
Jabalpur CBI Major Action: CGST के दो अधिकारी ₹4 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
Jabalpur: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार की शाम जबलपुर में एक बड़ी छापेमारी कर केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर कार्यालय से दो CGST अधिकारियों को चार लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि अधिकारियों ने होटल व्यवसायी से टैक्स विवाद के निपटारे के नाम पर अवैध रकम मांगी थी।
▪️कार्रवाई का घटनाक्रम और गिरफ्तारी
▫️सूत्रों के अनुसार CBI की टीम ने शहर के संबंधित कार्यालय और आवश्यक ठिकानों पर संयुक्त रूप से दबिश दी। छापेमारी के दौरान अधिकारियों के कब्जे से चार लाख रुपये नकद जब्त किए गए और दोनों आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा गया। गिरफ्तारी के बाद वारदात से जुड़े दस्तावेज और रिकॉर्ड भी सीबीआई ने जब्त किए। आरोप है कि अधिकारी व्यापारिक मोर्चे पर कर वसूली या निपटान से जुड़े मामले में अनैतिक फायदा लेने के उद्देश्य से रकम की मांग कर रहे थे।

▪️ मामला किस तरह से सामने आया
▫️गिरफ़्तार किए गए अधिकारी विभागीय स्तर पर निरीक्षण व निपटान कार्यों में संलिप्त बताए जा रहे हैं। प्रारम्भिक पूछताछ में यह बात सामने आई है कि मामला एक होटल से जुड़े कर विवाद से जुड़ा था और व्यवसायी से मामला टालने के एवज में रिश्वत की मांग की जा रही थी। कार्रवाई में शामिल एजेंसी ने कहा है कि यह कदम भ्रष्टाचार रोधी नीति के अनुरूप उठाया गया है और मामले की गहन जांच जारी है।
▪️ प्राथमिकी दर्ज
▫️घटना के आधार पर सीबीआई ने संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्रवाई आरम्भ कर दी है। जांच के दौरान सीबीआई कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से दस्तावेजी साक्ष्य जुटा रही है और पता लगाया जा रहा है कि क्या यह घटना किसी व्यापक नेटवर्क या अन्य सहकर्मियों के साथ जुड़ी हुई है। आगे की जांच में आवश्यकता पाए जाने पर अतिरिक्त गिरफ्तारियां और तलाशी की कार्रवाई की जा सकती है।
▪️ प्रतिक्रियाएं
▫️इस खुलासे के बाद जबलपुर के व्यापारिक समुदाय और नागरिकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कई व्यापारियों ने कहा कि ऐसे मामले प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता की कमी को उजागर करते हैं, जबकि कुछ ने कहा कि तत्काल गिरफ्तारी यह संकेत देती है कि उच्च स्तरीय तंत्र भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती दिखा रहा है। स्थानीय प्रशासन व विभागीय नेतृत्व ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आवश्यकताअनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई और आंतरिक जांच की बात कही है।
▪️आगे की प्राथमिकताएं
▫️CBI ने मामले को कड़ी निगरानी में रखने का निर्णय लिया है और आरोपियों के विरुद्ध जमा सभी रिकार्ड, मोबाइल कॉल डेटा और वित्तीय लेनदेन का विश्लेषण कर रही है। एजेंसी विशेषकर यह देख रही है कि रिश्वत के ये लेनदेन किन संदर्भों में हुए, किन मामलों का निपटान प्रस्तावित था और क्या कहीं कोई पैटर्न या समन्वय मौजूद था। जांच में मिलने वाली हर नई जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाइयां निर्धारित की जाएंगी।
▪️भविष्य में क्या कदम उठेंगे
▫️प्रारम्भिक जांच यह संकेत देती है कि यह एक लक्षित कार्रवाई थी, किन्तु एजेंसी स्थानीय स्तर पर और दस्तावेजी जांच के बाद यह स्पष्ट कर पाएगी कि क्या अन्य अधिकारी या दल भी इस तरह के मामलों में शामिल थे। अगर जांच गहरे स्तर पर विस्तारित होती है तो विभागीय पुनर्रचना, निगरानी तंत्र कड़ा करना और शिकायत निवारण प्रक्रिया में सुधार पर भी कदम उठाए जा सकते हैं।





