
Raipur Cold Wave: छत्तीसगढ़ में इन दिनों कड़ाके की ठंड, अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान महज 4.5 डिग्री
विनोद काशिव की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के उत्तर और मध्य हिस्सों में शीतलहर का प्रकोप जारी है। रात के तापमान में अचानक आई भारी गिरावट के कारण लोग ठिठुरने को मजबूर हैं।
छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है, जिससे पूरे प्रदेश में ठिठुरन काफी बढ़ गई है। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के उत्तर और मध्य हिस्सों में शीतलहर का जबरदस्त प्रकोप देखा जा रहा है। रात के तापमान में आई अचानक और भारी गिरावट ने लोगों को घरों के भीतर दुबकने और अलाव का सहारा लेने पर मजबूर कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी न होने के कारण उत्तर भारत से आने वाली शुष्क और ठंडी हवाएं बिना किसी रुकावट के छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रही हैं, जिससे कनकनी और भी बढ़ गई है।
यही मुख्य कारण है कि ठंड का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है और फिलहाल इससे राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।विशेष रूप से सुबह के समय घने कोहरे के कारण दृश्यता (visibility) काफी कम हो गई है, जिससे नेशनल हाईवे पर यातायात की रफ्तार बेहद धीमी पड़ गई है और लंबी दूरी की गाड़ियां घंटों देरी से चल रही हैं।
प्रदेश के सबसे ठंडे इलाकों में शुमार अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान महज 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जिसने पिछले कई रिकॉर्ड्स को चुनौती दी है। कड़ाके की इस ठंड के चलते सुबह और देर रात के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ठंड से बचने के लिए सामूहिक रूप से अलाव जलाकर बैठे नजर आ रहे हैं।मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक तापमान में इसी तरह की गिरावट या स्थिरता बनी रह सकती है, जिसका मतलब है कि ठंड का यह सितम अभी और सताएगा।
कड़ाके की ठंड और शीतलहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। विशेषज्ञों ने विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों को ठंड की चपेट में आने से बचाने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़ों का उपयोग करने और सुबह-शाम अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दी है।





