
Social harmony : विश्व के अनेक धर्मों के विद्वान श्रीमद्भागवत गीता के समर्थक हैं, जिसमें मुस्लिम धर्मावलंबी भी सम्मिलित हैं: विश्वेश्वरानंदजी महाराज!
Mumbai : मुंबई के विलेपार्ले क्षेत्र स्थित संन्यास आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंदजी महाराज से भेंटकर पंडित मुस्तफा आरिफ ने श्रीमद्भगवद्गीता आधारित अपने ग्रंथ “गीता भारती” की काव्यात्मक रूपांतरण मुक्तक रचना की प्रगति से अवगत कराया। स्वामीजी ने मुस्तफा आरिफ को मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि विश्व के अनेक धर्मों के विद्वान श्रीमद्भागवत गीता के समर्थक हैं, जिसमें मुसलमान भी सम्मिलित हैं। उन्होंने पाकिस्तान के एक गीता प्रेमी विद्वान से कजाकिस्तान में आयोजित गीता सम्मेलन में मुलाकात का वृतांत सुनाया। इस अवसर पर फिल्म लेखक निर्देशक और अंग्रेज़ी मासिक “कृष्ण-प्रज्ञा” के संपादक पवन सेठी भी विशेष रूप से उपस्थित थे। सेठी ने श्रीमद्भगवद्गीता के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि अखिल ब्रह्मांड को जोड़कर परमात्मा के एकात्मस्वरूप से साक्षात्कार के अमूल्य योगदान का श्रीमद्भागवत गीता एक कारगर माध्यम है। इसलिए इसकी मान्यता सार्वभौमिक है।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार और अपराध जगत के खोजी लेखक विवेक अग्रवाल और स्तंभकार सुभाष त्रिपाठी विशेष रूप से उपस्थित थे। पंडित मुस्तफा आरिफ ने स्वामीजी को अध्याय 15 पुरुषोत्तम योग पर आधारित 24 छंद के काव्यात्मक मुक्तक रूपांतरण की एक प्रति भेंट की। सभी अतिथियों ने स्वामीजी का स्वागत किया, बता दें कि पंडित मुस्तफा आरिफ रतलाम निवासी हैं तथा फिलहाल मुंबई निवास कर रहें हैं। उज्जैन महाकाल मंदिर प्रशासन द्वारा उन्हें बोहरा समुदाय के होने के बाद भी पंडित की उपाधि से अलंकृत किया हैं





