
JHABUA रिश्वत लेते पकड़ी गई प्राचार्य को विशेष अदालत ने चार वर्ष की सजा सुनाई
JHABUA: लोकायुक्त इंदौर की कार्रवाई में वर्ष 2017 में रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ी गई शासकीय प्राचार्य शकुंतला शंखवार को झाबुआ की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए चार वर्ष का कठोर कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। अदालत ने यह फैसला 4 दिसंबर 2025 को सुनाया।
▪️बिल पास कराने के नाम पर 20000 रुपए रिश्वत की मांग
▫️मामला झकनावद स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से जुड़ा है। जन शिक्षक पूनम चंद कोठारी ने लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में शिकायत की थी कि जन शिक्षक मद में प्रति वर्ष 20000 रुपए के सरकारी व्यय संबंधी बिलों को पास करने के एवज में प्राचार्य शकुंतला शंखवार ने कुल दो वर्षों की 40000 रुपए की राशि में से 20000 रुपए रिश्वत की मांग की थी।
शिकायतकर्ता ने बताया कि पद का दुरुपयोग कर आरोपिया प्राचार्य बिल पास करने में अनावश्यक दबाव और बाधाएं उत्पन्न कर रही थीं, जिसके चलते उन्होंने लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की।
▪️लोकायुक्त ने सत्यापन के बाद दबिश दी, 13500 रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तारी
▫️लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का सत्यापन किया जो सही पाया गया। इसके बाद 1 नवंबर 2017 को जाल बिछाया गया। कार्रवाई के दौरान आरोपिया प्राचार्य शकुंतला शंखवार को 13500 रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। मौके पर ट्रैप टीम ने सभी सबूत जब्त कर आरोपिया को हिरासत में लिया था।
▪️अभियोग पत्र 2022 में अदालत में पेश, अब सजा सुनाई
▫️पूरी जांच पूरी होने के बाद लोकायुक्त इंदौर ने 2 नवंबर 2022 को विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम झाबुआ में आरोपपत्र प्रस्तुत किया। लगभग तीन वर्ष तक चले न्यायिक परीक्षण के बाद अदालत ने 4 दिसंबर 2025 को फैसला सुनाते हुए आरोपिया को दोषी पाया।
▪️चार वर्ष कारावास और अर्थदंड
▫️विशेष न्यायालय ने आरोपी प्राचार्य को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13(1)डी और 13(2) के तहत चार चार वर्ष के कारावास तथा 5000 5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। अदालत ने माना कि आरोपिया ने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध राशि की मांग की और सरकारी कार्यप्रणाली को प्रभावित करने का प्रयास किया।
▪️लोकायुक्त इंदौर की बड़ी सफलता
▫️लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि यह फैसला शासकीय पदों पर बैठे अधिकारियों को संदेश देने वाला है कि भ्रष्टाचार के मामलों में ठोस सबूतों के आधार पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। यह ट्रैप केस लंबे परीक्षण के बाद अब न्यायिक परिणाम तक पहुंचा है।





