समीक्षा के आईने में कमियों का दीदार हो…

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समीक्षा के आईने में कमियों का दीदार हो…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार दो साल पूरे होने से पहले विभागों की समीक्षाओं के दौर से गुजर रही है। कई विभागों की समीक्षा हो चुकी है और कई की अभी बाकी है। विभागों की जिस तरह समीक्षा हो रही है उसमें हर तरफ फील गुड सा नजर आ रहा है। ऐसे में विभाग आत्मप्रशंसा के दौर से रूबरू हो सकते हैं। यह भी जरूरी है लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि समीक्षा के आईने में विभाग अपनी कमियों का दीदार कर सकें। और आगामी एक साल बाद जब फिर मुख्यमंत्री के सामने बैठें तो यह दावा कर सकें कि अब आईने को भी उनकी खूबसूरती का दीदार होने लगा है। समीक्षा से सफलता की यही कहानी मध्य प्रदेश की मोहन सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

3 दिसंबर 2025 को कई विभागों की समीक्षाओं का दौर चला। इसमें काबिले गौर यही है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों और विभागों को निराश न करते हुए उनकी तारीफ भी की और आगामी सालों के लक्ष्य भी बताए। पर कमियों की तरफ उनका कठोरता से भरा हुलिया नजर नहीं आया। सहकारिता की समीक्षा में यह साझा किया कि वर्ष 2026 को प्रदेश में कृषि एवं कृषक वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण को प्राथमिकता दी जाए। पंचायत स्तर पर पैक्स

की स्थापना की जाए । सहकारी समितियों का मुख्य उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। सहकारिता विभाग, किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने और फसल चक्र के अनुसार उन्हें सुविधाजनक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए कृषि विपणन सहकारी समितियों को सुदृढ़ बनाने पर विशेष ध्यान दे। सहकारी समितियों का कम्प्यूटरीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, जिससे किसानों को आवश्यक सुविधाएँ सुगमता और पारदर्शिता के साथ उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समिति के पदाधिकारियों को परिसम्पत्तियों का वार्षिक विवरण प्रतिवर्ष प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अगले तीन वर्षों के लिए प्रमुख कार्य योजना बनाई गई कि पैक्स के डिफॉल्टर किसानों को मुख्य धारा में लाया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम से आवश्यक अनुमति प्राप्त करके ग्राहकों को क्यूआर कोड सुविधा प्रदान करना।

सभी जिला बैंकों में इंटरनेट बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

तो स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में आमूल-चूल परिवर्तन लाना सरकार की मंशा है। स्वास्थ्य सेवाओं के आधुनिकीकरण और चिकित्सा का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार बहुस्तरीय सुधार लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अधिक से अधिक नागरिकों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए। ऐसे अस्पताल या डॉक्टर जो आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं करते हैं और इस योजना में सूचीबद्ध नहीं हैं, उन्हें भी इस योजना में जोड़ा जाए। बैठक में उपमुख्यमंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि आगामी तीन वर्षों में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा सीएम-केयर योजना के सफल क्रियान्वयन को कार्ययोजना में लिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2028 के अंत तक राजगढ़, मंडला, छतरपुर, उज्जैन, दमोह और बुधनी में निर्माणाधीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों को प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, पीपीपी मोड पर तैयार होने वाले सभी चिकित्सा महाविद्यालयों का निर्माण कार्य भी इसी अवधि में पूर्ण करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अंचल के एक जिले को चिकित्सा पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2028 तक अंचल के सभी संभागीय मुख्यालयों में कैथलैब की स्थापना भी की जाएगी। वर्ष 2028 तक मातृ मृत्यु दर 100 प्रति लाख जीवित जन्म तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में पीपीपी मोड पर 4 नए मेडिकल कॉलेज पन्ना, बैतूल, कटनी और धार के निर्माण के लिए शीघ्र ही भूमि-पूजन किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा इन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे।

वहीं समीक्षा बैठक में महिला बाल विकास विभाग को बताया गया कि स्कूल शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से गतिविधियाँ संचालित करें। महिलाओं के कौशल उन्नयन के लिए तकनीकी शिक्षा एवं उद्योग विभाग के साथ गतिविधियाँ संचालित करें। लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं के साथ कार्ययोजना बनाएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर कड़ी निगरानी रखें।

यानी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी बात विभागों के सामने सहजता सरलता से रख रहे हैं। पर यह जरूरी है कि समीक्षा का आईना कमियों का दीदार कराने में कहीं चूक न जाए। तभी मध्य प्रदेश की सुंदरतम तस्वीर की कल्पना की जा सकती है। और तभी मोहन सरकार का मध्य प्रदेश को सबसे आगे ले जाने का सपना साकार होने की दिशा में आगे बढ़ पाएगा…।

 

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।