UP’s dashing IAS Anamika Singh: 2004 बैच की अफसर ने 13 साल पहले VRS का लिया फैसला

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UP’s dashing IAS Anamika Singh: 2004 बैच की अफसर ने 13 साल पहले VRS का लिया फैसला

Lucknow। उत्तर प्रदेश कैडर की वरिष्ठ अधिकारी अनामिका सिंह ने अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन कर दिया है, जिससे प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का माहौल बन गया है। 2004 बैच की अनामिका सिंह तेज-तर्रार, कुशल और प्रभावी प्रशासक के रूप में जानी जाती रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है और अपनी कार्यशैली के लिए सम्मान भी पाया है।

▪️कौन हैं अनामिका सिंह और उनका करियर?

▫️अनामिका सिंह ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाकर बेहद कम उम्र में प्रशासनिक सेवा में प्रवेश किया था। वह सिर्फ 22 वर्ष की उम्र में आईएएस बन गई थीं, जो उनके मेधावी और तेजतर्रार व्यक्तित्व का प्रमाण माना जाता है। वर्ष 2004 बैच में चयनित होने के बाद उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं।

उन्होंने नीति आयोग (NITI Aayog) में निदेशक के पद पर भी कार्य किया। जिलों और विभागों में उनकी भूमिकाएं व्यापक रही हैं और उनकी निर्णायक कार्यशैली के कारण वे हमेशा चर्चाओं में रहती हैं।

वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश में खाद्य आयुक्त (Food Commissioner) के पद पर तैनात थीं, जहां उन्होंने खाद्य और रसद विभाग की जिम्मेदारी संभाली थी।

▪️VRS लेने का कारण क्या है?

▫️अनामिका सिंह ने अपनी औपचारिक सेवानिवृत्ति से करीब 13 साल पहले ही VRS के लिए आवेदन किया है, जोकि अपने आप में असामान्य कदम माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स और प्रशासनिक चर्चा के अनुसार इसके पीछे दो मुख्य कारण सामने आ रहे हैं:

▪️केंद्र में डेपुटेशन का लक्ष्य:

▫️सूत्रों के मुताबिक, अनामिका सिंह केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति (Central Deputation) पर जाने की इच्छा रखती थीं और इसके लिए एनओसी (NOC) भी मांगी थी, लेकिन राज्य से अनुमति नहीं मिलने के कारण वे अपनी इच्छा पूरी नहीं कर पाईं। इसके चलते उन्होंने VRS लेने का निर्णय लिया।

▪️निजी कारण

▫️आधिकारिक रूप से उनके VRS आवेदन में निजी कारणों का हवाला दिया गया है, लेकिन प्रशासनिक और नौकरशाही चर्चा में इससे जुड़े राजनीतिक- व्यवस्थागत सवाल भी उठ रहे हैं ।

▪️प्रशासनिक गलियारों में चर्चा

▫️उनका यह अचानक लिया गया निर्णय यूपी प्रशासनिक प्रतिष्ठा और नौकरशाही संतुलन के संदर्भ में चर्चा का विषय बन गया है। कुछ अनुभागों में यह विचार भी सामने आया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार VRS लेने से प्रशासनिक अनुभव में कमी आ सकती है, जबकि कुछ यह भी मानते हैं कि यह बदलाव सेवा के भीतर लक्ष्यों और अवसरों की राजनीति को भी दर्शाता है।

▪️क्या यह अकेला मामला है?

▫️उत्तर प्रदेश में अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने भी VRS लिया है या ऐसे पिछले उदाहरण मौजूद हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि नौकरशाही में बदलाव की लहर और व्यक्तिगत निर्णय विविध कारणों से प्रभावित हो रहे हैं।

▪️अब आगे क्या?

▫️अब यह मामला आगे तय होगा कि राज्य सरकार उनका VRS आवेदन कब तक मंजूर करती है और इसके बाद अनामिका सिंह किन क्षेत्रों में योगदान देती हैं.. क्या वह प्रशासनिक सेवाओं से पूरी तरह अलग होंगी या किसी अन्य क्षेत्र में सक्रिय होंगी। फिलहाल उनके आवेदन की प्रक्रिया और स्वीकृति पर नजर बनी हुई है।