ग्वालियर में संपन्न हुआ सफलता के दो साल का उत्सव… मोहन के मोदी केंद्रित विजन पर लगी शाही मुहर…

62

ग्वालियर में संपन्न हुआ सफलता के दो साल का उत्सव… मोहन के मोदी केंद्रित विजन पर लगी शाही मुहर…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री के रूप में दो साल पूरे होने का उत्सव वास्तव में अटल जी की जयंती पर ग्वालियर में संपन्न हुआ। यहाँ केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की जयंती पर आयोजित “अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट” में शामिल हुए। ग्वालियर की धरा से मध्यप्रदेश ने पूरे देश को विकास का नया संदेश दिया। तो मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मोदी केंद्रित विजन पर ग्वालियर में शाही मुहर लग गई। शाह ने साफ कर दिया कि आकर्षक नीतियों और पारदर्शी प्रशासन से ही मध्यप्रदेश ने इस साल सर्वाधिक निवेश हासिल किया है। और भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मध्यप्रदेश सर्वाधिक भागीदारी करेगा। यानि अब मध्यप्रदेश मोहन के नेतृत्व में देश में वह बड़ी लकीर खींचेगा जो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 17 साल में नहीं खींच पाए। शाह ने साफ कर दिया कि शिवराज ने मध्य प्रदेश को बीमारू से बाहर निकाला तो मोहन यादव विकसित राज्य बनाने की ओर अग्रसर हैं। और इसके जरिए डॉ. मोहन यादव के आलोचक अब पूरी तरह समझ गए होंगे कि मोहन विजन की आलोचना कहीं न कहीं सीधे मोदी-शाह विजन को चुनौती देना है। अब अभ्युदय मध्यप्रदेश की राह में रोड़ा बनने की अगर किसी की सोच है तो उसे अपना रास्ता चुन लेना चाहिए। और अगर मध्य प्रदेश को विकसित बनाने की सोच है तो मोहन के नेतृत्व में कदम आगे बढ़ाने के लिए तैयार रहना चाहिए। अटल जी की जयंती पर शायद महाकाल के कृपापात्र मोहन यादव को इससे शाही तोहफा नहीं मिल सकता था। और इससे यह अनुमान भी लगाया जा सकता है कि वन टू वन चर्चा करने वालों को भी शाही सन्देश मिल ही गया होगा।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश अब देश में सबसे तेज गति से विकास करने वाला राज्य बन गया है। बीते सालों की वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव से अलग रहकर अनेकानेक चुनौतियों और संसाधनों के अभाव से उबरकर प्रदेश ने जिस रफ्तार से प्रगति की है, वह पूरे देश को अभिप्रेरित करती है। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सिंचाई, उद्योग, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य सुधार, खनन, फार्मा, नवकरणीय ऊर्जा और वृहद संख्या में आधारभूत अवसंरचनाएं, हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश आज अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने अपनी नई सोच, उद्यमशीलता, प्रगतिशील दृष्टिकोण और नवाचारों के माध्यम से विकास के ऐसे मानक स्थापित किए हैं, जिनका अनुसरण अब अन्य राज्य भी कर रहे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री शाह 25 दिसंबर 2025 को भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जन्म जयंती के विशेष अवसर पर ग्वालियर के मेला मैदान में आयोजित “अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट” को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और नि:संदेह यह तय है कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि में मध्यप्रदेश का योगदान सबसे बड़ा होगा। उन्होंने प्रदेश के नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि यहां निवेश के लिए अनुकूल वातावरण, स्पष्ट नीतियां और मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई देती है। इन्हीं सभी प्लस फैक्टर्स से ही मध्यप्रदेश ने इस साल देश में बड़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। इस मामले में मध्यप्रदेश ने देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। इस अवसर पर शाह ने 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निवेश लागत से प्रदेश के विभिन्न अंचलों में स्थापित होने वाली हजारों औद्योगिक एवं निर्माण इकाइयों का सामूहिक भूमिपूजन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस बात का प्रमाण पत्र खुद शाह ने दिया कि मोदी का अनुसरण कर ही मोहन के नेतृत्व में मध्य प्रदेश विकास का वरण कर रहा है। शाह ने मध्यप्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई देते हुए कहा कि देश में इंडस्ट्रियल समिट की शुरुआत नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में की थी। वाइब्रेंट गुजरात समिट के माध्यम से राज्य में निवेश आता था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए राज्य के संतुलित विकास के लिए रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव की शुरुआत की। यह मध्यप्रदेश के अंदर सभी क्षेत्रों में निवेश का आधार बना है। भविष्य में सभी राज्यों में ऐसे प्रयास किए जाएंगे। विकास के लिए राज्यों का संतुलित विकास आवश्यक है। अलग-अलग क्षेत्रों में विकास की अलग संभावनाएं होती है। धार में पीएम मित्र पार्क से कपास उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश में भौगोलिक क्षेत्र के आधार आयोजित हो रही निवेश समिट से राज्य के विकास को नई दिशा मिल रही है। विपक्षी दलों की सरकार में मध्यप्रदेश एक बीमारू राज्य हुआ करता था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस राज्य को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर लेकर आए। अब मुख्यमंत्री डॉ. यादव मध्यप्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश निवेश, रोजगार और समावेशी विकास का एक नया मॉडल गढ़ रहा है। अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट से प्रदेश में औद्योगिक विस्तार को नई गति मिलेगी और युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब साकार होती संभावनाओं का अग्रणी केंद्र बन चुका है। आज का यह आयोजन प्रदेश के उज्जवल औद्योगिक भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व के विश्वसनीय विकास साझेदार के रूप में स्थापित हो रहा है। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मुख्यमंत्री ने स्व. अटल जी की 101वीं जयंती के अवसर पर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में गरीब, किसान, महिला एवं युवाओं के कल्याण के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी एवं गृहमंत्री शाह के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश इसी 11 दिसंबर को नक्सलवाद की समस्या से पूर्णत: मुक्त हो चुका है। हमारी सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिये हर संभव कोशिश कर रही है। मध्यप्रदेश में 8.5 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतर रहे हैं। अटलजी की जयंती के अवसर पर प्रदेश के साथ ग्वालियर को भी बड़ी सौगातें मिल रही हैं।

तो वास्तव में प्रदेश और ग्वालियर को मिली बड़ी सौगातें तो बौनी मानी जा सकती हैं। शाह के ग्वालियर दौरे में अगर सबसे शाही सौगात किसी को मिली है तो वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को मिली है। शाह ने मोदी केंद्रित मोहन विजन पर पक्की मुहर लगा दी है और यह साफ कर दिया कि मध्य प्रदेश में विकास की सबसे बड़ी लकीर खींचने की तरफ मोदी का अनुसरण करते हुए मोहन यादव तेज गति से आगे बढ़ चुके हैं। और अब मोहन की सोच और विजन की बराबरी में इससे पहले रहे मध्य प्रदेश के कोई भी मुख्यमंत्री नहीं हैं। इसमें मध्य प्रदेश के सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैं। तो यह माना जा सकता है कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में मोदी-शाह की सूची में मोहन का स्थान अग्रिम पंक्ति में है। और अटल जी की धरती से शाह का यह साफ संदेश मोहन यादव के दो साल के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है…।

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।