
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के समक्ष बालाघाट में 77 लाख के 10 ईनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर
मध्य प्रदेश के इतिहास में नक्सलियों का सबसे बडा सरेंडर
भोपाल: मध्य प्रदेश के इतिहास में आज बालाघाट में नक्सलियों का सबसे बडा सरेंडर हो रहा है।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सामने आज बालाघाट में 77 लाख के 10 ईनामी नक्सलियों का सरेंडर होगा। इनमें मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के नक्सलवादी भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में नक्सलवाद के सफ़ाये की दिशा में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशन में तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना द्वारा मध्य प्रदेश में नक्सलियो के खात्मे को लेकर रणनीति पूर्वक तथा अभियान पूर्वक कार्रवाई की जा रही है इसी क्रम में पुलिस की कार्रवाई के डर और भय से नक्सलियों में पुलिस का इतना ख़ौफ़ पैदा हो गया कि नक्सली हथियार छोड़ने पर मजबूर हो गए है। मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा द्वारा नक्सलियों के खात्मे हेतु जीरो टारलेन्स की नीति के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी आत्मसमर्पण वाली कार्रवाई आज बालाघाट में नजर आई।
बालाघाट के एमएमसी जोन के केबी डिवीजन (कान्हा भोरमदेव) के लीडर ने अपने साथी नक्सलियों के साथ अपने आप को पुलिस को सौंप दिया है। इन्होंने हथियार छोड़ दिए। इन सभी नक्सलियों पर मध्य प्रदेश राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में कुल 77 लाख का इनाम था। इन नक्सलियों में 04 महिला और 06 पुरुष नक्सली शामिल है नक्सलियो ने फॉरेस्ट गार्ड की मदद से हॉक फोर्स से सम्पर्क किया।

यह मध्यप्रदेश के इतिहास का अब तक का यह सबसे बड़ा सरेंडर है। इतनी बड़ी संख्या में आज तक आत्मसमर्पण नहीं हुआ है।
केंद्र सरकार ने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की डेडलाइन मार्च 2026 तय की गई थी, जिसके बाद से सुरक्षाबलों की कार्रवाई तेज हो गई. नतीजतन बालाघाट में या तो नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ या फिर उन्होंने सरेंडर किया.

मुख्य बिंदु
* डॉ मोहन यादव मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में नक्सलवाद के सफ़ाये की दिशा में एक बड़ी सफलता
* 10 नक्सलवादियों ने बालाघाट में मुख्यमंत्री जी के समक्ष किया आत्मसमर्पण
* आत्मसमर्पित नक्सलवादियों में 04 महिला नक्सलवादी भी शामिल
* नक्सलवादियों ने AK47 – 02, INSAN – 02, SLR – 01, SSR – 02, BGL सेल -07 और 04 वाकीटाकी भी पुलिस को सौंपे.





