…तो प्रदेश में पहली बार हो जाएंगे 13 DG रैंक के अफसर!

एक अफसर के प्रतिनियुक्ति से वापस आने पर लागू हो सकता है NBR 

52
Additional SP Transfer

…तो प्रदेश में पहली बार हो जाएंगे 13 DG रैंक के अफसर!

भोपाल: प्रदेश में पहली बार ऐसा हो सकता है कि एक जनवरी के बाद डीजी के पद पर 13 अफसर पदस्थ हो जाएं। यह स्थिति इसलिए बन सकती है कि प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ एक अफसर का कार्यकाल 23 दिसंबर को पूरा हो चुका है, लेकिन अभी उनके वापस आने की सूचना पुलिस मुख्यालय को नहीं मिली है, यदि पदोन्नति आदेश के बाद वे प्रदेश में आए तो NBR के तहत उन्हें DG के पद पर पदोन्नत करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में प्रदेश में DG रैंक के अफसरों की संख्या 13 हो जाएगी।

वर्ष 1994 बैच के अफसर अनंत कुमार सिंह प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में हैं, उनकी प्रतिनियुक्ति की अवधि 23 दिसंबर को पूर्ण हो चुकी है। यदि अनंत कुमार सिंह के आने की स्थिति 31 दिसंबर तक स्पष्ट नहीं हुई तो एक जनवरी को उनके ही बैच के अफसर आशुतोष राय अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से पदोन्नत होकर DG बना दिए जाएंगे। जबकि वर्ष 1994 बैच के अफसरों में पहले नंबर पर अनंत कुमार सिंह हैं, दूसरे नंबर पर मनमीत सिंह नारंग और तीसरे क्रम पर आशुतोष राय हैं। मनमीत सिंह नारंग भी प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसलिए आशुतोष राय 1 जनवरी को डीजी के पद पर पदोन्नत हो सकते हैं।

यदि राय पदोन्नत हुए और उनकी पदोन्नति के बाद अनंत कुमार सिंह जनवरी से लेकर जून तक प्रदेश में आए, तब उस स्थिति में अनंत कुमार सिंह को भी डीजी का पद देना होगा। डीजी के पद के लिए ऐसी स्थिति में नेक्स्ट बिलो रूल (NBR) लागू होगा और अनंत कुमार सिंह को डीजी के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। हालांकि इसके लिए पुलिस मुख्यालय को शासन से अनुमति लेना होगी।

*इसलिए होना है पदोन्नत*

स्पेशल डीजी सीआईडी पवन श्रीवास्तव 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं। वर्ष 1992 बैच के श्रीवास्तव के रिटायर होने के बाद उनकी जगह पर वर्ष 1994 बैच के अफसरों का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद से स्पेशल डीजी के लिए पदोन्नति होगी। श्रीवास्वत के रिटायर होने के बाद डीजी पद से 30 जून को संजीव शमी रिटायर होंगे।

प्रदेश में हैं DG के 12 पद

हैं। इसमें डीजीपी, डीजी जेल, डीजी होमगार्ड, पुलिस हाउंसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन और डीजी प्रशिक्षण के कॉडर पद हैं। जबकि पांच पद एक्स कॉडर के हैं। इन दस पदों के अलावा डीजी के लिए दो पद राज्य शासन ने अस्थाई तौर पर स्वीकृत कर रखें हैं।