Indore Lokayukta ने वन रक्षक को रिश्वत लेते पकड़ा: न्यायालय की सजा के बाद विभाग ने किया सेवा से बर्खास्त

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Indore Lokayukta ने वन रक्षक को रिश्वत लेते पकड़ा: न्यायालय की सजा के बाद विभाग ने किया सेवा से बर्खास्त

Khargone: जिले के मचलगांव वन परिक्षेत्र के वनरक्षक आजम खान को लोकायुक्त इंदौर द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के पश्चात न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया। न्यायालय के फैसले के उपरांत विभाग ने आजम खान को सेवा से पदच्युत कर दिया है। आरोपी पर गरीब ग्रामीण से जमीन के कागज दुरुस्त करने के नाम पर अवैध धन मांगने का आरोप सिद्ध हुआ।

▪️12 साल से खेती कर रहे ग्रामीण से नक्शा और हस्ताक्षर के बदले रिश्वत की मांग

▫️ग्राम पालड़ी, पंचायत पोखर बुजुर्ग, थाना भीकनगांव निवासी शिकायतकर्ता सिगड़र डुडवे ने लोकायुक्त इंदौर के पुलिस अधीक्षक को शिकायत में बताया था कि वह लगभग 12 वर्षों से वन भूमि पर खेती कर रहा है। भूमि का मौका नक्शा तैयार कराने और पट्टा प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वनरक्षक आजम खान ने उस पर 5000 रुपए रिश्वत की मांग का दबाव बनाया था। प्रारंभिक सत्यापन में शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई की योजना बनाई।

▪️13 जुलाई 2019 को 1900 रुपए लेते रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी

▫️योजना के अनुसार 13 जुलाई 2019 को आरोपी आजम खान को 1900 रुपए की रिश्वत राशि स्वीकार करते ही लोकायुक्त टीम ने धर दबोचा। मौके से प्रमाण सहित आरोपी को गिरफ्तार कर प्रकरण दर्ज किया गया। अपराध क्रमांक 148/2019 के तहत जांच पूरी कर 7 जुलाई 2023 को अभियोग पत्र विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मंडलेश्वर जिला खरगोन में प्रस्तुत किया गया।

▪️विशेष न्यायालय का फैसला 4 वर्ष कारावास और 5000 रुपए अर्थदंड

▫️विशेष न्यायाधीश ने 19 नवंबर 2025 को निर्णय सुनाते हुए आरोपी को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया। न्यायालय ने उसे 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भी निर्धारित किया गया है।

▪️सजा के बाद विभाग ने की कठोर कार्रवाई: 9 नवंबर 2025 से सेवामुक्त

▫️न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि के बाद वन मंडल अधिकारी सामान्य मंडल खरगोन ने विभागीय कार्रवाई करते हुए 9 नवंबर 2025 से आजम खान को सेवा से पदच्युत कर दिया। विभाग ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी और दागी कर्मचारियों पर कठोरतम कार्रवाई जारी रहेगी।