ता.
बोलचाल की भाषा में कहें तो लालच देते रहो, अटकाये रहो, प्यासे को कुएं की मुंडेर तक तो आने दो, पर पानी ना पीने दो.
– कोई आपको हर कुछ दिनों में अचानक एक मज़ेदार मैसेज भेजता है, आपकी पोस्ट को लाइक करता है, लेकिन जब आप मिलने का प्लान बनाते हैं तो वह टाल-मटोल करने लगता है.
– वह आपको यह एहसास दिलाता रहेगा कि “हम दोनों के बीच कुछ है,” पर जब आप पूछते हैं कि “हमारा रिश्ता क्या है?” तो वह विषय बदल देता है।
अचानक रात 2 बजे मैसेज-
‘हायyyy जानू, क्या कर रही हो? सो नहीं रही ना? 😘”
तुरंत रिप्लाई होता है. फिर 2-3 मैसेज और फिर गायब.
→ ये ब्रेडक्रंब है. पूरा ब्रेड नहीं मिली.
स्टोरी/ पोस्ट पर लाइक + हार्ट रिएक्शन, लेकिन मैसेज नहीं.
हर स्टोरी पर वो तुरंत रिएक्शन, कभी wow लिख दिया, लेकिन कभी खुद मैसेज नहीं.
→ आपको लगता है “शायद उसे इंटरेस्ट है”… बस यही उसका खेल है.
“इस हफ्ते मिलते हैं” – फिर कभी नहीं मिलता.
-“इस वीकेंड कॉफ़ी पिएंगे?” फिर आखिरी मिनट पर बहाना!
अगले हफ्ते फिर वही लाइन – “इस बार पक्का मिलते हैं!”
→ 6 महीने से “इस बार पक्का” चल रहा है।
इंस्टा पर फोटो लाइक करता है, लेकिन बर्थडे भूल जाता है.
आपकी हर सेल्फी पर “🔥🔥” डालता है, लेकिन आपके जन्मदिन पर एक भी मैसेज नहीं।
→ आपको कुछ – कुछ होता रहेगा कि उसका ब�





