मोहन, मनोहर, मेट्रो और इतिहास रचता मध्यप्रदेश…

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मोहन, मनोहर, मेट्रो और इतिहास रचता मध्यप्रदेश…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

आखिरकार मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को मेट्रो की सौगात मिल ही गई है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन पर हरी झंडी दिखाकर 20 दिसंबर 2025 को मेट्रो का शुभारंभ किया। इसके बाद दोनों नेताओं सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने सुभाष नगर से एम्स तक मेट्रो में सफर किया। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के दो प्रमुख शहरों राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर में मेट्रो सेवा शुरु हो गई। इंदौर में 4 माह पहले ही मेट्रो ट्रेन चालू हो चुकी है। भोपाल में मेट्रो अभी सुभाष नगर से एम्स तक चलेगी।

करीब सात साल बाद भोपाल में मेट्रो का सपना साकार हुआ है। मेट्रो का यह पहला चरण सुभाष नगर से एम्स तक 6.22 किलोमीटर लंबा है, जिसमें कुल 8 स्टेशन शामिल हैं। मेट्रो हर दिन सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम ऑफिस, अलकापुरी और एम्स कुल 8 स्टेशनों का सफर तय करेगी। सभी यात्रियों के लिए 21 दिसंबर 2025 को सुबह 9 बजे एम्स स्टेशन से मेट्रो का पहला सफर प्रारंभ होगा। अभी कुल 17 ट्रिप होंगी। एम्स से सुभाष नगर के बीच 9 ट्रिप लगेगी जबकि सुभाष नगर से एम्स 8 बार आएगी। भोपाल मेट्रो परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 10 हजार 33 करोड़ रुपये बताई गई है। इसमें से प्रायोरिटी कॉरिडोर पर लगभग 2 हजार 225 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस 6 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर प्रतिदिन करीब 3 हजार यात्रियों के सफर करने का अनुमान है। मेट्रो सेवा से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि शहर को आधुनिक सार्वजनिक परिवहन का मजबूत विकल्प भी मिलेगा, जो भविष्य के विकास की दिशा तय करेगा। राजधानीवासियों के लिए मेट्रो का यह सफर आनंद और उत्साह से भरा माना जा सकता है।

मेट्रो का यह सफर हाईटेक रहेगा।यात्रियों के लिए सभी स्टेशनों पर हाई स्पीड लिफ्ट और एस्केलेटर सुविधा उपलब्ध है। एआई पर आधारित सीसीटीवी की नजर में मेट्रो का सफर रहेगा। दिव्यांगों के लिए सुगम प्रवेश और व्हील चेयर की सुविधा दी गई है।

प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर और ग्रेड 4 सिग्नल सिस्टम का प्रावधान है।रीजेनेरटिव ब्रेकिंग से ऊर्जा और सोलर पावर का उपयोग होगा। कोचों में एसी, आरामदायक सीटें, मोबाइल चार्जिंग की सुविधा दी गई है। सुभाष नगर से एम्स तक 40 रुपए, बोर्ड ऑफिस से डीआरएम ऑफिस तक 30 रुपए

और केंद्रीय विद्यालय से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक 30 रुपये किराया रखा गया है। मेट्रो सेवा को यात्रियों का कितना प्यार मिलता है, यह आने वाले समय में साफ हो जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर की बात की जाए तो मेट्रो को भोपाल आते-आते 41 साल का सफर तय करना पड़ा। भारत की पहली मेट्रो कोलकाता में चली थी, जो 24 अक्टूबर 1984 को शुरू हुई और यह भारत की पहली और सबसे पुरानी मेट्रो प्रणाली है, जिसने शहरी परिवहन के एक नए युग की शुरुआत की। इस दौरान मेट्रो 12 राज्यों तक पहुंच चुकी है और भोपाल 26वां मेट्रो शहर बन चुका है। 30.8 किलोमीटर लंबी यह अत्याधुनिक परियोजना शहर को तेज, सुगम और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन सुविधा प्रदान करेगी। मेट्रो में दो कॉरीडोर—ऑरेंज लाइन (16.74 किमी) और ब्लू लाइन (14.16 किमी)—सहित एक डिपो शामिल है। यह परियोजना यातायात दबाव को कम करने के साथ नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगी। भोपाल मेट्रो के पहले चरण ऑरेंज लाइन ‘प्रायोरिटी कॉरीडोर’ का शुभारंभ किया गया है।भोपाल में पहला मेट्रो रूट एम्स से करोंद तक 16.74 किलोमीटर लंबा है। इसमें से एम्स से सुभाष नगर के बीच 6.22 किलोमीटर पर प्राथमिकता कॉरिडोर के तौर पर 2018 में काम शुरू किया गया था। भोपाल मेट्रो की ब्लू लाइन, भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहा तक लगभग 14.16 किमी का एलिवेटेड कॉरिडोर है, जो पहले चरण का हिस्सा है और अभी निर्माणाधीन है। इसका लक्ष्य 2027 के अंत तक पूरा करना है। ब्लू लाइन का निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जिसमें 14 स्टेशन होंगे और यह शहर के यातायात को कम करेगी। भोपाल में पहली बार मेट्रो 3 अक्टूबर 2023 को पटरी पर दौड़ी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था।

 

केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भोपाल मेट्रो का उद्घाटन करने के साथ ही कहा कि जल्द ही भारत मेट्रो के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई के मामले में भारत 1,083 किलोमीटर के साथ दुनिया में चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर है। 20 दिसंबर 2025 को जोड़े गए करीब सात किलोमीटर के साथ यह आंकड़ा 1,090 किलोमीटर हो गया है। देश में लगभग 900 किलोमीटर लंबी मेट्रो परियोजनाओं का काम जारी है। 300 किलोमीटर काम पूरा होने के साथ ही भारत अमेरिका को पीछे छोड़ देगा।

तो मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो का सफर शुरू हो चुका है। और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सही ही कहा है कि भोपाल में मेट्रो ट्रेन के संचालन के साथ आज एक नया इतिहास रचा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधुनिक और सुरक्षित परिवहन का यह उपहार दिया है। तो इंदौर में भूमिगत मेट्रो को भी केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी देकर इतिहास

रचा है। तो उम्मीद यही है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर का मेट्रो युग उपलब्धियों का नया सफर तय कर इतिहास रचते रहेंगे… और अन्य शहरों में भी मेट्रो का विस्तार कर मध्यप्रदेश इतिहास रचेगा।

 

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।