
Rahul Gandhi का आरोप: विदेशी नेताओं से मिलने नहीं देते
New Delhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार उन्हें विदेशी नेताओं और गणमान्य मेहमानों से मिलने नहीं देती। उनके अनुसार यह पहले की संसदीय परंपराओं के विपरीत है, जहां विदेशी नेता भारत आने पर नेता प्रतिपक्ष से भी मुलाकात करते थे। लेकिन उपलब्ध तथ्यों से यह दावा पूरी तरह सटीक प्रतीत नहीं होता।

▪️Rahul Gandhi के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद की प्रमुख मुलाकातें
▫️सरकारी पक्ष ने यह बताया है कि 9 जून 2024 को राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद कई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री उनसे मिले हैं। प्रमुख तथ्य इस प्रकार हैं।

• राहुल गांधी 9 जून 2024 को नेता प्रतिपक्ष बने थे।
• बंगलादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना से उनकी मुलाकात 10 जून 2024 को हुई थी।
• 22 अगस्त 2024 को भारत आये मलेशिया के प्रधान मंत्री अनवर इब्राहिम उनसे मिले थे। वे तो राहुल गांधी के घर तक गये थे।
• 8 मार्च 2025 को राहुल गांधी भारत में ही न्यूजीलैंड के प्रधान मंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मिले थे।
• 16 सितंबर 2025 को भारत आये मारीशस के प्रधान मंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भी उनसे मुलाकात की थी।
• वियतनाम और नार्वे के भारत आये प्रधान मंत्रियों के साथ भी राहुल गांधी के फोटो उपलब्ध हैं।
• राहुल गांधी कोलंबिया में वहां की संसद के अध्यक्ष से भी बिना किसी रोक टोक के मिले थे, जिन्हें उनके कार्यालय ने वहां का प्रधान मंत्री बताकर प्रचारित कर दिया था।
▪️क्या सचमुच सरकार ने रोकी है मुलाकातें
▫️सरकार का कहना है कि विदेशी मेहमान खुद तय करते हैं कि वे किससे मिलना चाहते हैं। विदेश मंत्रालय सिर्फ इतना सुनिश्चित करता है कि कार्यक्रम सुव्यवस्थित रहे। किसी नेता से मिलना या न मिलना सरकार का नहीं बल्कि विजिटिंग डेलीगेशन का निर्णय होता है।
▫️सरकारी पक्ष यह भी कहता है कि जब कई विदेशी मेहमान राहुल गांधी से मिल चुके हैं तो यह आरोप तथ्य पर आधारित नहीं लगता।
▪️राहुल गांधी का विरोध क्यों
▫️राहुल गांधी का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान उनसे मुलाकात निर्धारित नहीं की गई। वे इसे संसदीय परंपरा का उल्लंघन बताते हैं और इसे लोकतांत्रिक ढांचे पर दबाव मानते हैं।
▪️अपनी बात
▫️तथ्य यह बताते हैं कि 2024 और 2025 के दौरान कई विदेशी प्रमुखों ने राहुल गांधी से मुलाकात की है। इसलिए यह कहना कठिन है कि सरकार उन्हें विदेशी नेताओं से मिलने नहीं देती। यह मुद्दा आरोप और प्रत्यारोप के बीच फंसा राजनीतिक विवाद अधिक प्रतीत होता है।
🌀 Mediawala




