Makhanlal Chaturvedi University: वरिष्ठ अधिकारी राजेश शर्मा का आकस्मिक निधन

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Makhanlal Chaturvedi University: वरिष्ठ अधिकारी राजेश शर्मा का आकस्मिक निधन

भोपाल–इटारसी: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय को एक गहरा आघात लगा, जब कुलगुरु कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी राजेश शर्मा का आकस्मिक निधन हो गया। 58 वर्ष की आयु में भोपाल के एक निजी चिकित्सालय में हृदयघात के कारण उनका निधन हुआ। उनके असमय चले जाने से विश्वविद्यालय का प्रशासनिक तंत्र ही नहीं, बल्कि वह पूरा परिवार शोकाकुल है जो वर्षों से उनके समर्पण, अनुशासन और सहज व्यवहार का साक्षी रहा है।

राजेश शर्मा लंबे समय से कुलगुरु कार्यालय में कार्यरत थे और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक संचालन की एक मजबूत कड़ी माने जाते थे। नीतिगत निर्णयों से लेकर दैनिक प्रशासनिक समन्वय तक, हर जिम्मेदारी को वे शांत, संतुलित और प्रतिबद्ध भाव से निभाते थे। सहकर्मियों के बीच उनकी पहचान एक ऐसे अधिकारी के रूप में थी, जो पद से अधिक कर्तव्य को महत्व देता था और हर परिस्थिति में संस्था हित को सर्वोपरि रखता था।

विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों के सुचारू संचालन में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही। विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ संवाद तथा संस्थागत कार्यसंस्कृति को बनाए रखने में उनका योगदान हमेशा स्मरण किया जाएगा। उनके निधन से विश्वविद्यालय ने न केवल एक अनुभवी अधिकारी खोया है, बल्कि एक संवेदनशील और सहयोगी व्यक्तित्व भी खो दिया है।
स्वर्गीय राजेश शर्मा की अंतिम यात्रा इटारसी में संपन्न हुई, जहां पूरे विधि विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र ऋषभ शर्मा ने मुखाग्नि दी। इस दौरान परिजन, रिश्तेदार, मित्रों के साथ बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य भी उपस्थित रहे और उन्हें अंतिम विदाई दी।

अंत्येष्टि में विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी, सह कुलसचिव गिरीश जोशी, संधारण प्रभारी हेमेंद्र खरे सहित अनेक अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। सभी ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि राजेश शर्मा का निधन विश्वविद्यालय के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका सौम्य स्वभाव, कार्य के प्रति निष्ठा और संस्थान के प्रति समर्पण लंबे समय तक याद किया जाएगा। विश्वविद्यालय परिवार इस दुख की घड़ी में उनके परिजनों के साथ खड़ा है।

राजेश शर्मा का जाना उन सभी के लिए व्यक्तिगत क्षति है, जिन्होंने उनके साथ काम किया, उनसे सीखा और उनके अनुभव से मार्गदर्शन पाया। उनका जीवन और कार्यशैली विश्वविद्यालय की कार्यसंस्कृति में एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में हमेशा स्मरणीय रहेगी।