मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को लोकमत पार्लियामेंट्री अवॉर्ड्स के तहत लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। लोकतंत्र, संविधान और संसदीय परंपराओं के संरक्षण में उनके दीर्घकालीन योगदान के लिए उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया।

▪️लोकमत पार्लियामेंट्री अवॉर्ड्स के छठे संस्करण के तहत यह सम्मान ▫️▫️बुधवार 17 दिसंबर 2025 को दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में आयोजित समारोह में दिया गया। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने दिग्विजय सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया।
लोकमत मीडिया ग्रुप के चेयरमैन विजय दरदा ने बताया कि लोकमत संसदीय पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 2017 में की गई थी। इसका उद्देश्य ऐसे सांसदों को सम्मानित करना है, जिन्होंने संसद के माध्यम से देश की प्रगति में योगदान दिया हो, लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत किया हो और सार्वजनिक जीवन में प्रेरणा का स्रोत बने हों।

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▫️विजय दरदा ने बताया कि लोकमत पार्लियामेंट्री अवॉर्ड्स 2024–25 की स्वतंत्र जूरी ने सर्वसम्मति से दिग्विजय सिंह को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिए चुना। जूरी का मानना है कि दिग्विजय सिंह अपने लंबे संसदीय जीवन के दौरान संवैधानिक मूल्यों, सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के प्रति लगातार प्रतिबद्ध रहे हैं और राज्यसभा में उन्होंने इन मुद्दों पर सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभाई है।

▪️समारोह में प्रमुख उपस्थिति
▫️सम्मान समारोह में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, लोकमत पार्लियामेंट्री अवॉर्ड्स की जूरी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल, सहकार और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल उपस्थित रहे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश भूषण गवई की भी विशेष उपस्थिति रही।

▪️संसदीय और राजनीतिक यात्रा
▫️दिग्विजय सिंह का राजनीतिक सफर चार दशकों से अधिक का रहा है। उन्होंने 1977 में मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव जीतकर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद वे कई बार विधायक चुने गए और 1993 से 2003 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान पंचायती राज व्यवस्था, प्रशासनिक विकेंद्रीकरण और संस्थागत सुधारों को लेकर उनकी नीतियों की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई।

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▫️मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद वे राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहे और वर्ष 2014 से राज्यसभा सदस्य के रूप में संसद के उच्च सदन में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। राज्यसभा में उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं, संघीय ढांचे, सामाजिक न्याय, आंतरिक सुरक्षा और विदेश नीति जैसे विषयों पर कई महत्वपूर्ण बहसों में भाग लिया है।

▪️संसद में भूमिका और पहचान
▫️संसद में दिग्विजय सिंह को स्पष्ट वक्ता और तर्क आधारित हस्तक्षेप के लिए जाना जाता है। वे विभिन्न संसदीय समितियों से भी जुड़े रहे हैं और विधायी प्रक्रिया में सक्रिय सहभागिता निभाते रहे हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से जुड़े मुद्दों पर उनकी टिप्पणियां अक्सर संसद और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय रही हैं।

▪️सम्मान का महत्व
▫️लोकमत पार्लियामेंट्री अवॉर्ड्स के तहत लोकसभा और राज्यसभा के उन सांसदों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने संसद की गरिमा और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड ऐसे सांसद को दिया जाता है, जिसने अपने राजनीतिक जीवन को लोकतंत्र, संविधान और संसदीय परंपराओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए समर्पित किया हो।

▫️इससे पहले यह सम्मान डॉ. मनमोहन सिंह, शरद पवार और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे वरिष्ठ नेताओं को प्रदान किया जा चुका है। इस सम्मान के साथ दिग्विजय सिंह का नाम उन नेताओं की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने लंबे समय तक संसदीय लोकतंत्र में सक्रिय भूमिका निभाई है।