विशेष सत्र में ढूंढा गया विकसित समृद्ध और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का मंत्र…

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विशेष सत्र में ढूंढा गया विकसित समृद्ध और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का मंत्र…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

विधानसभा सत्र के 69 साल पूरा होने और 70 वे साल की शुरुआत के दिन 17 दिसंबर 2025 को बुलाया गया विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र

अपने उद्देश्यों के इर्द-गिर्द पक्ष विपक्ष के सदस्यों की चर्चा में समाहित रहा। विपक्ष ने आलोचना और तेवरों संग सरकार को आईना दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और 2047 की जगह वर्तमान स्थिति में नागरिकों की समृद्धि पर फोकस करने की जरूरत बताई। तो मोहन सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के साथ मध्यप्रदेश के विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध होने के विजन का दावा किया और वर्तमान स्थिति में भी मोहन सरकार की दो साल की उपलब्धियों को सामने रखकर प्रदेश की समृद्धि का दावा किया।

विधानसभा के विशेष सत्र के अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने “अभ्युदय मध्य प्रदेश – विकास और सेवा के दो वर्ष” विषय पर आधारित “1956 से 2025 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के इतिहास के क्षण और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव” विषय पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी सहभागिता पहली विधान सभा के संकल्पों के अनुरूप सन् 2047 में मानव विकास के नये प्रतिमानों के साथ विशेष सत्र की धारणाओं को साकार करेगी। हम कह सकेंगे कि मध्यप्रदेश सही अर्थों में भारत का सिरमौर है।जनसेवा की भावना से वर्षों से राजनीति में सक्रिय हम जैसे प्रतिनिधियों के लिये सुखद संयोग और सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश विधान सभा की 70 वीं वर्षगांठ के अवसर पर जनकल्याण के सपनों को आकार देने के लिये 16 वीं विधान सभा में पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्य एक दिवसीय विशेष सत्र में एक साथ उपस्थित हैं।

श्री तोमर ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि यह वर्ष वंदे-मातरम के 150 वर्ष पूरे होने का भी है। वंदे-मातरम के विभिन्न छंदों ने खुशहाल भारत की कल्पना की गई है। वैसा ही खुशहाल मध्यप्रदेश बनाने के लिये विशेष सत्र आहूत हुआ है। मध्यप्रदेश विधान सभा की दीर्घ यात्रा के अगले चरण में मध्यप्रदेश की 8 करोड़ जनता की आकांक्षाओं और अभिलाषाओं के प्रति प्रतिबद्धता का शंखनाद करने के लिये यह विशेष सत्र आयोजित किया गया। तोमर ने अपने उद्बाेधन में कहा कि 1 नवम्बर 1956 के दिन गठित मध्यप्रदेश में राज्य विधान सभा की पहली बैठक 17 दिसम्बर को सम्पन्न हुई थी। उसके बाद सोलहवीं विधान सभा के वर्तमान कालखंड तक पिछले 69 वर्षों के दरम्यान मध्यप्रदेश में 191 बार सदन के सत्र आहूत हो चुके हैं। विशेष सत्र की गणनाओं में राज्य विधान सभा का यह चौथा सत्र है। सदन की 192 बैठक के रूप में आहूत सोलहवीं विधान सभा का यह विशेष सत्र राज्य की 8 करोड़ जनता के समग्र विकास और उनके जीवन उन्नयन के लिये समर्पित है। साथ ही यह वक्त बीते 70 वर्षों के दरम्यान मध्यप्रदेश में निर्वाचित पक्ष और विपक्ष के सभी 4499 विधायको को स्मरण करने और उन्हें सराहने का भी है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विधानसभा का यह विशेष सत्र सभी के लिए सौभाग्य की बात है। कल्याणकारी राज्य के निर्माण के पथ पर अग्रसर इस व्यवस्था के लिए यह सत्र विशेष महत्व रखता है। बाबा महाकाल को नमन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह विशेष सत्र मात्र एक औपचारिकता नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता और भविष्य के प्रति साझा जिम्मेदारी के संकल्प का प्रतीक है। यह सत्र मध्य प्रदेश को खुशहाल, समृद्ध, सांस्कृतिक रूप से गौरवशाली और आत्मनिर्भर बनाने के हमारे संकल्प को दोहराने का अवसर है। विधानसभा के 70 वर्षों का सफर हमारी लोकतांत्रिक यात्रा का मानक है, यह सदन जनता की शक्ति और आस्था का मंदिर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने हाल ही में दो वर्ष पूरे किए हैं। इस दौरान लिए गए दूरगामी निर्णय भविष्य में मील के पत्थर साबित होंगे। उपलब्धियों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदिवासी, अल्पसंख्यक, पिछड़े वर्ग, गरीब, किसान, महिला और युवा उत्थान के मिशन को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। तो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने क्षेत्र के विकास और जन कल्याण में सभी के सहयोग की अपेक्षा की।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को 2026 में मध्यप्रदेश और प्रदेशवासियों को समृद्ध करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। वहीं प्रदेश की वर्तमान स्थिति में जनता की समस्याओं को सामने रखते हुए सरकार के दावों पर आक्रोश जताया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने विपक्षी आलोचना का सिलसिलेवार जवाब देते हुए सरकार की मंशा बताई कि विपक्ष साथ दे। सरकार विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की यात्रा की सफलता के लिए तैयार है।

उम्मीद यही है कि विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के विश्वास के अनुरूप इस विशेष सत्र में अपने नेक इरादे, साफ नीयत, जनहित और राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखकर विजन के माध्यम से मध्यप्रदेश की जनता की भलाई के लिए एक नया इतिहास लिखा जा सकेगा। तो विशेष सत्र में विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का मंत्र ढूंढा गया और आगामी सालों में मध्यप्रदेश विकसित, समृद्ध और आत्मनिर्भर बने…।

 

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।