
तत्कालीन विधायक जीतू पटवारी सहित संजय शुक्ला, विशाल पटेल और विनय बाकलीवाल दोषमुक्त
इंदौर। कोरोना काल के दौरान दर्ज एक आपराधिक प्रकरण में इंदौर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने तत्कालीन विधायक जीतू पटवारी, संजय शुक्ला, विशाल पटेल और तत्कालीन शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को दोषमुक्त करार दिया है। अदालत ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी किया है।
*● क्या था पूरा मामला*
यह मामला 13 जून 2020 का है। कोरोना महामारी के दौरान इंदौर के राजबाड़ा क्षेत्र में मां अहिल्या की प्रतिमा के सामने कांग्रेस नेताओं द्वारा धरना-प्रदर्शन किए जाने को लेकर थाना सराफा में मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि बिना अनुमति भीड़ एकत्र कर प्रदर्शन किया गया, जिससे उस समय लागू कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ।
*● किन धाराओं में दर्ज हुआ था केस*
पुलिस ने तत्कालीन विधायक जीतू पटवारी, संजय शुक्ला, विशाल पटेल और विनय बाकलीवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और धारा 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। शिकायत थाना सराफा की तत्कालीन टीआई द्वारा की गई थी।
● कोर्ट में क्या सामने आया
सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि मामले में स्वतंत्र गवाह नहीं हैं और अधिकांश गवाह पुलिस विभाग से संबंधित हैं। गवाहों के बयानों में धरना-प्रदर्शन के उद्देश्य और परिस्थितियों को लेकर स्पष्टता नहीं पाई गई। साथ ही प्रकरण से जुड़ी शिकायतों में तारीख और घटनाक्रम को लेकर प्रक्रियात्मक त्रुटियां भी सामने आईं।
*● अदालत का निर्णय*
एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में असफल रहा है। पर्याप्त और ठोस साक्ष्य के अभाव में अदालत ने चारों आरोपियों को दोषमुक्त घोषित कर दिया।
● राजनीतिक दृष्टि से अहम फैसला
यह मामला लंबे समय से चर्चा में रहा था। फैसले के बाद संबंधित नेताओं को कानूनी राहत मिली है और यह प्रकरण न्यायिक रूप से समाप्त माना जा रहा है। इंदौर की राजनीति में इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।





