CG Liquor Scam: ED के शिकंजे में पूर्व IAS अधिकारी निरंजन दास

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ED Raid

CG Liquor Scam: ED के शिकंजे में पूर्व IAS अधिकारी निरंजन दास

विनोद काशिव की रिपोर्ट 

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भारतीय प्रशासनीय सेवा में 1987 बैच के छत्तीसगढ़ के पूर्व IAS अधिकारी निरंजन दास को शराब घोटाले में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया है। रायपुर स्थित पीएमएलए अदालत ने उन्हें पेश करने के बाद ED की हिरासत में भेज दिया।

पुलिस की जांच में शराब घोटाले का पर्दाफाश हुआ, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और अनुसूचित अपराधों के माध्यम से 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध की आय (पीओसी) प्राप्त हुई।

ED की जांच से पता चला है कि दास को आबकारी आयुक्त और आबकारी विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने के बाद ही सरकारी खजाने की लूट शुरू हुई। ED के अनुसार, यह कथित तौर पर सिंडिकेट द्वारा शराब घोटाले को अंजाम देने में मदद करने के लिए किया गया था।

ED की जांच रिपोर्ट के अनुसार, राज्य संसाधनों की लूट को खुलेआम संभव बनाने के मूल अपराध को अंजाम देने में दास की भूमिका केंद्रीय थी।

ED ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि दास ने व्यक्तिगत रूप से 18 करोड़ रुपये की नकद राशि (पीओसी) एकत्र की थी। इसके अलावा, डिजिटल रिकॉर्ड, जब्त किए गए रिकॉर्ड और लिखित बयानों के रूप में एकत्र किए गए सबूतों से यह साबित हुआ कि IAS अधिकारी शराब सिंडिकेट का सक्रिय भागीदार था।

जांच में पता चला कि दास ने 50 लाख रुपये के मासिक भुगतान के बदले में गिरोह को बेरोकटोक काम करने की अनुमति दी और इस तरह सरकारी राजस्व की लूट में मदद की।

ED ने आरोप लगाया कि दास भारी रकम के बदले फील्ड अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में बेहिसाब कच्ची शराब/बेहिसाब अवैध शराब की बिक्री बढ़ाने का निर्देश देता था।