फ्लाइट रद्द हुई, ट्रेन भी नहीं मिली, दिल्ली से इंदौर रातभर 800 किमी ड्राइव कर बेटे को परीक्षा दिलाई

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फ्लाइट रद्द हुई, ट्रेन भी नहीं मिली, दिल्ली से इंदौर रातभर 800 किमी ड्राइव कर बेटे को परीक्षा दिलाई

रोहतक: के मायना गांव के रहने वाले राजनारायण पंघाल ने उस समय जिम्मेदारी और पिता के समर्पण की अनोखी मिसाल पेश की, जब बेटे की फ्लाइट अचानक रद्द हो गई और कोई दूसरा विकल्प भी उपलब्ध नहीं था। उनका 17 वर्षीय बेटा आशीष पंघाल इंदौर में कक्षा 12वीं का छात्र है और उसकी प्री-बोर्ड परीक्षा 8 दिसंबर से शुरू हो रही थी। उसे 6 दिसंबर की शाम एक कार्यक्रम में भी शामिल होना था।

6 दिसंबर को दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने पर पता चला कि उनकी बुक की हुई फ्लाइट अचानक रद्द कर दी गई है। समय बहुत कम था और ट्रेन में भी तत्काल कोई कन्फर्म टिकट उपलब्ध नहीं था। ऐसी स्थिति में बेटे को समय पर इंदौर पहुंचाना लगभग असंभव लग रहा था। लेकिन पिता ने हार मानने से इनकार कर दिया।

फ्लाइट रद्द होने के तुरंत बाद राजनारायण ने फैसला लिया कि वे खुद कार चलाकर बेटे को इंदौर पहुंचाएंगे। उसी रात उन्होंने करीब 800 किलोमीटर की दूरी अपनी कार से तय की। रातभर लगातार ड्राइव करते हुए वे सुबह इंदौर पहुंचे और बेटे को परीक्षा केंद्र तक समय पर पहुंचा दिया। आशीष ने निर्धारित समय पर अपनी परीक्षा दी।

परिवार के अनुसार, आशीष इंदौर में पढ़ाई के साथ शूटिंग स्पोर्ट्स से भी जुड़ा है और पिता का मानना था कि किसी भी कीमत पर उसकी परीक्षा नहीं छूटनी चाहिए। पिता के इस फैसले ने न केवल बेटे को राहत दी बल्कि यह भी साबित किया कि परिस्थिति कैसी भी हो, संकल्प और जिम्मेदारी साथ हों तो कोई दूरी बड़ी नहीं होती।

अचानक फ्लाइट कैंसिल होने और यात्रा के सारे विकल्प बंद हो जाने के बावजूद, राजनारायण का यह निर्णय हजारों परिवारों के लिए प्रेरणादायक है।