
Cooperative Bank Scam: मंडला में 65 लाख का घोटाला: EOW ने दर्ज की FIR
Mandala: मध्य प्रदेश के मंडला जिले में सहकारिता तंत्र से जुड़ा एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मंडला और अल्प बचत साख सहकारी समिति मंडला के पदाधिकारियों द्वारा ऋण स्वीकृति प्रक्रिया में कूटरचना कर 65 लाख रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का मामला उजागर हुआ है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW ) जबलपुर ने विस्तृत जांच के बाद इस प्रकरण में FIR दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
*▪️ऋण उप समिति के निर्णय में हेरफेर*
▫️जांच में सामने आया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मंडला की ऋण उप समिति की बैठक दिनांक 08 नवंबर 2011 को आयोजित हुई थी। इस बैठक में अल्प बचत साख सहकारी समिति मंडला से संबंधित ऋण प्रस्ताव को अस्वीकृत किया गया था। बाद में दस्तावेजों में जानबूझकर हेरफेर करते हुए अस्वीकृत शब्द से ‘अ’ हटाया गया और प्रस्ताव को स्वीकृत दर्शा दिया गया।
*▪️बैठक के बाद जोड़ी गई अंतिम पंक्ति*
▫️ऋण उप समिति के निर्णय पत्र में बैठक के पश्चात अलग से अंतिम पंक्ति जोड़ी गई, जिसमें यह उल्लेख किया गया कि 65 लाख रुपये की अल्प कृषि ऋण साख सीमा स्वीकृत की जाती है। इस कूटरचित बदलाव के आधार पर आगे की पूरी वित्तीय प्रक्रिया संचालित की गई।
*▪️तीन दिन में जारी हुआ ऋण आदेश*
▫️जांच में यह भी प्रमाणित हुआ कि तत्कालीन महाप्रबंधक द्वारा बैठक के केवल तीन दिन बाद 12 नवंबर 2011 को 65 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत करने का आदेश अपने हस्ताक्षर से पारित किया गया। इसके बाद यह राशि अल्प बचत साख सहकारी समिति मंडला को प्रदान कर दी गई और सदस्यों में वितरित कर दी गई।
*▪️अमानतदारों की राशि नहीं लौटाई गई*
▫️शिकायत की जांच में यह भी पाया गया कि समिति द्वारा अमानतदारों की जमा राशि समय पर वापस नहीं की गई। इसके साथ ही समिति के नियमों के विपरीत गैर सदस्यों से भी अवैध रूप से धनराशि प्राप्त की गई।
*▪️गैर सदस्यों से 26 लाख से अधिक की अवैध वसूली*
▫️जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि तत्कालीन प्रबंधक के कार्यकाल में समिति की उपविधियों का उल्लंघन करते हुए गैर सदस्यों से 26 लाख 68 हजार 436 रुपये की राशि अवैध रूप से प्राप्त की गई। यह राशि पद का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी के माध्यम से वसूली गई।
*▪️जांच में साबित हुआ आपराधिक षड्यंत्र*
▫️EOW की जांच में यह प्रमाणित हुआ कि बैंक और समिति के पदाधिकारियों ने आपसी षड्यंत्र के तहत कूटरचना की, ऋण उप समिति के निर्णय में बदलाव किया और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मंडला को 65 लाख रुपये की वित्तीय हानि पहुंचाई।
*▪️इन धाराओं में दर्ज हुआ प्रकरण*
▫️आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जबलपुर द्वारा अपराध क्रमांक 168/2025 दर्ज किया गया है। आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 सी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। घटना अवधि 01 जनवरी 2011 से 31 दिसंबर 2023 तक की बताई गई है।
*▪️ये हैं आरोपी*
▫️प्रकरण में तत्कालीन महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मंडला, तत्कालीन स्थापना प्रभारी, तत्कालीन लेखापाल एवं पंजी फील्ड कक्ष प्रभारी तथा अल्प बचत साख सहकारी समिति मंडला के तत्कालीन प्रबंधक को आरोपी बनाया गया है।
*▪️विवेचना जारी*
▫️FIR दर्ज होने के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा मामले की विस्तृत विवेचना की जा रही है। जांच एजेंसी का कहना है कि प्रकरण से जुड़े सभी तथ्यों और भूमिकाओं की गहन जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।





